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Be Mains Ready

  • 18 Dec 2021 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    प्रश्न. आप एक कानूनी फर्म में भागीदार हैं। आपकी फर्म के ग्राहकों में एक उच्च सामाजिक ख्याति का व्यक्ति है और उसका व्यवसाय समृद्धशाली है। यह ग्राहक आपकी फर्म से पिछले पाँच वर्षों से जुड़ा है। लेकिन अब यह ग्राहक भारत की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी का भागीदार घोषित किया गया है। ग्राहक फरार है और यह माना जा रहा है कि वह एक ऐसे देश में भाग गया है जो केवल पर्याप्त दस्तावेज़ों को प्रस्तुत करने पर ही उसे प्रत्यर्पित कर सकता है। इस मामले में जाँच एजेंसियों ने आपकी फर्म पर छापा मारा है और ऐसे दस्तावेज़ प्राप्त किये हैं जो ग्राहक के अपराधी होने का संकेत देते हैं। परंतु आप जानते हैं कि अभी भी फर्म के पास बहुत सी ऐसी जानकारियाँ उपलब्ध हैं जो ग्राहक का अपराध सिद्ध करने के लिये अति महत्त्वपूर्ण हैं। आपको अहसास है कि उस ग्राहक को गिरफ्तार करना और उसे न्याय हेतु प्रस्तुत करना देश हित में होगा। ऐसी परिस्थितियाँ सामने आने पर आप क्या करेंगे? विभिन्न हितों के संघर्ष का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये और देश का एक ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते अपनी ज़िम्मेदारियों की व्याख्या कीजिये। (250 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • इस मामले में हितों के टकराव के विभिन्न मुद्दों की पहचान कीजिये।
    • एक वकील तथा एक नागरिक के रूप में अपनी ज़िम्मेदारियों के बारे में चर्चा कीजिये।
    • अपने सकारात्मक एवं नकारात्मक पक्षों के साथ कार्य योजना की पहचान कीजिये।
    • कार्रवाई की सबसे उपयुक्त विधि के साथ निष्कर्ष लिखिये।

    हितों में टकराव (Conflict of Interest)
    पेशेवर बनाम सार्वजनिक

    पेशेवर

    ग्राहक के हितों के प्रति वफादारी/सुरक्षा तथा स्वतंत्र निर्णय एक ग्राहक के साथ वकील के संबंधों के आवश्यक तत्त्व हैं।

    ग्राहक-अटॉर्नी विशेषाधिकार

    राष्ट्र के प्रति कर्त्तव्य

    देश के एक ज़िम्मेदार नागरिक के रूप में जाँच एजेंसियों की सहायता करना हमारा कर्त्तव्य है।

    वकील बनाम नैतिक ग्राहक

    वकील एक तकनीशियन है, जो पूरी तरह एक ग्राहक के कानूनी हितों को आगे बढ़ाने के उद्देश्यों के लिये कानून का उपयोग करता है।

    नैतिक ग्राहक वकालत को सच्चाई एवं न्याय के प्रशासन के संदर्भ में देखता है। वकील, अंतत: न्यायालय का एक अधिकारी भी है, न कि केवल ग्राहक का वकील।

    एक वकील के रूप में तथा देश के एक ज़िम्मेदार नागरिक के रूप में उत्तरदायित्व

    कानूनी प्रणाली एवं विधि के शासन के प्रति ज़िम्मेदारियाँ, जो हमारी राजनीतिक अर्थव्यवस्था एवं संवैधानिक लोकतंत्र की नींव हैं, जिसमें न्याय तक पहुँच सुनिश्चित करने में योगदान देने, विधि के शासन तथा विधिक संस्थानों को मज़बूत करने एवं अन्य वकीलों द्वारा अपने स्वयं की पेशेवर ज़िम्मेदारियों को बनाए रखने के प्रयासों का समर्थन करना शामिल हैं।

    उस संस्था के प्रति ज़िम्मेदारियाँ, जिसमें वकील कार्य करते हैं, जैसे- निगम, लॉ फर्म एवं लॉ स्कूल तथा ऐसे संस्थानों द्वारा नियोजित लोगों के लिये, जैसे कि निगम का वैश्विक कार्यबल अथवा लॉ फर्म या लॉ स्कूल के कर्मचारी।

