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स्टेट पी.सी.एस.

  • 14 Mar 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

संस्कृत सीखने के लिये बनाया ऑनलाइन गेम एप ‘शास्त्रार्थ’

चर्चा में क्यों?

13 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेज युइंग क्रिश्चियन महाविद्यालय (ईसीसी) में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरुणेय मिश्र ने संस्कृत सीखने के लिये ऑनलाइन गेम एप बनाया है, जिसे ‘शास्त्रार्थ’ नाम दिया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • शास्त्रार्थ एप न केवल खेल-खेल में संस्कृत सीखने बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये भी उपयोगी साबित होगा।
  • संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरुणेय के निर्देशन में तैयार इस एप के जरिये संपूर्ण भारत के संस्कृत छात्रों के बीच आपस में गेम खेला जा सकता है। खेल के तीन प्रारूप हैं। तीनों प्रारूपों के लिये प्रत्येक प्रश्न का उत्तर देने के लिये 30 सेकेंड का समय मिलेगा।
  • प्ले एलोन में जहाँ इसे केवल अकेले खेला जाएगा, वहीं प्ले विद फ्रेंड्स एवं प्ले ऑनलाइन में दो व्यक्ति आपस में कहीं से भी इसे मोबाइल अथवा कंप्यूटर पर ऑनलाइन खेल सकेंगे। जो अधिक प्रश्नों का सही उत्तर देगा, वह विजेता घोषित होगा। उत्तर बराबर होने पर कम समय में सही उत्तर देने वाला व्यक्ति विजेता घोषित होगा।
  • गौरतलब है कि डॉ. आरुणेय मिश्र ने छात्रों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के माध्यम से संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिये इस एप को तैयार किया गया है। इस गेम एप से संस्कृत के प्रति छात्रों में रूचि भी पैदा होगी।
  • संस्कृत भाषा से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिये भी मददगार साबित होगा। खास तौर से इस एप का उद्देश्य यह भी है कि आर्थिक दृष्टि से कमजोर छात्र भी इस एप के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
  • डॉ. मिश्र ने बताया कि एक और एप पर भी काम चल रहा है, जो युवा और किशोरावस्था के छात्रों को संस्कृत के प्रति आकृष्ट करने में सहायक होगा।
  • विदित है कि संस्कृत भाषा से संबंधित ऑनलाइन गेम का इस तरह का यह पहला एप है। यह एप पूर्णतया निशुल्क है।
  • डॉ. आरुणेय मिश्र ने बताया कि पाठ्यक्रम के अनुसार समय-समय पर एप को अपडेट भी किया जाएगा। वर्तमान में इस एप पर 2000 प्रश्नों का संकलन है। प्रति माह इसमें पुराने प्रश्नों के साथ 1000 नवीन प्रश्न जुड़ते जाएंगे।
  • प्ले स्टोर पर ‘शास्त्रार्थ’ डालने पर इस एप को वहाँ से डाउनलोड किया जा सकता है।


राजस्थान Switch to English

राजस्थान मिलेट्स कान्क्लेव-2023

चर्चा में क्यों?

13 मार्च, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के जयपुर शहर में दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान में राजस्थान मिलेट्स कॉन्क्लेव-2023 का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि कृषक कल्याण और कृषि क्षेत्र के विकास में राज्य सरकार ने अपनी अहम भूमिका निभाई है। विधानसभा में दो बार पृथक् कृषि बजट पेश कर पूरे देश में ऐतिहासिक पहल की।
  • उन्होंने बताया कि राज्य में मिलेट्स की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और कृषि अनुसंधान के लिये मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है। लगभग 42 कृषि महाविद्यालयों की स्थापना की गई है, जिससे युवा पीढ़ी को कृषि क्षेत्र में उच्च शिक्षा ग्रहण कर भविष्य सँवारने के अवसर मिल रहे हैं। हाल ही में वेटेनरी यूनिवर्सिटी की भी घोषणा की गई है।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि कृषि अनुसंधान से किसानों को भविष्य के लिये अपनी फसल तैयार करने में लाभ मिलेगा। कॉन्क्लेव में मिलेट्स का बेहतर उत्पादन, प्रबंधन और विपणन करने की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण सुझाव सामने आएंगे।
  • इस अवसर पर उन्होंने बताया कि किसानों के लिये प्रतिमाह 2000 यूनिट नि:शुल्क बिजली उपलब्ध कराने का बजट में प्रावधान किया गया है। इससे लगभग 12 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
  • राजस्थान मिलेट्स कॉन्क्लेव-2023 में मुख्यमंत्री ने राजकिसान सुविधा एप लॉन्च किया। इसमें योजनाओं के आवेदन और उनकी स्थिति जानी जा सकेगी। इसके अलावा उन्होंने राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 की सफलता की कहानियों से संबंधित बुकलेट का विमोचन भी किया। इस दौरान ‘समृद्ध किसान-खुशहाल राजस्थान’लघु फिल्म भी दिखाई गई।
  • कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हनुमानगढ़ से भूपेंद्र सिंह, नागौर से पतासी देवी, जयपुर से दिनेश कुमार चौधरी, घासीराम जाट, भीलवाड़ा से विष्णु, बाँसवाड़ा से कुरेश बागीदोरा, सीकर से हनुमानराम, अलवर से सूरजभान एवं जोधपुर से जितेंद्र सिंह सांखला को एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी (आत्मा योजना) में राज्य स्तरीय कृषक पुरस्कार से सम्मानित किया।  


