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स्टेट पी.सी.एस.

  • 17 May 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

पेराई सत्र 2023-24 के लिये गन्ने के सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी

चर्चा में क्यों?

15 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा पेराई सत्र 2023-24 के लिये गन्ने की सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी गई है।

प्रमुख बिंदु

  • गन्ना आपूर्ति नीति के आधार पर ही प्रदेश के गन्ना कृषकों को गन्ने की पर्चियों के जारी करने सहित गन्ना आपूर्ति के लिये विस्तृत निर्देश चीनी मिलों को दिये हैं।
  • संजय भूसरेड्डी ने बताया कि इस वर्ष की आपूर्ति नीति में प्रति कृषक गन्ना सट्टे की सीमा सीमांत कृषक (1 हेक्टेयर तक) के लिये अधिकतम 850 कुंतल से बढ़ाकर 900 कुंतल, लघु कृषक (2 हेक्टेयर तक) के लिये 1,700 कुंतल से बढ़ाकर 1,800 कुंतल तथा सामान्य कृषक (5 हेक्टेयर तक) के लिये 4,250 कुंतल से बढ़ाकर 4,500 कुंतल की गई है।
  • उपज बढ़ोतरी की दशा में सट्टे की अधिकतम सीमा सीमांत, लघु एवं सामान्य कृषक के लिये क्रमश : 1,350 कुंतल से बढ़ाकर 1,400 कुंतल, 2,700 कुंतल से बढ़ाकर 2,800 कुंतल तथा 6,750 कुंतल से बढ़ाकर 7,000 कुंतल निर्धारित की गई है।
  • राज्य में छोटे किसानों को बड़ी राहत देते हुए अब 60 कुंतल की जगह 72 कुंतल तक के सट्टा धारक गन्ना किसानों को छोटे कृषक की श्रेणी में शामिल कर दिया गया है। इससे इन सट्टा धारकों को 45 दिन के अंदर गन्ना आपूर्ति की सुविधा मिल सकेगी।
  • इस वर्ष की सट्टा आपूर्ति में भूमि क्रय-विक्रय के प्रकरणों में बेसिक कोटा हस्तांतरण, ड्रिप विधि से सिंचाई करने वाले कृषकों को सट्टे में प्राथमिकता, सैनिकों, अर्द्धसैनिक बलों, भूतपूर्व सैनिकों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा उनके विधिक उत्तराधिकारियों को गन्ना आपूर्ति में प्राथमिकता, उत्तम गन्ना कृषकों को उपज बढ़ोतरी हेतु नि:शुल्क प्रार्थना-पत्र देने की सुविधा एवं सट्टाधारक सदस्य कृषक की मृत्यु पेराई सत्र के दौरान होने पर सट्टा चालू रखे जाने संबंधी अन्य प्राविधान भी प्रमुख हैं।
  • आपूर्तिकर्त्ता किसानों की अधिकतम गन्ना आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिये गत दो वर्ष, तीन वर्ष एवं पाँच वर्ष की औसत गन्ना आपूर्ति में से अधिकतम औसत गन्ना आपूर्ति को पेराई सत्र 2023-24 के लिये बेसिक कोटा माने जाने के निर्देश दिये गए हैं। इससे न केवल कृषकों की गन्ना आपूर्ति में बढ़ोतरी होगी बल्कि चीनी मिलों को भी अधिक गन्ना प्राप्त हो सकेगा।
  • इसके अलावा, जो कृषक पेराई सत्र 2022-23 में नये सदस्य बने हैं तथा एक वर्ष ही गन्ना आपूर्ति किये हैं, उनके एक वर्ष की गन्ना आपूर्ति को ही बेसिक कोटा माना जाएगा। अंतिम कैलेंडर स्मार्ट गन्ना किसान (ई.आर.पी.) की वेबसाइट caneup.in एवं मोबाईल ऐप E Ganna पर ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। कृषकों के लिये अतिरिक्त टर्मिनल लगाकर पूछ-ताछ केंद्र स्थापित किया जाएगा।
  • राज्य में सैनिकों, अद्धसैनिक बलों, भूतपूर्व सैनिकों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं उनके विधिक उत्तराधिकारियों को सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर गन्ना आपूर्ति में 20 प्रतिशत की प्राथमिकता दी जाएगी।
  • इस वर्ष की आपूर्ति नीति में पेराई सत्र के मध्य यदि किसी गन्ना आपूर्ति कृषक का डबल बांड (दोहरा सट्टा) प्रकाश में आता है, तो ऐसे प्रकरण को केन इंप्लीमेंटेशन कमेटी की बैठक में रखकर संबंधित कृषक की गन्ना आपूर्ति/गन्ना मूल्य भुगतान पर रोक लगाए जाने की कार्यवाही की जाएगी।
  • इस व्यवस्था से गन्ना माफियाओं द्वारा अनियमित आपूर्ति अब संभव नहीं हो सकेगी।
  • गन्ना समितियों के 30 सितंबर, 2023 तक बने सदस्य ही आगामी सत्र में ही गन्ना आपूर्ति की सुविधा पाएंगे। कृषकवार व ग्रामवार सर्वे सट्टा सूचियों का प्रदर्शन 20 जुलाई से 30 अगस्त, 2023 तक किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश के गाँवों में इस साल बनेंगे 6458 खेल मैदान