    अन्य व्यापक सार्वजनिक हितों को सुरक्षित करने एवं स्वस्थ निजी आदेशों को बढ़ावा देने के लिये ज़िम्मेदारियाँ - विधि के शासन के पूरक के रूप में - एक सुरक्षित, निष्पक्ष तथा एक ऐसा समाज बनाने के लिये, जिसमें व्यक्ति और संस्थाएँ (प्रमुख निगमों, प्रमुख लॉ फर्मों एवं प्रमुख लॉ स्कूलों सहित) लंबी अवधि में कामयाब हो सकते हैं।

    मेरे पास उपलब्ध विकल्प

    मैं पूरी शक्ति के साथ अपने ग्राहक को बचाने की कोशिश करूँगा: यह भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अनुसार होगा। अटॉर्नी ग्राहक विशेषाधिकार एक ग्राहक तथा उसके वकील के बीच संबंध का आधार है। यह गोपनीयता सिद्धांत के तहत संरक्षण के सबसे पुराने स्वरूपों में से एक है तथा सभी लोकतंत्रों में एक मौलिक अधिकार है। यह एक स्थायी विशेषाधिकार है जो ग्राहक द्वारा सलाह लेने की प्रक्रिया शुरू करने पर आरंभ होता है। इसका इरादा ग्राहक अपने वकील को पूर्ण एवं स्पष्ट प्रकटीकरण के लिये सक्षम बनाना है जो बदले में अपने ग्राहक के प्रति अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन कर सकता है।

    ऐसा करने में, न केवल मैं अपनी पेशेवर नैतिकता का पालन करूँगा, बल्कि अपने ग्राहक के प्रति मेरा कर्त्तव्य भी पूरा होगा।

    हालाँकि यदि उपर्युक्त अपराध मेरे कार्य के दायरे में नहीं है, तो मैं सरकारी एजेंसियों के साथ डाटा साझा करने में संकोच नहीं करूँगा।

    मैं न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा करूँगा: विधि के शासन के अनुसार, यदि न्यायिक प्रक्रिया डाटा जमा करने की मांग करती है, तो मैं अपने साझेदारों से इस संदर्भ में सलाह लूँगा। यदि वे सहमत हैं, तो जानकारी न्यायिक प्रक्रिया को जमा कर दी जाएगी, यदि वे सहमत नहीं हैं तो मैं मुद्दे पर आम सहमति बनाने की कोशिश करूँगा तथा उसी के अनुसार आगे बढ़ूंगा।

    क अनाम पत्र भेजना: मैं एजेंसियों को उपलब्ध डाटा के साथ अनाम पत्र भेजूंगा। हालाँकि ऐसा करने से मैं अपनी पेशेवर नैतिक संहिता का उल्लंघन करूँगा। नीतिशास्त्र के अनुसार देखा जाए तो यह सही नहीं होगा, लेकिन एक उपयोगितावादी दृष्टिकोण से, यह मेरी फर्म की प्रतिष्ठा को बचाने के उद्देश्य के साथ-साथ राष्ट्र के प्रति मेरे दायित्व को भी पूरा करेगा।

    क ह्विसलब्लोअर बनना: संगठनात्मक एवं पेशेवर नैतिकता को नैतिक स्वायत्तता, व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी तथा समग्र रूप से समाज की भलाई के लिये संगठनात्मक समर्थन को प्रोत्साहित करने हेतु डिज़ाइन किया गया है। ऐसे मामले में, एजेंसियों के साथ डाटा साझा करना उचित होगा।

    एक ज़िम्मेदार नागरिक के रूप में, देश की भलाई के बारे में सोचना प्रत्येक व्यक्ति का कर्त्तव्य है। इस कल्याणकारी आधार में, आर्थिक प्रणाली बहुत महत्त्वपूर्ण है। ऐसी प्रकृति की घटनाएँ किसी देश की नींव को हिला सकती हैं। इसके अलावा, ऐसे व्यक्ति को दंडित न करने से अन्य व्यक्तियों को अपराध करने के लिये प्रोत्साहन मिलेगा। इन उद्देश्यों के अनुसरण की प्रक्रिया में अपराधी का डाटा जहाँ तक संभव हो साझा किया जाना चाहिये।

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