राजस्थान Switch to English

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ई.आर.सी.पी.) के लिये 14200 करोड़ रुपए स्वीकृत

चर्चा में क्यों?

11 मार्च, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ई.आर.सी.पी.) के निर्माण के लिये 14200 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • 14200 करोड़ रुपए के वित्तीय स्वीकृति से नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक परियोजना, निर्माणाधीन नवनेरा बैराज एवं ईसरदा बांध, रामगढ़ एवं महलपुर बैराज का निर्माण, नवनेरा बैराज, मेज एनिकट तथा गलवा बांध में पंपिंग एवं विद्युत स्टेशन स्थापित करने तथा बाढ़ के पानी को संगृहित करने सहित विभिन्न कार्य पूरे किये जा सकेंगे।
  • इसके अलावा, बीसलपुर बांध की ऊँचाई 0.5 मीटर बढ़ाने तथा 202.42 कि.मी. लंबे जल परिवहन तंत्र को विकसित करने के कार्य भी किये जा सकेंगे।
  • पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ई.आर.सी.पी.) के तहत वर्ष 2040 तक जयपुर, अजमेर एवं टोंक ज़िले की अतिरिक्त पेयजल आवश्यकताओं तथा जयपुर ज़िले के शेष ग्रामीण क्षेत्रों हेतु 16.82 टीएमसी पेयजल की अतिरिक्त मांग को ध्यान में रखते हुए जल प्रबंधन के कार्य किये जा सकेंगे।
  • उल्लेखनीय है कि पूर्वी राजस्थान के 13 ज़िलों में सिंचाई तथा पेयजल की समस्या के समाधान के लिये ई.आर.सी.पी. एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है। इसके तहत राज्य की नदियों में उपलब्ध अतिरिक्त पानी जो प्रतिवर्ष यमुना नदी के माध्यम से समुद्र में व्यर्थ बह जाता है, को बांधों के माध्यम से रोककर राज्य में उपयोग में लाया जाएगा।
  • ज्ञातव्य है कि अशोक गहलोत ने बजट 2023-24 में इस परियोजना के अंतर्गत विभिन्न कार्यों के लिये 13 हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। इसी बजट घोषणा की अनुपालना में यह स्वीकृति दी गई है। 

मध्य प्रदेश Switch to English

लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम के दायरे में अब 48 विभाग की 696 सेवाएँ

चर्चा में क्यों?

13 मार्च, 2023 को मध्य प्रदेश के लोक सेवा प्रबंधन एवं सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में हुई विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक में बताया गया कि लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम में 48 विभाग की 696 सेवाएँ दी जा रही हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • लोक सेवा प्रबंधन एवं सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने बताया कि नागरिकों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर किये गए आवेदनों का निराकरण किया जा रहा है। लगभग एक करोड़ 22 लाख से अधिक व्यक्तियों को सीएम हेल्पलाइन से लाभान्वित किया गया है।
  • सीएम हेल्पलाइन में दर्ज 2 करोड़ शिकायतों में से 98 प्रतिशत का निराकरण किया जा चुका है। सीएम हेल्पलाइन से नागरिकों को व्हाट्सअप के माध्यम से दर्ज शिकायतों की स्थिति और योजनाओं की जानकारी देने की सुविधा भी दी जा रही है।
  • सीएम जन-सेवा में नागरिकों को दैनिक जीवन में सर्वाधिक जनोपयोगी लोक सेवा गारंटी अधिनियम की सेवाएँ दी जा रही हैं। इनमें आय, मूल निवासी प्रमाण-पत्र और चालू खसरा-खतौनी, नक्शा एवं भू-अधिकार पुस्तिका की प्रतिलिपियों का प्रदाय सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 पर प्राप्त कॉल पर किया जा रहा है।
  • राज्य लोक सेवा अभिकरण के कार्यपालक निदेशक अभिजीत अग्रवाल ने बताया कि पिछले 6 माह में लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा नागरिकों को बेहतर सेवाएँ देने के लिये उल्लेखनीय कार्य किये गए हैं। प्रदेश में 230 लोक सेवा केंद्रों से आधार पंजीयन और 430 केंद्रों से आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं।