चर्चा में क्यों?

17 मई, 2023 को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिये राज्य सरकार द्वारा खेलकूद से संबंधित आधारभूत ढाँचे को मजबूत करने के क्रम में मनरेगा के तहत चालू वित्तीय वर्ष में 6458 खेल मैदान बनाए जाएंगे।  

प्रमुख बिंदु  

  • मनरेगा के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में 6458 खेल मैदान बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।  
  • मनरेगा खेल मैदानों को मनरेगा पार्क के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। यहाँ पर बुजुर्गों के घूमने-टहलने के साथ-साथ बच्चों के मनोरंजन हेतु झूले और किशोरों के लिये ओपेन जिम भी बनेंगे।  
  • विदित है कि प्रदेश में 2017-18 से 2022-23 तक 5 सालों में 23,576 खेल मैदान व मनरेगा पार्क बनाए गए हैं। इनके निर्माण पर 852 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।

राजस्थान Switch to English

नदबई एवं लवाण के आयुर्वेद औषधालय को ब्लॉक आयुष चिकित्सालय में क्रमोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी

चर्चा में क्यों?

15 मई, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निरोगी राजस्थान की संकल्पना में आयुर्वेद की महत्त्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए भरतपुर ज़िले के नदबई एवं दौसा ज़िले के लवाण के आयुर्वेद औषधालय को ब्लॉक आयुष चिकित्सालय में क्रमोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। 

प्रमुख बिंदु  

  • मुख्यमंत्री ने इन चिकित्सालयों में 41 नवीन पदों के सृजन के लिये भी स्वीकृति दी है। नवीन सृजित पदों में आयुर्वेद चिकित्साधिकारी विशेषज्ञ, यूनानी चिकित्साधिकारी, होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी, वरिष्ठ आयुर्वेद नर्स, कनिष्ठ आयुर्वेद नर्स, कनिष्ठ यूनानी नर्स, कनिष्ठ होम्योपैथिक नर्स, कनिष्ठ सहायक के पद शामिल हैं। 
  • इनके अलावा परिचारक, गार्ड, माली एवं पाचक की सेवाएँ संविदा से ली जाएंगी। 
  • मुख्यमंत्री ने अजमेर के केकड़ी में राजस्थान राज्य आयुष अनुसंधान केंद्र के भवन निर्माण की भी मंजूरी दी है। इस कार्य में 8 करोड़ रुपए व्यय होंगे।  
  • मुख्यमंत्री के इस निर्णय से आयुष चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से स्वास्थ्य संवर्धन एवं रोगों के उपचार के लिये बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। 
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा बजट में इस संबंध में घोषणा की गई थी।

