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  • 18 Dec 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 आपदा प्रबंधन

    आपदा प्रबंधन हेतु सक्रिय उपायों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। चर्चा कीजिये। (150 शब्द)

    उत्तर

    दृष्टिकोण

    • आपदा का संक्षिप्त विवरण या परिभाषा दीजिये।
    • आपदा प्रबंधन (डीएम) हेतु पारंपरिक प्रतिक्रियाशील दृष्टिकोण के नुकसान के बारे में बताएंँ।
    • आपदा प्रबंधन हेतु सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने के फायदे को विस्तार से समझाइये।

    परिचय

    • आपदा, समुदाय या समाज की कार्यप्रणाली के समक्ष एक गंभीर व्यवधान है जिसके व्यापक प्रभावों में मानव, सामग्रियों/वस्तुओं, आर्थिक या पर्यावरणीय नुकसान शामिल हैं जो प्रभावित समुदाय या समाज की अपने संसाधनों का उपयोग करने की क्षमता को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है।
    • मुख्य रूप से आपदाओं को प्राकृतिक या मानव-प्रेरित या दोनों के संयोजन के परिणामस्वरूप देखा जाता है।
    • पारंपरिक प्रतिक्रियाशील आपदा प्रबंधन दृष्टिकोण में, आपदा के बाद के परिदृश्य में राहत और पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।अब आपदा प्रबंधन रोकथाम, शमन और तैयारियों पर ज़ोर देने के साथ ही समग्र और एकीकृत दृष्टिकोण के साथ पारंपरिक राहत केंद्रित दृष्टिकोण में एक प्रकार का बदलाव आया है।
    • आपदा प्रबंधन के चार चरण हैं (1) शमन (2) तैयारी (3) प्रतिक्रिया (4) रिकवरी। यह मॉडल आपदा के दौरान आपातकालीन तैयारियों से संबंधित मुद्दों के साथ-साथ आपदा के बाद की स्थिति को सामान्य करने में मदद करता है।

    प्रारूप

    आपदा प्रबंधन हेतु प्रतिक्रियाशील दृष्टिकोण के नुकसान:

    • जीवन और सामग्री का बढ़ा नुकसान: प्रतिक्रियात्मक दृष्टिकोण राहत और तत्काल पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित करता है और निवारक, आपदा में कमी की नीतियों की उपेक्षा करता है । इस प्रकार के दृष्टिकोण में जीवन और सामग्री की क्षति अधिक होती है।
    • विभिन्न प्रकार की आपदाओं हेतु अनुकूल दृष्टिकोण का अभाव: विभिन्न प्रकार की आपदाओं के लिये प्रतिक्रिया उपाय भिन्न-भिन्न या अलग हो सकते हैं जो आपदाओं के प्रतिक्रियाशील दृष्टिकोण में संभव नहीं है। आपदा प्रबंधन हेतु प्रतिक्रियात्मक दृष्टिकोण सभी प्रकार की आपदा के लिये समान रूप से कार्य करता है।
    • प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों का अभाव: प्रतिक्रियात्मक दृष्टिकोण के कारण आपदा प्रतिक्रिया व्यक्त करने में देरी होती है।चयनित संस्थानों के माध्यम से समय पर और विश्वसनीय जानकारी के प्रावधान के परिणामस्वरूप समुदाय और सरकारी मशीनरी को आपदा जोखिम कम करने तथा खतरे का सामना करने के लिये तैयार रहने में मदद मिल सकती है।

    सक्रिय दृष्टिकोण के लाभ

    • जीवन की सुरक्षा: सांख्यिकीय साक्ष्य बताते हैं कि कई विकसित और विकासशील देशों में आपदा रोकथाम हेतु अपनाए गए उपायों से जानमाल के नुकसान को कम करने में मदद मिली है।
    • बुनियादी ढाँचे और आजीविका की रक्षा: आपदाओं के कारण होने वाली संपत्ति की क्षति की रोकथाम और शमन पर बल देते हुए एकीकृत आपदा प्रबंधन दृष्टिकोण के माध्यम से बुनियादी ढाँचे और आजीविका की रक्षा कर नुकसान को कम किया जा सकता है।
    • पर्यावरण की रक्षा: कुछ मामलों में आपदाओं के प्रति लचीला दृष्टिकोण अपनाने से भी प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण में मदद मिलती है।
    • कोई भी आपदा अचानक से उत्पन्न नहीं होती है। इसका एक जीवन चक्र होता है जिसे इसके प्रेरक कारकों के आधार पर विकसित होने में दिन, महीने या दशकों का समय लग सकता है। इस प्रकार किसी भी आपदा की जांँच करना आवश्यक है ताकि संकट आशंका कम करने तथा इसे रोकने के लिये रणनीतिक उपाय किये जा सकें।

    निष्कर्ष

    • किसी भी आपदा को आपातकालीन उपायों के माध्यम से कम किया जा सकता है जिसमें बिल्डिंग कोड और ज़ोनिंग नियमों के बेहतर प्रवर्तन, ड्रेनेज सिस्टम का उचित रखरखाव, जागरूकता और खतरों को कम करने हेतु सार्वजनिक शिक्षा आदि का प्रचार शामिल है।
    • इसके लिये भारत ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु सेंडई फ्रेमवर्क के अनुसार, आपदा में कमी की क्षमता को उन्नत किया है जिसे वर्ष 2015 में 25 वर्षों के लिये (वर्ष 2015-2030 तक) जापान के सेंदाई में आयोजित तीसरे संयुक्त राष्ट्र विश्व आपदा न्यूनीकरण सम्मेलन के दौरान अपनाया गया था।
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