झारखंड Switch to English

शेखर मल्लिक को भारतीय भाषा परिषद देगी युवा पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

13 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता का प्रतिष्ठित युवा पुरस्कार झारखंड के युवा कथाकार शेखर मल्लिक को दिया जाएगा। इस संबंध में कथाकार शेखर मल्लिक को परिषद ने ईमेल के जरिये सूचना दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • शेखर मल्लिक ने प्रतिष्ठित युवा पुरस्कार दिये जाने की घोषणा के बाद बताया कि वर्ष 2020 में ही उन्हें यह पुरस्कार दिये जाने का निर्णय हो चुका था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से उस वक्त इसकी घोषणा नहीं हो सकी।
  • ज्ञातव्य है कि शेखर मल्लिक झारखंड के पूर्वी सिंहभूम ज़िले के घाटशिला के रहने वाले हैं।
  • शेखर मल्लिक ने बताया कि भारतीय भाषा परिषद का यह पुरस्कार हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के युवा साहित्यकारों को साहित्य में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिये दिया जाता है। उनका चयन हिन्दी भाषा के लिये किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि भारतीय भाषा परिषद का यह पुरस्कार आठ अप्रैल को शेखर मल्लिक को कोलकाता में दिया जाएगा। इस पुरस्कार में लेखक को 41 हज़ार रुपए की राशि, एक स्मृति चिह्न, अभिनंदन पत्र और शॉल देकर सम्मानित किया जाएगा।
  • झारखंड प्रगतिशील लेखक संघ के उप महासचिव शेखर मल्लिक समकालीन चर्चित युवा लेखक हैं, जिनकी पहली कहानी को प्रतिष्ठित पत्रिका हंस में प्रथम प्रेमचंद कहानी पुरस्कार 2004 हेतु नामित किया गया था।
  • उनके तीन कहानी संग्रह स्वीकार और अन्य कहानियाँ, कस्बाई औरतों के किस्से और आधी रात का किस्सागो तथा एक उपन्यास कालचिती प्रकाशित हैं। शेखर मल्लिक IPTA से जुड़े संस्कृतिकर्मी भी हैं।
  • शेखर मल्लिक ने बताया कि उनके दो उपन्यास अभी प्रकाशित होने वाले हैं। उनकी कथा रचनाओं के नाट्य रूपांतरण, अन्य भाषाओं में अनुवाद व उन पर शोध कार्य भी हुए हैं।
  • इनकी रचनाएँ देश के प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें हंस, उद्घोष, अन्यथा, परिकथा, पाखी, वागर्थ और प्रगतिशील वसुधा शामिल हैं।


छत्तीसगढ़ Switch to English

‘अंगना म शिक्षा’कार्यक्रम को मिला वर्ष 2022 का स्कॉच अवार्ड

चर्चा में क्यों?