राजस्थान Switch to English

मुख्यमंत्री ने दी कुष्ठ रोग मुक्त विशेष योग्यजनों को मिलने वाली पेंशन राशि में वृद्धि को मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

15 मई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुष्ठ रोग मुक्त विशेष योग्यजनों को मिलने वाली पेंशन राशि में वृद्धि के वित्तीय प्रस्ताव को मंज़ूरी प्रदान की है।  

प्रमुख बिंदु  

  • कुष्ठ रोग मुक्त विशेष योग्यजनों को अब प्रतिमाह 2500 रुपए पेंशन राशि मिलेगी। बढ़ी हुई पेंशन राशि 1 जून, 2023 (देय 01.06.2023) से मिलेगी।   
  • उल्लेखनीय है कि वर्तमान में प्रदेश में 16,810 कुष्ठ रोग मुक्त सामाजिक सुरक्षा पेंशनर हैं, जिन्हें वर्तमान में 1500 रुपए प्रतिमाह पेंशन राशि दी जा रही है, जिसे बढ़ाकर अब 2500 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है।  
  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की गई थी।

राजस्थान Switch to English

225 ब्लॉक मुख्यालयों पर खुलेंगे होम्योपैथिक औषधालय

चर्चा में क्यों?

16 मई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के 225 ब्लॉक मुख्यालयों पर होम्योपैथिक औषधालय खोले जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है।  

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री ने होम्योपैथिक औषधालयों के लिये 450 नवीन पदों के सृजन को भी मंजूरी प्रदान की है। 
  • प्रस्ताव के अनुसार, 225 ब्लॉक मुख्यालयों पर खोले जाने वाले प्रत्येक होम्योपैथिक औषधालय में एक होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी एवं एक कनिष्ठ नर्स/कंपाउडर को नियुक्त किया जाएगा।  
  • मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश का स्वास्थ्य ढाँचा सुदृढ़ होगा एवं आमजन को स्थानीय स्तर पर ही होम्योपैथिक उपचार उपलब्ध हो सकेगा।  
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में प्रत्येक ब्लॉक में होम्योपैथिक औषधालय खोले जाने की घोषणा की गई थी।

मध्य प्रदेश Switch to English

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य मंत्रि-परिषद के निर्णय

चर्चा में क्यों? 

16 मई, 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के लिये वार्षिक आय सीमा 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपए करने के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।  

