Master UPSC with Drishti's NCERT Course Learn More
This just in:

State PCS



Browse Other Optionals

Optional Homepage Sociology Geography
History Philosophy Law
Public Administration PSIR Anthropology
Psychology


हिंदी साहित्य पाठ्यक्रम प्रश्नपत्र-1


खंड : ‘क’ (हिन्दी भाषा और नागरी लिपि का इतिहास)

  1. अपभ्रंश, अवहट्ट और प्रारंभिक हिन्दी का व्याकरणिक तथा अनुप्रयुक्त स्वरूप।
  2. मध्यकाल में ब्रज और अवधी का साहित्यिक भाषा के रूप में विकास।
  3. सिद्ध एवं नाथ साहित्य, खुसरो, संत साहित्य, रहीम आदि कवियों और दक्खिनी हिन्दी में खड़ी बोली का प्रारंभिक स्वरूप।
  4. उन्नीसवीं शताब्दी में खड़ी बोली और नागरी लिपि का विकास।
  5. हिन्दी भाषा और नागरी लिपि का मानकीकरण।
  6. स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान राष्ट्र भाषा के रूप में हिन्दी का विकास।
  7. भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में हिन्दी का विकास।
  8. हिन्दी भाषा का वैज्ञानिक और तकनीकी विकास।
  9. हिन्दी की प्रमुख बोलियाँ और उनका परस्पर संबंध।
  10. नागरी लिपि की प्रमुख विशेषताएँ और उसके सुधार के प्रयास तथा मानक हिन्दी का स्वरूप।
  11. मानक हिन्दी की व्याकरणिक संरचना।

खंड : ‘ख’ (हिन्दी साहित्य का इतिहास)

  1. हिन्दी साहित्य की प्रासंगिकता और महत्त्व तथा हिन्दी साहित्य के इतिहास-लेखन की परम्परा।
  2. हिन्दी साहित्य के इतिहास के निम्नलिखित चार कालों की साहित्यिक प्रवृत्तियाँ
    (क) आदिकालः सिद्ध, नाथ और रासो साहित्य।
    प्रमुख कविः चंदबरदाई, खुसरो, हेमचन्द्र, विद्यापति।
    (ख) भक्ति कालः संत काव्य धारा, सूफी काव्यधारा, कृष्ण भक्तिधारा और राम भक्तिधारा।
    प्रमुख कविः कबीर, जायसी, सूर और तुलसी।
    (ग) रीतिकालः रीतिकाव्य, रीतिबद्ध काव्य, रीतिमुक्त काव्य
    प्रमुख कविः केशव, बिहारी, पदमाकर और घनानंद।
    (घ) आधुनिक कालः नवजागरण, गद्य का विकास, भारतेन्दु मंडल
    प्रमुख कविः भारतेन्दु, बाल कृष्ण भट्ट और प्रताप नारायण मिश्र।
    (ड.) आधुनिक हिन्दी कविता की मुख्य प्रवृत्तियाँ: छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता, नवगीत, समकालीन कविता और जनवादी कविता।
    प्रमुख कविः मैथिलीशरण गुप्त, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’, महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, गजानन माधव मुक्तिबोध, नागार्जुन।
  3. कथा साहित्यः
    (क) उपन्यास और यथार्थवाद
    (ख) हिन्दी उपन्यासों का उद्भव और विकास
    (ग) प्रमुख उपन्यासकार : प्रेमचन्द, जैनेन्द्र, यशपाल, रेणु और भीष्म साहनी।
    (घ) हिन्दी कहानी का उद्भव और विकास।
    (ड़) प्रमुख कहानीकार : प्रेमचन्द, जयशंकर प्रसाद, सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, मोहन राकेश और कृष्णा सोबती।
  4. नाटक और रंगमंच :
    (क) हिन्दी नाटक का उद्भव और विकास
    (ख) प्रमुख नाटककार : भारतेन्दु, जयशंकर प्रसाद, जगदीश चंद्र माथुर, रामकुमार वर्मा, मोहन राकेश।
    (ग) हिन्दी रंगमंच का विकास।
  5. आलोचना :
    (क) हिन्दी आलोचना का उद्भव और विकास- सैद्धांतिक, व्यावहारिक, प्रगतिवादी, मनोविश्लेषणवादी आलोचना और नई समीक्षा।
    (ख) प्रमुख आलोचक - रामचन्द्र शुक्ल, हजारी प्रसाद द्विवेदी, रामविलास शर्मा और नगेन्द्र।
  6. हिन्दी गद्य की अन्य विधाएँ: ललित निबंध, रेखाचित्र, संस्मरण, यात्रा वृत्तान्त।