13 मार्च 2023 को छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग को एक बार पुन: अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिये राज्य में समग्र शिक्षा द्वारा संचालित ‘अंगना म शिक्षा’कार्यक्रम के तहत वर्ष 2022 में किये गए कार्य के लिये स्कॉच अवार्ड 2022 प्राप्त हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • ‘अंगना म शिक्षा’का यह पूरा कार्यक्रम छत्तीसगढ़ की महिला शिक्षिकाओं के समूह द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस वर्ष इस कार्यक्रम का तीसरा वर्ष होगा और प्रतिवर्ष इसमें महिला नेतृत्व द्वारा कुछ नया डिजाइन शामिल किया जाता है।
  • उल्लेखनीय है कि स्कॉच अवार्ड एक स्वतंत्र संगठन द्वारा प्रदत्त देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो ऐसे लोगों, परियोजनाओं और संस्थानों की पहचान करता है जो भारत को एक बेहतर राष्ट्र बनाने के लिये अतिरिक्त प्रयास करते हैं।
  • इस अवार्ड को वर्ष 2003 में स्थापित किया गया था। यह अवार्ड डिजिटल, वित्तीय और सामाजिक समावेश के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रयासों के लिये प्रदान किया जाता है।
  • विदित है कि कोरोना के समय जब स्कूल शिक्षा विभाग का पूरा अमला बच्चों की पढ़ाई को जारी रखने के लिये निरंतर प्रयासरत था और शिक्षकों को इस कार्य के लिये प्रोत्साहित करते हुए नए-नए तरीकों से बच्चों की पढ़ाई को जारी रखने की कोशिश की जा रही थी, उसी समय राज्य के कुछ महिला शिक्षिकाओं ने इस राज्यव्यापी कार्यक्रम ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ में अपने योगदान का प्रस्ताव रखा। उन्होंने माताओं को प्रशिक्षित कर उनके माध्यम से घर पर रहते हुए ही बच्चों को सिखाने के प्रयास को ‘अंगना म शिक्षा’के रूप में प्रारंभ किया।
  • ‘अंगना म शिक्षा’कार्यक्रम के माध्यम से माताओं में अपने बच्चों की पढ़ाई के प्रति अलख जगाने में सफलता पाई। माताओं एवं छोटे बच्चों को गाँव-गाँव में मेलों का आयोजन कर, मेले में माताओं एवं बच्चों को आमंत्रित कर घर में उपलब्ध सामग्री जैसे बर्तन, सब्जी, फल, कपड़े आदि का उपयोग कर सिखाया जाए, इस पर कार्य किया गया।
  • इस कार्यक्रम में ग्राम स्तर पर बेहतर कार्य कर रही माताओं को स्मार्ट माता के रूप में चयन कर सम्मानित किया गया।
  • स्मार्ट माता अन्य माताओं को भी इस कार्यक्रम में जोड़े रखने एवं सीखने में सहयोग के साथ-साथ समय-समय पर बालवाड़ी एवं प्राथमिक शालाओं में जाकर बच्चों की शिक्षा में सहयोग एवं शिक्षकों से अपने बच्चों के सीखने के कार्य संबंधी जानकारी लेने का कार्य भी करती थीं। इस कार्यक्रम के माध्यम से माताओं में बच्चों को घर पर पढ़ाने की संस्कृति विकसित करने में सफलता मिली है।
  • बच्चों ने जो कुछ सीखा, उसे रिपोर्ट कार्ड के बदले एक सपोर्ट कार्ड डिजाइन कर माताओं के हस्ताक्षर से माताओं द्वारा अपने बच्चों के शिक्षकों को देना सुनिश्चित किया गया। माताओं को बहुत आसान तरीकों से सरल चिन्ह्नों का उपयोग कर बच्चों की विभिन्न दक्षताओं में स्थिति को दर्शाने का प्रयास किया गया।
  • शिक्षिकाओं के समूहों द्वारा संकुल, विकासखंड, ज़िले एवं राज्य स्तर पर कोर ग्रुप के माध्यम से पूरे कार्यक्रम की मानिटरिंग की व्यवस्था की गई।


उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड सौर ऊर्जा नीति - 2023

चर्चा में क्यों?

13 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के चमोली ज़िले में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश की नई सौर ऊर्जा नीति (उत्तराखंड सौर ऊर्जा नीति - 2023) को मंजूरी दी गई।