प्रमुख बिंदु  

  • मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री की घोषणा के परिपालन में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के लिये वार्षिक आय सीमा में वृद्धि की है। इससे अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने के व्यापक अवसर प्राप्त हो सकेंगे। 
  • मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना-2023 के 3 वर्षीय बजट एवं वित्तीय प्रावधानों के (वित्तीय वर्ष 2023-24 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक) अंतर्गत 41 हज़ार 923 करोड़ रुपए से अधिक की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। 
  • मंत्रि-परिषद ने शासन संधारित मंदिरों की कृषि भूमियों के प्रबंधन के संबंध में 22 अप्रैल, 2023 को जारी विभागीय आदेश का अनुसमर्थन किया।  
    • आदेश अनुसार जिन शासन संधारित मंदिरों के पास 10 एकड़ तक कृषि भूमि संलग्न है, उनसे होने वाली आय का उपयोग पुजारी स्वयं के लिये कर सकेंगे।  
    • शेष कृषि भूमियों को ज़िला कलेक्टर को सूचित करते हुए पारदर्शी प्रक्रिया अपना कर कृषि प्रयोजन के लिये नीलामी कर सकेंगे। नीलामी से प्राप्त होने वाली आय मंदिर के खाते में जमा कराई जाएगी। 
  • मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके दृष्टिगत वर्ष 2023-24 के लिये अग्रिम भंडारण एक फरवरी से 31 मई की अवधि में 10 लाख 80 हज़ार टन मात्रा किये जाने का निर्णय लिया गया।  
    • उल्लेखनीय है कि रासायनिक उर्वरकों (यूरिया, डीएपी, काम्प्लेक्स एवं पोटाश) की अग्रिम भंडारण योजना में राज्य में डीएपी, कॉम्प्लेक्स, पोटाश एवं यूरिया उर्वरकों की व्यवस्था के लिये मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ को राज्य नोडल एजेंसी घोषित किया गया है। 
  • मंत्रि-परिषद द्वारा केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय द्वारा लागू की गई प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) के कंप्यूटराईजेशन के लिये केंद्र प्रायोजित परियोजना में प्रदेश की 4534 पैक्स का कंप्यूटराईजेशन कराए जाने की स्वीकृति दी गई।  
    • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा भारतनेट योजना अनुसार प्रदेश की 4534 पैक्स के मुख्यालयों पर ऑप्टिकल फाइबर आधारित इंटरनेट कनेक्टिविटी प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराई जाएगी।  
  • मंत्रि-परिषद ने केंद्र सरकार द्वारा समेकित बाल-सरंक्षण योजना ‘मिशन वात्सल्य’को नवीन नार्म्स अनुसार प्रदेश के सभी ज़िलों में संचालित करने की स्वीकृति प्रदान की।  
  • मंत्रि-परिषद द्वारा मध्य प्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम-2019 में संशोधन का अनुमोदन किया गया।
    • प्रदेश में 44 ज़िलों के रेत समूहों का ‘ई-निविदा’के स्थान पर ‘ई-निविदा-सह-नीलामी’ प्रक्रिया द्वारा समूहवार ठेके से निर्वर्तन किया जाएगा।
    • ठेके की अवधि, अनुबंध दिनांक से 3 वर्ष (दो अतिरिक्त वर्ष हेतु विस्तारणीय) निर्धारित किये जाएंगे।  
    • राज्य खनिज निगम द्वारा वैधानिक अनुमतियाँ (माइनिंग प्लान/पर्यावरण अनुमति/ जलवायु सम्मति आदि) प्राप्त की जाएंगी।  
    • निविदा में सफल एम.डी.ओ. (माईंस डेवलपर कम ऑपरेटर), कलेक्टर एवं निगम के बीच त्रि-पक्षीय अनुबंध का निष्पादन किया जाएगा।  
    • ठेका राशि की देयता त्रैमासिक के स्थान पर मासिक किश्त के रूप में और ठेका राशि में 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि प्रति वर्ष जुलाई के स्थान पर ठेका संचालन का 1 वर्ष पूर्ण होने पर की जाएगी। 

हरियाणा Switch to English

बौनों और किन्नरों को हरियाणा सरकार का तोहफा

चर्चा में क्यों?

17 मई, 2023 को हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ओम प्रकाश यादव ने विभाग की समीक्षा बैठक के बाद बताया कि राज्य सरकार ने बुजुर्गों और दिव्यांगों के बाद अब बौनों और किन्नरों का भत्ता बढ़ाकर 2750 रुपए मासिक कर दिया है। बढ़ा हुआ भत्ता एक अप्रैल 2023 से लागू होगा।  