Online/Offline Programme Test Series Books
Delhi Buy Now Buy Now

हिंदी साहित्य पाठ्यक्रम प्रश्नपत्र-2

इस प्रश्नपत्र में निर्धारित मूल पाठ्यपुस्तकों को पढ़ना अपेक्षित होगा और ऐसे प्रश्न पूछे जाएंगे जिनसे अभ्यर्थी की आलोचनात्मक क्षमता की परीक्षा हो सके।


खंड : ‘क’ (पद्य साहित्य) 

  1. कबीर : कबीर ग्रंथावली (आरंभिक 100 पद) सं. श्याम सुन्दर दास 
  2. सूरदास :  भ्रमरगीत सार (आरंभिक 100 पद) सं. रामचंद्र शुक्ल 
  3. तुलसीदास : रामचरित मानस (सुंदर काण्ड), कवितावली (उत्तर काण्ड)
  4. जायसी : पदमावत (सिंहलद्वीप खंड और नागमती वियोग खंड) सं. श्याम सुन्दर दास
  5. बिहारी : बिहारी रत्नाकर (आरंभिक 100 दोहे) सं. जगन्नाथ दास रत्नाकर
  6. मैथिलीशरण गुप्त : भारत भारती
  7. जयशंकर प्रसाद : कामायनी (चिंता और श्रद्धा सर्ग)
  8. सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला’ : राग-विराग (राम की शक्ति पूजा और कुकुरमुत्ता) सं. रामविलास शर्मा
  9. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ : कुरुक्षेत्र
  10. अज्ञेय : आंगन के पार द्वार (असाध्यवीणा)
  11. मुक्ति बोध : ब्रह्मराक्षस
  12. नागार्जुन : बादल को घिरते देखा है, अकाल और उसके बाद, हरिजन गाथा।

खंड : ‘ख’ (गद्य साहित्य)

  1. भारतेन्दु : भारत दुर्दशा
  2. मोहन राकेश :  आषाढ़ का एक दिन
  3. रामचंद्र शुक्ल : चिंतामणि (भाग-1), (कविता क्या है, श्रद्धा-भक्ति)।
  4. निबंध निलय : संपादक : डॉ. सत्येन्द्र। बाल कृष्ण भट्ट, प्रेमचन्द, गुलाब राय, हजारीप्रसाद द्विवेदी, रामविलास शर्मा, अज्ञेय, कुबेरनाथ राय।
  5. प्रेमचंद: गोदान, ‘प्रेमचंद’ की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ (संपादक : अमृत राय)
  6. प्रसाद : स्कंदगुप्त
  7. यशपाल : दिव्या
  8. फणीश्वरनाथ रेणु : मैला आंचल
  9. मन्नू भण्डारी : महाभोज
  10. राजेन्द्र यादव (सं.) : एक दुनिया समानान्तर (सभी कहानियाँ)

Download Syllabus PDF

Previous Year UPSC Questions

2025 2024 2023 2022 2021
2020 2019 2018 2017
2025 2024 2023 2022 2021
2020 2019 2018 2017

PAPER-I


SECTION 'A'

  1. निम्नलिखित की सप्रसंग व्याख्या लगभग 150 शब्दों में कीजिये: 10 × 5 = 50
    1. (a) अपभ्रंश और अवहट्ट की व्याकरणिक संरचना के मुख्य अंतर
      (b) सिद्ध-नाथ साहित्य में प्रयुक्त खड़ी बोली का आरंभिक रूप
      (c) हिन्दी भाषा के मानकीकरण की वर्तमान चुनौतियाँ
      (d) भाषा और बोली में अंतर
      (e) मध्यकाल में अवधी और ब्रजभाषा का साहित्यिक अंतर्सम्बन्ध
  2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
    (a) 19वीं सदी के खड़ी बोली आंदोलन के ऐतिहासिक कारकों और उपलब्धियों की विवेचना कीजिए। 20
    (b) राष्ट्रीय भाषा के रूप में हिन्दी के सामने उपस्थित वर्तमानकालीन चुनौतियों पर प्रकाश डालिए। 15
    (c) संत साहित्य में प्रयुक्त खड़ी बोली के स्वरूप की सोदाहरण चर्चा कीजिए। 15
  3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
    (a) मानक हिन्दी की व्याकरणिक संरचना की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं? किस सीमा तक इसे संस्कृत की व्याकरणिक संरचना पर आधारित कहा जा सकता है? 20
    (b) ब्रजभाषा के विकास में सूर-पूर्व कवियों के योगदान पर टिप्पणी कीजिए। 15
    (c) देवनागरी लिपि के मानक रूप का परिचय देते हुए मानकीकरण हेतु किये गये प्रमुख प्रयत्नों की चर्चा कीजिए। 15
  4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
    (a) स्वाधीनता आंदोलन ने जनभाषा के रूप में हिन्दी के विकास को किस तरह प्रभावित किया? 20
    (b) जायसी और तुलसीदास द्वारा प्रयुक्त अवधी के रूपों में मुख्य अंतरों की सोदाहरण विवेचना कीजिए। 15
    (c) खुसरो के साहित्य में प्रयुक्त हिन्दी की विशेषताएँ लिखिए। 15

