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भारतीय अर्थव्यवस्था

आधार सक्षम भुगतान सेवाएँ

  • 11 Sep 2019
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (India Post Payment Bank-IPPB) की पहली वर्षगाँठ के अवसर पर आधार सक्षम भुगतान सेवाएँ (Aadhaar Enabled Payment System-AEPS) शुरू करने की घोषणा की गई है।

प्रमुख बिंदु

  • AEPS के माध्यम से वित्तीय सेवाओं की पहुँच उन लाखों ग्राहकों तक विस्तारित की जा सकेगी जो बैंकिंग सेवाओं के बजाय अधिकतर नकदी का इस्तेमाल करते हैं तथा बैंकिंग सेवाओं का उपयोग ही नहीं कर पाते।
  • IPPB ने एक वर्ष के भीतर 1 करोड़ ग्राहकों की उपलब्धि हासिल की तथा इसे अगले वर्ष 5 करोड़ ग्राहकों की उपलब्धि हेतु प्रोत्साहित किया गया।
  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benifit Transfer-DBT) मंच पर लाई गई 440 केंद्रीय योजनाओं को IPPB के मंच पर भी लाने की बात कही गई। समावेशन को बढ़ाने हेतु डाक विभाग को सुदूर क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करने, वित्त की आवश्यकता वाले लोगों को वित्त मुहैया करवाने हेतु प्रोत्साहन दिया गया।
  • आधार सक्षम भुगतान सेवाओं (AEPS) की शुरुआत के साथ IPPB किसी भी बैंक के ग्राहकों को अंतर-संचालित बैंकिंग सेवाएँ मुहैया करवाने के लिहाज़ से देश में अकेला सबसे बड़ा मंच बन गया है।

आधार सक्षम भुगतान सेवा (AEPS)

  • AEPS सेवाओं के कारण आधार से जुड़े बैंक खाते वाला कोई भी आम इंसान नकद निकासी और शेष राशि की जाँच जैसी बुनियादी बैंकिंग सेवाओं का फायदा ले सकता है, भले ही उसका खाता किसी भी बैंक में हो।
  • इन सेवाओं का फायदा लेने के लिये आधार से जुड़े खाताधारक अपने भुगतान को पूरा करने के लिये केवल फिंगरप्रिंट स्कैन और आधार प्रमाणन के साथ अपनी पहचान को पुष्ट कर सकता है।
  • AEPS सेवाएँ बहुत आसान हैं और एक ऐसे मितव्ययी बुनियादी ढाँचे द्वारा संचालित होती हैं जिसे बिना किसी भेदभाव के समाज के हर वर्ग तक कम लागत में पहुँचाया जा सकेगा तथा इससे 'सच्चे अर्थों में एक समावेशी वित्तीय व्यवस्था' की प्राप्ति होगी।
  • जन धन योजना के तहत 34 करोड़ से भी ज्यादा खाते हैं और इनमें से 22 करोड़ खाताधारक ग्रामीण भारत में हैं। AIPS सेवाओं द्वारा इन खाताधारकों को बैंकिंग सुविधाएँ आसानी से उपलब्ध कराई जाएंगी।
  • AEPS का लाभ लेते हुए ग्राहक, डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों के माध्यम से नकद निकासी और शेष राशि की जाँच अपने फिंगरप्रिंट के इस्तेमाल के द्वारा अपने दरवाज़े पर कर सकते हैं।
  • IPPB की सेवाएँ अब 136,000 से ज्यादा डाकघरों में उपलब्ध हैं और इनकी आपूर्ति 195,000 से ज़्यादा डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों द्वारा की जाती है। डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों की तकरीबन रोज़ाना हर गाँव तक पहुँचने की योग्यता से बैंकिंग सेवाओँ तक पहुँच की दूरी घटकर '0 किलोमीटर' तक रह गई है जिससे 'आपका बैंक आपके द्वार' की भावना सच में साकार होती है।

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के बारे में

  • इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) की स्थापना 1 सितंबर, 2018 को संचार मंत्रालय में डाक विभाग के अंतर्गत की गई है जिसकी 100 फीसदी हिस्सेदारी पर भारत सरकार का स्वामित्व है।
  • इस बैंक की स्थापना भारत की आम जनता के लिये सबसे सुलभ, सस्ते और भरोसेमंद बैंक का निर्माण करने के दृष्टिकोण के साथ की गई है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का मूल जनादेश यह है कि अधिकतर नकद का इस्तेमाल करने वाले और बैंकिंग सेवाओं का उपयोग न करने वाले लोगों के लिये बैंकिंग सेवाओं से जुड़ी बाधाओं को दूर करे ।
  • IPPB की पहुँच और इसका संचालन मॉडल भारत स्टैक के प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है जो हैं- एकीकृत स्मार्टफोन और बायोमीट्रिक उपकरण के माध्यम से पेपरलेस, कैशलेस और उपस्थिति-हीन बैंकिंग को ग्राहकों के दरवाज़े पर सरल और सुरक्षित तरीके से मुहैया कराना।
  • IPPB 13 भाषाओं में उपलब्ध है तथा यह सहज ज्ञान युक्त इंटरफेसों के माध्यम से सरल और सस्ते बैंकिंग समाधान प्रदान करता है।

IPPB कैशलेश अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने और डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण में योगदान के लिये प्रतिबद्ध है। भारत तभी फलेगा-फूलेगा जब प्रत्येक नागरिक वित्तीय रूप से सुरक्षित और सशक्त होगा। हर ग्राहक महत्त्वपूर्ण है, हर लेन-देन महत्त्वपूर्ण है और हर जमा मूल्यवान है।

स्रोत: PIB

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