प्रमुख बिंदु  

  • बौना भत्ता के लिये पुरुष का कद 3 फुट 8 इंच और महिला का कद 3 फुट 3 या इससे कम होना चाहिए। दोनों श्रेणियों के तहत भत्ता प्राप्त करने के लिये आवेदक को सिविल सर्जन से सर्टिफिकेट भी प्रस्तुत करना होगा।  
  • इसके अलावा, निराश्रित बच्चों को दी जाने वाली सहायता राशि भी बढ़ाकर 1850 रुपए मासिक कर दी गई है। यह सहायता एक परिवार को अधिकतम दो बच्चों तक दी जाएगी।  
  • 18 साल तक के स्कूल न जाने वाले दिव्यांग बच्चों को दी जाने वाली सहायता राशि भी बढ़ाकर 2150 रुपए की गई है।  
  • इन दोनों योजना के तहत भत्ता प्राप्त करने के लिये व्यक्ति हरियाणा का अधिवासी होना चाहिये और उसकी आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिये।  
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ने बताया कि जम्मू एवं कश्मीर से विस्थापित होकर हरियाणा आने वाले कश्मीरी परिवारों की सहायता राशि बढ़ाकर 1250 रुपए प्रतिमाह प्रति सदस्य की गई है, परंतु यह राशि प्रति परिवार 6250 प्रतिमाह से अधिक नहीं होगी। 

झारखंड Switch to English

नेतरहाट व पतरातू में योग एवं आयुष केंद्र खोलने के प्रस्ताव को स्वीकृति

चर्चा में क्यों?

15 मई, 2023 को झारखंड आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा की अध्यक्षता में वित्तीय वर्ष 2023-24 की वार्षिक कार्ययोजना की स्वीकृति को लेकर हुई बैठक में राज्य के नेतरहाट एवं पतरातू में योग एवं आयुष केंद्र खोलने के प्रस्ताव स्वीकृति दी गई। 

प्रमुख बिंदु  

  • इस बैठक में नेतरहाट एवं पतरातू में योग एवं आयुष केंद्र खोलने के प्रस्ताव के साथ ही  झारखंड आयुष को लेकर कुल 59.36 करोड़ की राशि की कुल चार नई योजनाओं सहित अठारह योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई।  
  • विदित है कि पिछले वर्ष भी भारत सरकार के द्वारा 50 शय्यायुक्त आयुष धन्वंतरि अस्पताल राँची एवं पूर्वी सिंहभूम के 5 तथा 10 शय्यायुक्त आयुष धन्वंतरि अस्पताल गुमला, पलामू, देवघर, दुमका एवं बोकारो ज़िले में स्वीकृत किये गए थे।  
  • आयुष मंत्रालय का लक्ष्य राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के अंतिम व्यक्ति तक आयुष चिकित्सा पहुँचाने के लिये कुल 745 आयुष हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर खोलना है। अब तक 550 आयुष हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर खोले जा चुके हैं। शेष आयुष हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर सिंतबर 2023 तक खोले जाएंगे। 
  • अब तक भारत सरकार द्वारा झारखंड को कुल 85.38 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है। इसमें 4.77 करोड़ की राशि की उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।


छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ में पहली बार ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ का आयोजन

चर्चा में क्यों?

16 मई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की तर्ज पर रायगढ़ में आगामी माह के 1 जून से 3 जून तक तीन दिवसीय भव्य राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।  