SECTION 'B'

  1. निम्नलिखित की सप्रसंग व्याख्या लगभग 150 शब्दों में कीजिये: 10 × 5 = 50
    (a) हिन्दी उपन्यास और यथार्थवाद
    (b) कबीर की लोकोन्मुखता
    (c) दिनकर की सामाजिक चेतना
    (d) सिद्ध साहित्य का परवर्ती हिन्दी साहित्य पर प्रभाव
    (e) हेमचंद्र की कविता
  2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    (a) कृष्णा सोबती के उपन्यासों की स्त्री-दृष्टि पर वर्तमान स्त्री-विमर्श के संदर्भ में विचार कीजिए। 20
    (b) विद्यापति की आध्यात्मिकता पर आचार्य रामचंद्र शुक्ल की टिप्पणी की समीक्षा कीजिए। 15
    (c) विजयदेव नारायण साही द्वारा किये गये जायसी के मूल्यांकन की समीक्षा कीजिए। 15
  3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    (a) प्रगतिवादी आलोचना को वर्तमान समय में किस प्रकार की चुनौतियाँ मिल रही हैं? सोदाहरण विवेचना कीजिए। 20
    (b) 'हिन्दी नवजागरण' की उपलब्धियों और सीमाओं पर विचार कीजिए। 15
    (c) हिन्दी नई कहानी की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए। 15
  4. निम्नलिखित सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    (a) हिन्दी रंगमंच के विकास से संबंधित प्रमुख बहसों की विवेचना कीजिए। 20
    (b) मोहन राकेश के नाटकों में व्यक्त आधुनिक मनुष्य के नैतिक द्वंदों की विवेचना कीजिए। 15
    (c) हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन में दलित विमर्श के हस्तक्षेप की समीक्षा कीजिए। 15

PAPER-II


SECTION 'A'

  1. निम्नलिखित सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए (उत्तर स्वयं की भाषा में लिखिए):
    निम्नलिखित काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या लगभग 150 शब्दों (प्रत्येक) में कीजिए: 10x5=50
    (a) तात राम नहिं नर भूपाला ।
    भुवनेस्वर कालहु कर काला ।।
    ब्रह्म अनामय अज भगवंता ।
    ब्यापक अजित अनादि अनंता ।।
    (b) कुहुकि कुहुकि जसि कोइल रोई ।
    रकत आँसु घुँघुची बन बोई ।।
    पै कर मुखी नैन तन राती ।
    को सिराव बिरहा दुःख ताती ।।
    (c) विषमता की पीड़ा से व्यस्त,
    हो रहा स्पंदित विश्व महान ।
    यही दुःख सुख विकास का सत्य,
    यही भूमा का मधुमय दान ।
    (d) विचलित होने का नहीं देखता मैं कारण,
    हे पुरुषसिंह, तुम भी यह शक्ति करो धारण,
    आराधन का दृढ़ आराधन से दो उत्तर,
    तुम वरो विजय संयत प्राणों से प्राणों पर ।
    (e) सुना आपने जो वह मेरा नहीं,
    न वीणा का था :
    वह तो सब कुछ की तथता थी
    महाशून्य, वह महामौन
    अविभाज्य, अनाप्त, अद्रवित, अप्रमेय
    जो शब्दहीन सब में गाता है ।
  2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    (a) 'कबीर ग्रन्थावली'के आधार पर कबीरके आध्यात्मिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालिए । 20
    (b) “कवितावली के उत्तरकाण्ड में मध्यकाल के भयावह यथार्थ की समीक्षा की गई है" - इस कथन की सत्यता को स्पष्ट कीजिए । 15
    (c) 'भारत-भारती' में अभिव्यक्त राष्ट्रीय चेतना का स्वरूप विश्लेषण कीजिए । 15
  3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
    (a) 'कबीर ग्रन्थावली'के आधार पर कबीरके आध्यात्मिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालिए । 20
    (b) “कवितावली के उत्तरकाण्ड में मध्यकाल के भयावह यथार्थ की समीक्षा की गई है" - इस कथन की सत्यता को स्पष्ट कीजिए । 15
    (c) 'भारत-भारती' में अभिव्यक्त राष्ट्रीय चेतना का स्वरूप विश्लेषण कीजिए । 15
  4. निम्नलिखित सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
    (a) “बिहारी की कविता श्रृंगारी है किन्तु प्रेम की उच्च भूमि पर नहीं पहुँच पाती" - इस कथन की सम्यक् विवेचना कीजिए। 20
    (b) 'कुकुरमुत्ता' कविता के मूल प्रतिपाद्य को स्पष्ट कीजिए। 15
    (c) 'ब्रह्मराक्षस' कविता की प्रतीक योजना पर प्रकाश डालिए। 15

