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  • 29 Jul 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 3 आपदा प्रबंधन

    दिवस 19: हीट वेव और हीट डोम क्या है? इसके प्रभावों और समाधानों का वर्णन कीजिये। (250 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण

    • हीट वेव और हीट डोम को परिभाषित कीजिये।
    • इसके प्रभावों और समाधानों पर चर्चा कीजिये।
    • उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।

    हीट वेव और हीट डोम

    हीट वेव:

    • हीट वेव अर्थात् ग्रीष्म लहर असामान्य रूप से उच्च तापमान की वह स्थिति है, जिसमें तापमान सामान्य से अधिक रहता है। यह स्थिति दो दिनों से अधिक समय तक बनी रहती है।
    • ग्रीष्म लहरें उच्च आर्द्रता वाली और बिना आर्द्रता वाली भी हो सकती हैं तथा यह एक बड़े क्षेत्र को कवर करने की क्षमता रखती हैं, इसकी भीषण गर्मी बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करती है।
    • हीट वेव का बढ़ता प्रभाव:
      • इसका प्रभाव क्षेत्र पिछले कुछ दशकों में बढ़ा है, जिससे उत्तरी गोलार्द्ध में वर्ष 1980 की तुलना में 25% अधिक भूमि क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
      • महासागरीय क्षेत्रों सहित अन्य क्षेत्रों में इसके प्रभाव में 50% की वृद्धि हुई है।

    हीट डोम:

    • यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब वायुमंडल गर्म समुद्री हवा को ढक्कन या टोपी की तरह फँसा लेता है।
    • अमेरिका के नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अनुसार, हीट डोम की स्थिति तब बनती है जब मज़बूत उच्च दबाव वाली वायुमंडलीय स्थितियाँ ला नीना (La Niña) जैसे मौसम पैटर्न के साथ जुड़ जाती हैं।
    • वर्ष 2021 जैसे ला नीना (La Niña) वर्षों (जब पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में पानी ठंडा होता है और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में गर्म होता है) के दौरान इनके बनने की संभावना अधिक होती है।
    • NOAA के अनुसार, हीट डोम आमतौर पर एक सप्ताह तक रहता है।

    heat-dome

    हीट वेव्स और हीट डोम का प्रभाव:

    • वनाग्नि का खतरा: ‘हीट डोम’ वनाग्नि के लिये ईंधन के रूप में भी काम कर सकते हैं, जो प्रतिवर्ष अमेरिका में बहुत अधिक भूमि क्षेत्र को नष्ट कर देता है।
    • बादल निर्माण में बाधा: ‘हीट डोम’ बादलों के निर्माण में बाधा उत्पन्न करता है, जिससे सूर्य विकिरण अधिक मात्रा में पृथ्वी तक पहुँच जाता है।
    • हीट स्ट्रोक और आकस्मिक मृत्यु: बहुत अधिक तापमान या आर्द्र परिस्थितियाँ हीट स्ट्रोक का जोखिम उत्पन्न करती हैं।
      • वृद्धजन तथा हृदय रोग, श्वसन रोग और मधुमेह आदि जैसी बीमारियों से पीड़ित लोग प्रायः हीट स्ट्रोक के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, क्योंकि शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने की क्षमता उम्र के साथ प्रभावित होती है।
      • बिना एयर कंडीशनर वाले घरों में तापमान में असहनीय वृद्धि हो सकती है, जिससे आकस्मिक मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
    • वनस्पतियों पर प्रभाव: गर्मी के कारण फसलों को भी नुकसान हो सकता है, वनस्पति सूख सकती है और इसके परिणामस्वरूप सूखा पड़ सकता है।
    • ऊर्जा मांग में वृद्धि: हीट वेव्स से ऊर्जा की मांग में भी वृद्धि होगी, विशेष रूप से बिजली की जिससे इसकी मूल्य दरों में वृद्धि होगी।
    • बिजली से संबंधित मुद्दे: हीट वेव्स प्रायः उच्च मृत्यु दर वाली आपदाएँ होती हैं।
      • इस आपदा से बचना प्रायः विद्युत ग्रिड के लचीलेपन पर निर्भर करता है, जो बिजली के अधिक उपयोग होने के कारण विफल हो सकता है।
      • नतीजतन, बुनियादी अवसंरचना की विफलता और स्वास्थ्य प्रभावों का दोहरा जोखिम उत्पन्न हो सकता है।

    हीट वेव्स से बचने के उपाय:

    • पब्लिक कूलिंग शेल्टर: विभिन्न आपातकालीन कूलिंग शेल्टर खोले जा सकते हैं ताकि बिना घरेलू एयर कंडीशनिंग यूनिट वाले घरों में लोग गर्मी से बच सकें।
      • हीट डोम से प्रभावित लोगों को वातानुकूलित कमरे और इमारतें सबसे अधिक सहायता कर सकती हैं।
    • पोर्टेबल एसी: पोर्टेबल एयर-कंडीशनिंग इकाइयाँ, पंखे और यहाँ तक कि बर्फ भी उपयोगी है।
    • वनरोपण: वृक्ष न केवल आवश्यक छाया प्रदान करते हैं बल्कि सबसे गर्म अवधि के दौरान उनकी पत्तियों से वाष्पित जल उनके आसपास के क्षेत्र को कुछ डिग्री तक ठंडा कर सकता है।
      • वृक्ष के पत्ते स्थानीय वायु प्रदूषण को भी अवशोषित और फ़िल्टर करते हैं; हीट वेव्स शहरी स्मॉग में और वृद्धि कर सकते हैं, जो कोमोरबिड्स (Comorbids) को खतरे में डाल सकते हैं।
    • डार्क रूफ्स को बदलना: ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरों के अधिक गर्म होने का एक बड़ा कारण यह है कि वे गहरे रंग की छतों, सड़कों और पार्किंग स्थलों से ढके होते हैं जो गर्मी को अवशोषित करते हैं तथा इसे बनाए रखते हैं।
      • गहरे रंग की सतहों को हल्के परावर्तक सामग्री में बदलने से वातावरण तुलनात्मक रूप से ठंडा होगा।
    • ब्लैकआउट की तैयारी: हीट वेव्स के दौरान व्यापक ब्लैकआउट (बड़े पैमाने पर विद्युत आपूर्ति बाधित होने की अवधि) के चलते लाखों लोगों को पंखे या एयर-कंडीशनर के लिये विद्युत उपलब्ध नहीं होती।
      • स्मार्ट ग्रिड और नए पूर्वानुमान उपकरण विद्युत इकाइयों को हीट वेव्स की स्थिति में पहले से तैयार रहने में मदद कर सकते हैं।
      • दिन में तापमान चरम पर पहुँचने से पहले ही इमारतों को ठंडा करने के लिये इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण का उपयोग करना।.

    ग्रीष्म लहर के विपरीत प्रभावों और उनके कारण होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिये, दीर्घावधि उपायों के साथ-साथ अल्पावधि क्रियान्वयन योजनाओं को भी लागू करना होगा। जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिये स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय सरकारों की तत्परता के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता और सहयोग ही मुख्य निर्धारक सिद्ध होंगे।

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