प्रमुख बिंदु  

  • संस्कृति विभाग द्वारा इस आयोजन की जोर-शोर से तैयारियाँ की जा रही है। आदिवासी नृत्य महोत्सव की तरह ही देश के विभिन्न राज्यों सहित विदेशी कलाकारों को आमंत्रित किया जा रहा है। जल्द ही छत्तीसगढ़ की धरा पर देश-विदेश के कलाकारों द्वारा रामायण की अनूठी प्रस्तुति देखने को मिलेगी।   
  • छत्तीसगढ़ से भगवान श्री राम का गहरा रिश्ता है। मान्यता है कि वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम दंडकारण्य से होकर गुजरे थे और छत्तीसगढ़ के वनों का हिस्सा ही दंडक अरण्य (दंडकारण्य) का भाग था। इस बात को दृष्टिगत रखते हुए आयोजन में अरण्य कांड के प्रसंगों पर विशेष प्रस्तुतियाँ होंगी।  
  • संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रामायण महोत्सव में देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले मानस मंडली के कलाकार दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक और विदेशों से आने वाले मानस मंडली के द्वारा रात्रि 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक प्रस्तुति दी जाएगी।  
  • इस भव्य आयोजन में अरण्य कांड पर केंद्रित प्रसंगों पर विभिन्न राज्यों से आए मानस दलों के साथ ही विदेशी दलों के द्वारा रामायण की प्रस्तुति की जाएगी।  
  • राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में सामूहिक हनुमान चालीसा एवं भव्य केलो आरती का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें हज़ारों की संख्या में दीपदान किया जाएगा। 
  • संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में पहली बार संस्कृति विभाग द्वारा राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन रायगढ़ के राम लीला मैदान में किया जाएगा।  
  • इस महोत्सव में शामिल होने वाली मानस मंडलियों को पुरस्कृत किया जाएगा, जिसमें प्रथम पुरस्कार 5 लाख रुपए, द्वितीय पुरस्कार 3 लाख रुपए और तृतीय पुरस्कार की राशि 2 लाख रुपए तय की गई है।  
  • राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर के इस आयोजन से प्रदेश की संस्कृति को संजोने की दिशा में एक अनोखी पहल होगी। 
  • उल्लेखनीय है कि रामायण की कथा अनेक भाषाओं में लिखी गई है और अनेक देशों में इनका मंचन होता है। इनकी सुंदर प्रस्तुति का मंच रायगढ़ में रामलीला मैदान बनेगा। देश में रामलीला की अनवरत परंपरा रही है। जब रामकथा को महोत्सव के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा तो बड़ी संख्या में लोग राम कथा के माध्यम से उनके आदर्शों की शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। 
  • छत्तीसगढ़ में तुलसीदास जी का रामचरित मानस जन-जन में व्याप्त है। अब रामायण महोत्सव के माध्यम से वाल्मीकि से लेकर भवभूति तक भगवान राम के आदर्शों की झलक देखने का अवसर दर्शकों को मिल सकेगा।  
  • रामायण का विस्तार कंबन के तमिल रामायण से लेकर कृतिवास के बंगला रामायण तक है। इसके साथ ही दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में भी इसके कई रूप प्रचलित है। रामायण महोत्सव के माध्यम से श्रीराम के चरित्र के इन सुंदर रूपों की झलक दर्शकों को मिल सकेगी।

उत्तराखंड Switch to English

ब्रांडेड उत्पादों के बिलों को भी ‘बिल लाओ इनाम पाओ’योजना में किया जाएगा शामिल

चर्चा में क्यों?

15 मई, 2023 को उत्तराखंड राज्य कर आयुक्त इकबाल अहमद ने बताया कि ‘बिल लाओ इनाम पाओ’योजना को नवंबर 2023 तक बढ़ाने के साथ ही राज्य सरकार ने नॉन ब्रांडेड बिलों की शर्त को खत्म कर दिया है। अब ब्रांडेड उत्पादों के बिलों को भी योजना में शामिल किया जाएगा।  