SECTION 'B'

  1. निम्नलिखित सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
    निम्नलिखित अवतरणों की सप्रसंग व्याख्या लगभग 150 शब्दों (प्रत्येक) में कीजिए: 10×5=50
    (a) मैं जीवन में पहली बार समझ पाई कि क्यों कोई पर्वत-शिखरों को सहलाती मेघ-मालाओं में खो जाता है, क्यों किसी को अपने तन-मन की अपेक्षा आकाश में बनते-मिटते चित्रों का इतना मोह हो रहता है। 10
    (b) कविता ही हृदय को प्रकृत दशा में लाती है और जगत के बीच क्रमशः उसका अधिकाधिक प्रसार करती हुई उसे मनुष्यत्व की उच्च भूमि पर ले जाती है। 10
    (c) जिस तरह मर्द के मर जाने से औरत अनाथ हो जाती है, उसी तरह औरत के मर जाने से मर्द के हाथ-पाँव टूट जाते हैं। 10
    (d) राष्ट्रनीति, दार्शनिकता और कल्पना का लोक नहीं है। इस कठोर प्रत्यक्षवाद की समस्या बड़ी कठिन होती है। 10
    (e) काले साँप का काटा आदमी बच सकता है, हलाहल ज़हर पीने वाले की मौत रुक सकती है, किन्तु जिस पौधे को एक बार कर्मनाशा का पानी छू ले, वह फिर हरा नहीं हो सकता। 10
  2. निम्नलिखित सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
    (a) “कविता क्या है' निबंध काव्य के सर्वांगपूर्ण विवेचन की दृष्टि से अद्वितीय बन पड़ा है" - इस कथन की सत्यता पर प्रकाश डालिए । 20
    (b) “प्रसाद के नाटक भारत के इतिहास का पुनर्निर्माण करते हैं।" 'स्कन्दगुप्त' नाटक के आधार पर इस कथन की सोदाहरण समीक्षा कीजिए। 15
    (c) भारतीय ग्रामीण जीवन को वैध सम्मान दिलाने की दृष्टि से 'मैला आँचल' उपन्यास की समीक्षा कीजिए। 15
  3. निम्नलिखित सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
    (a) “भारत दुर्दशा' अतीत गौरव की चमकदार स्मृति है; आँसू भरा वर्तमान है और भविष्य निर्माण की प्रेरणा है।" - इस कथन की समीक्षा कीजिए । 20
    (b) 'गोदान' उपन्यास के मूल प्रतिपाद्य पर प्रकाश डालिए । 15
    (c) 'भोलाराम का जीव' कहानी के माध्यम से हरिशंकर परसाई की व्यंग्य चेतना स्पष्ट कीजिए। 15
  4. निम्नलिखित सभी प्रश्नों के उत्तरदीजिए:
    (a) 'तुलसी साहित्य के सामंत विरोधी मूल्य', निबन्ध के आधार पर डॉ. रामविलास शर्मा की तुलसी-विषयक मान्यताओं की समीक्षा कीजिए। 20
    (b) 'आषाढ़ का एक दिन' नाटक के आधार पर लेखक के नारी संबंधी दृष्टिकोण पर प्रकाश डालिए। 15
    (c) ""महाभोज' उपन्यास राजनीति और अपराध के आपसी गठजोड़ पर करारा प्रहार करता है" - स्पष्ट कीजिए। 15

Download PYQs PDF

Online/Offline Programme Test Series Books
Delhi Buy Now Buy Now








close
Share Page
images-2
images-2