प्रमुख बिंदु 

  • उत्तराखंड राज्य सौर ऊर्जा नीति - 2023 में सरकार ने यह अपेक्षा जताई है कि दिसंबर 2027 तक प्रदेश में 2500 मेगावाट बिजली का उत्पादन इस प्रोजेक्ट से होगा। इनसे सौर ऊर्जा के क्षेत्र में रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे और ग्रामीणों की आजीविका के अवसर भी बढ़ेंगे।
  • नई सौर ऊर्जा नीति के तहत निजी उपयोग या तीसरे पक्ष की बिक्री के लिये सरकारी या निजी भूमि पर भी सौर ऊर्जा की परियोजनाएँ लगाई जा सकेंगी।
  • यूपीसीएल के स्तर से राज्य के बाहर भी सौर ऊर्जा की परियोजनाएँ लगाई जा सकेंगी। यह प्रावधान इसलिये किया गया है क्योंकि यूपीसीएल को अपनी खरीदी जाने वाली बिजली का एक निश्चित प्रतिशत सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट से खरीदना अनिवार्य है।
  • नई पॉलिसी में स्थानीय युवाओं के लिये रोज़गार की भी गारंटी दी गई है। इसमें बताया गया है कि जो भी सरकारी भूमि को लीज पर लेकर अपना सोलर प्रोजेक्ट लगाएगा, उसे 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोज़गार देना होगा। उरेडा अपने टेंडर में इस शर्त को जारी करेगा।
  • पॉलिसी में यह प्रावधान भी किया गया है कि यूपीसीएल सौर ऊर्जा का एक ग्रीन टैरिफ प्रस्ताव तैयार करेगा, जो कि नियामक आयोग को भेजा जाएगा। नियामक आयोग उपभोक्ताओं के लिये ग्रीन टैरिफ चुनने का विकल्प दे सकता है।
  • इसके अलावा पीक आवर्स में ग्रिड में सौर ऊर्जा देने वालों को फीड इन टैरिफ से प्रोत्साहित कर सकता है। आसान पहुँच व निगरानी के लिये वर्चुअल नेट मीटरिंग (वीएनएम) और ग्रुप नेट मीटरिंग (जीएनएम) का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • नई पॉलिसी में उरेडा की जिम्मेदारियाँ भी बढ़ाई गई हैं। इसके तहत उरेडा को एक सोलर पॉलिसी सेल की स्थापना करनी होगी, जिसके तहत सिंगल विंडो के माध्यम से सोलर प्रोजेक्ट को पास किया जाएगा। उरेडा को लैंडबैंक बनाना होगा तथा सभी सरकारी ज़मीनें और भवनों की सूची बनानी होगी, जहाँ सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लग सकते हैं। इसी प्रकार, ऐसी निजी भूमि भी चिन्ह्ति करनी होंगी, जिन पर कोई प्राइवेट व्यक्ति लीज पर अपना प्रोजेक्ट लगा सके।
  • नई नीति से मिलने वाले फायदे-
    • सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट लगेंगे।
    • लैंड यूज परिवर्तन शुल्क, न्यायालय शुल्क, पंजीकरण, भूमि उपयोग अनुमोदन, बाहरी विकास शुल्क, जाँच शुल्क और बुनियादी ढाँचा विकास शुल्क में छूट मिलेगी।
    • जो भी प्रोजेक्ट लगेगा, यूपीसीएल को अनिवार्य तौर पर उससे बिजली खरीदनी होगी। इससे निवेशकों का जोखिम कम होगा।
    • फीड इन टैरिफ के माध्यम से अतिरिक्त बिजली उत्पादन करने वाले उपभोक्ताओं को मुआवज़ा मिलेगा। वहीं, दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे विकास एवं स्वरोज़गार योजना को भी इससे लाभ पहुँचेगा।
    • अपने उपयोग के लिये और सामूहिक उपयोग के लिये निर्बाध अभिगम और एसजीएसटी व बिजली शुल्क में छूट मिलेगी।

उत्तराखंड Switch to English

चिन्यालीसौड़ में वायुसेना का तीन दिवसीय अभ्यास शुरू

चर्चा में क्यों?

13 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार भारत-चीन सीमा से लगे उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर वायुसेना का तीन दिवसीय अभ्यास शुरू हो गया।

प्रमुख बिंदु 

  • वायुसेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि तीन दिनों तक चलने वाले अभ्यास में यहाँ वायुसेना के मल्टीपर्पज विमान एएन-32 की लैंडिंग और टेक-ऑफ का अभ्यास किया जाएगा। हालाँकि वायुसेना यहाँ पहले भी एएन-32 विमान की सफलतापूर्वक लैंडिंग और टेक-ऑफ करा चुकी है। यह इस साल का पहला अभ्यास है।
  • गौरतलब है कि भारत-चीन सीमा से लगे उत्तरकाशी जनपद में चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा सामरिक दृष्टि से बेहद महत्त्वपूर्ण है। यही वजह है कि भारतीय वायुसेना इस हवाई अड्डे को अपना एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) बनाना चाहती है और समय-समय पर यहाँ अपने विमानों का अभ्यास करती है।
  • उल्लेखनीय है कि वायुसेना के एएन-32 विमान का पूरा नाम एंटोनोव-32 है। इन्हें वायुसेना ने सोवियत यूनियन से खरीदा था। यह दो इंजन वाला सैन्य यातायात विमान है, जो 55 डिग्री सेल्सियस के तापमान में और 14500 फीट की ऊँचाई तक उड़ान भर सकता है, जिसमें पायलट, को-पायलट, गनर, नेविगेटर व इंजीनियर सहित 5 क्रू मेंबर और 50 लोग सवार हो सकते हैं। जीपीएस से लैस इस विमान में रडार और मॉडर्न नेवीगेशन सिस्टम भी होता है।

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