प्रमुख बिंदु  

  • विदित है कि ग्राहकों को जीएसटी बिल लेने के लिये प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘बिल लाओ इनाम पाओ’योजना को एक सितंबर 2022 में शुरू की गई थी।  
  • अभी तक योजना में नॉन ब्रांडेड कपड़े, मिठाइयाँ, रेस्टोरेंट, ड्राई फ्रूट, ब्यूटीपार्लर, लॉन्ड्री सेवाओं व उत्पादों के जीएसटी बिल शामिल किये जा रहे थे, लेकिन अब ब्रांडेड समेत सभी सामान की खरीद के जीएसटी बिलों से योजना में इनाम पाने का मौका मिलेगा। योजना का मेगा लकी ड्रॉ नवंबर 2023 में निकाला जाएगा।
  • राज्य कर आयुक्त इकबाल अहमद ने बताया कि यदि उपभोक्ता ब्रांडेड कंपनी के सामान के अलावा घर की ज़रूरत के सामान भी खरीदता है तो जीएसटी बिल को BLIP एप पर अपलोड कर सकता है। उसके बाद लकी ड्रॉ से हर महीने 1500 विजेताओं को स्मार्ट फोन, स्मार्ट वॉच और इयरफोन इनाम में दिये जाएंगे।  
  • एक सितंबर 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक अपलोड किये बिलों पर मेगा लकी ड्रॉ निकाले जाएंगे, जिनमें विजेताओं को कार, मोटरसाइकिल, लैपटॉप, स्मार्ट टीवी समेत कई आकर्षक इनाम दिये जाएंगे। 
  • ऑनलाइन खरीद से प्राप्त जीएसटी बिलों को इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा। सीधे विक्रेता से वस्तुओं, सेवाओं के बिलों को योजना में शामिल होंगे। इन बिलों को BLIP एप पर अपलोड करना होगा। अपलोड किये गए प्रत्येक अपलोड बिल पर उपभोक्ताओं को प्वाइंट दिये जाएंगे, जो पुरस्कार, कैश बैक, डिस्काउंट कूपन के रूप में होंगे।  
  • योजना में ऐसे जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों को भी पुरस्कृत किया जाएगा, जिनके प्रतिष्ठान से सर्वाधिक बिल अपलोड किये जाएंगे।    

उत्तराखंड Switch to English

वन्यजीवों से फसलों को बचाने के लिये अब होगी बॉयो-फेंसिंग

चर्चा में क्यों 

16 मई, 2023 को उत्तराखंड वन विभाग के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा ने बताया कि राज्य में वन्यजीवों द्वारा होने वाले फसलों के नुकसान को कम करने के लिये सौर ऊर्जा बाड़ की जगह अब बॉयो-फेंसिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।  

प्रमुख बिंदु  

  • बॉयो-फेंसिंग को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार की ओर से इसके लिये सेल गठित करने के साथ ही विशेष अधिकारी नियुक्त किये जाने के निर्देश दिये गए हैं। यह सेल बायो-फेंसिंग को बढ़ावा देने के साथ ही इन विषयों पर शोध भी करेगी। 
  • कैंपा फंड में ही इसके लिये बजट की व्यवस्था की जाएगी। अलग-अलग फेंसिंग के लिये पौधों की प्रजाति का अध्ययन कराया जाएगा। 
  • ज्ञातव्य है कि अब तक फसलों को नुकसान से बचाने के लिये सौर ऊर्जा बाड़ ही लगाई जाती थी, लेकिन इसे लगाने में खर्च अधिक आता है। विभाग की ओर से एक बार बाड़ लगाने के बाद इसे ग्रामीणों को सौंप दिया जाता है। ठीक से रखरखाव नहीं होने के कारण यह बाड़ जल्दी ही खराब हो जाती है और लाभार्थियों को अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाते हैं। 
  • इस समस्या से बचने के लिये बीते दिनों मुख्य सचिव डॉ. सुखबीर सिंह संधु ने कैंपा (वनारोपण निधि प्रबंधन व योजना प्राधिकरण) संचालन समिति की बैठक में वनाधिकारियों को बॉयो-फेंसिंग बाड़ को बढ़ावा देने के निर्देश दिये थे। 
  • प्रदेश में खासतौर पर जंगली सूअर, हाथी और बंदर फसलों को नुकसान पहुँचाते हैं। जिस क्षेत्र में जिस वन्यजीव का आतंक अधिक है, उस क्षेत्र में उसी के अनुरूप बॉयो-फेंसिंग की जाएगी। 
  • मौसम, जलवायु और भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए अलग-अलग जगह पर अलग-अलग बॉयो-फेंसिंग की जाती है। इसमें आमतौर पर काला बाँस, कांटा बाँस, राम बाँस, जेरेनियम, लेमनग्रास, विभिन्न प्रकार के कैक्टस, यूफोरबिया एंटीकोरम (त्रिधारा), डेविल्स बैकबोन, पूर्वी लाल, क्लेरोडेंड्रम इनर्मिस, बोगनविलिया, करौंदा, जेट्रोफा करकस, डुरंटा इरेक्टा, हाईब्रिड विलेट्री, लीलैंड सरू और हेमेलिया आदि शामिल हैं। 
  • देहरादून वन प्रभाग के वनाधिकारी नीतीशमणि त्रिपाठी ने बताया कि बॉयो-फेंसिग का प्रयोग वर्ष 2015 में लैंसडाउन में किया गया था, जो सफल रहा। कुछ समय पहले रामनगर में भी यह तरीका अपनाया गया। इस प्रकार की फेंसिंग अनेक देशों में प्रयोग की जा रही है।
  • इसके तहत मधुमक्खी पालन का बॉयो-फेंसिंग के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसमें मधुमक्खी के डिब्बों को खेत के किनारे ज़मीन पर रखने के बजाय पेड़ों या खूंटों की मदद से ज़मीन से ऊपर एक तार की सहायता से लटका दिया जाता है। जैसे ही कोई जानवर इस तार को हिलाता है, मधुमिक्खयाँ बाहर आकर उस पर हमला कर देती हैं। हाथियों को खेतों से दूर रखने में यह तरीका कारगर साबित हुआ है। 
  • इसलिये बेहतर होती है बॉयो-फेंसिंग: 
    • सौर ऊर्जा बाड़ से सस्ती पड़ती है तथा लगाने के बाद रखरखाव का बहुत ज्यादा झंझट नहीं।
    • विभिन्न प्रकार की बाड़ से विभिन्न प्रकार के उत्पादन भी मिलते हैं।
    • भूमि का कटाव रोकती हैं।
    • यह दीवार बनाने या गड्ढे खोदने से ज्यादा सस्ता सौदा है।

उत्तराखंड Switch to English

बाबा केदार के धाम में स्थापित होगा 60 क्विंटल वजनी काँसे का भव्य ऊँ

चर्चा में क्यों? 

16 मई, 2023 को उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के ज़िलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंग केदारनाथ के गोल प्लाजा में 60 क्विंटल वजनी काँसे का भव्य ऊँ की आकृति स्थापित की जाएगी।   

प्रमुख बिंदु  

  • ज़िलाधिकारी ने बताया कि ज़िला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा लोक निर्माण विभाग ने हाइड्रा मशीन की मदद से ऊँ आकृति को गोल प्लाजा में स्थापित करने के लिये ट्रायल किया, जो पूरी तरह से सफल रहा। जल्द ही इसे स्थायी रूप से स्थापित कर दिया जाएगा। 
  • विदित है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ को सुरक्षित करने के साथ ही भव्य रूप से सँवारा जा रहा है। इन दिनों धाम में दूसरे चरण के कार्य जोरों पर चल रहे हैं। पहले चरण में मंदिर परिसर के विस्तार के साथ ही मंदिर मार्ग और गोल प्लाजा का निर्माण किया गया था। 
  • केदारनाथ स्थित गोल प्लाजा, जो मंदिर से लगभग ढाई सौ मीटर पहले संगम के ठीक ऊपर स्थित है, पर ऊँ की आकृति को स्थापित किया जा रहा है। केदारनाथ गोल प्लाजा में ऊँ की आकृति स्थापित होने से वहाँ की भव्यता और भी बढ़ जाएगी।
  • 60 क्विंटल वजनी काँसे से ऊँ की आकृति को गुजरात के बड़ौदा में बनाया गया है। 
  • ऊँ की आकृति को पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिये इसके चारों तरफ से तांबे से वेल्डिंग की जाएगी। साथ ही, मध्य हिस्से के साथ ही किनारों को भी सुरक्षित किया जाएगा, जिससे बर्फबारी से इसे नुकसान न हो। एक सप्ताह में ऊँ आकृति को स्थायी रूप से स्थापित कर दिया जाएगा।


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