परमवीर अब्दुल हमीद का 60वाँ शहीद दिवस | झारखंड | 11 Sep 2025
चर्चा में क्यों?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पुनर्स्थापित परमवीर अब्दुल हमीद स्मारक स्थल का उद्घाटन किया और उनके 60वें शहीद दिवस के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्य बिंदु

- अब्दुल हमीद का जन्म 1 जुलाई, 1933 को धामूपुर, गाजीपुर ज़िला, संयुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत में हुआ था।
- उन्होंने भारतीय सेना की चौथी ग्रेनेडियर्स बटालियन के साथ सेवा की, वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में असल उत्ताड़ के युद्ध के दौरान शहीद हो गए।
- असल उत्ताड़ का युद्ध:
- यह वर्ष1965 के युद्ध के दौरान लड़ा गया सबसे बड़ा टैंक युद्ध था। इसमें पाकिस्तानी प्रथम आर्मर्ड डिवीज़न के आक्रमण को भारतीय सेना ने ध्वस्त कर दिया था।
- इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के 97 पैटन टैंक नष्ट हो गए तथा एक पूरी पाकिस्तानी आर्मर्ड रेजिमेंट को आत्मसमर्पण करना पड़ा।
- 10 सितंबर 1965 को युद्ध के दौरान, अब्दुल हमीद ने चार पाकिस्तानी पैटन टैंकों की पहचान की, तीन को नष्ट कर दिया और एक को क्षतिग्रस्त कर दिया। बाद में, एक अन्य टैंक की गोलीबारी में वे शहीद हो गए
- सम्मान:
- हमीद को उनकी बहादुरी के लिये मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
- उनका शहीद स्थल आज एक युद्ध स्मारक के रूप में संरक्षित है, जहाँ श्रद्धांजलि स्वरूप एक विजित पाकिस्तानी पैटन टैंक स्थापित है।
https://www.youtube.com/watch?v=Xqi-_LptoGM
झारखंड में बायोगैस संयंत्र | झारखंड | 11 Sep 2025
चर्चा में क्यों?
गोबरधन योजना के तहत झारखंड के पाँच ज़िलों में नए बायोगैस संयंत्र स्थापित किये जाएंगे जिससे राज्य में बायोगैस संयंत्रों की कुल संख्या 47 हो जाएगी।
- ये पाँच नए बायोगैस संयंत्र बोकारो (पेटरवार ब्लॉक), रामगढ़ (चित्रापुर), दुमका (जरमुडी), जामताड़ा (कुंडहित) और सरायकेला-खरसावाँ (इचागढ़) में स्थापित किये जाएंगे।
- ये संयंत्र प्रतिदिन 135 घन मीटर गैस का उत्पादन करेंगे, जिससे स्थानीय समुदायों को स्वच्छ ऊर्जा का लाभ मिलेगा।
- इसके अतिरिक्त बंडगाँव में बनकर तैयार हुआ 25 घन मीटर का संयंत्र 20 घरों को ऊर्जा प्रदान करेगा।
मुख्य बिंदु
- गोबरधन योजना के बारे में:
- शुरुआत: वर्ष 2018 में शुरू की गई गैल्वनाइज़िंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज़ धन (गोबरधन) योजना, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) – चरण II के अंतर्गत एक राष्ट्रीय प्राथमिकता परियोजना है।
- क्रियान्वयन: इसके क्रियान्वयन के लिये जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत पेयजल और स्वच्छता विभाग (DDWS) को नोडल विभाग के रूप में नियुक्त किया गया है।
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिये बायोगैस/संपीड़ित बायोगैस (CBG)/Bio-CNG संयंत्रों के लिये एक मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है।
योजना के मॉडल
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श्रेणी
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विवरण
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उपयोग
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व्यक्तिगत घरेलू
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तीन या उससे अधिक पशुओं वाले परिवार।
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खाना पकाने के लिये बायोगैस, खाद के रूप में स्लरी (तरल खाद)।
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समुदाय
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5-10 घरों के लिये संयंत्र, ग्रामसभा (GP) या स्वयं सहायता समूह (SHG) द्वारा प्रबंधन।
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घरों/रेस्तरां के लिये गैस,
स्लरी (तरल खाद) खाद के रूप में या बिक्री हेतु।
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क्लस्टर
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एक गाँव/गाँवों के समूह में अनेक घरों में संयंत्र स्थापित।
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घरों के लिये गैस, जैव-उर्वरक के रूप में बिक्री हेतु स्लरी (तरल खाद)।
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वाणिज्यिक CBG
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उद्यमियों/सहकारी समितियों/गौशालाओं द्वारा स्थापित संयंत्र।
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ईंधन के लिये संपीड़ित गैस, जैविक खाद के रूप में स्लरी (तरल खाद)।
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प्रशांत कुमार को मानद डी.लिट. की उपाधि | उत्तर प्रदेश | 11 Sep 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार को लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ लिटरेचर (D.Litt.) की उपाधि प्रदान की गई है।
मुख्य बिंदु
- प्रशांत कुमार के बारे में:
- प्रशांत कुमार (1990 बैच के IPS अधिकारी) यह प्रतिष्ठित सम्मान पाने वाले उत्तर प्रदेश कैडर के पहले IPS अधिकारी हैं।
- उनके करियर में महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था), आर्थिक अपराध शाखा के प्रमुख तथा CISF और ITBP में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति जैसी महत्त्वपूर्ण भूमिकाएँ शामिल रही हैं।
- यह सम्मान पुलिस सेवा, सार्वजनिक सुरक्षा और रणनीतिक सुरक्षा प्रबंधन में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिये दिया गया है।
- संगठित अपराध के खिलाफ सख्त कदम उठाने में उनके नेतृत्व की व्यापक सराहना की जाती है।
- उन्होंने एंटी-माफिया टास्क फोर्स का नेतृत्व करने और उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था में सुधार लागू करने तथा उसे नया रूप देने में अहम भूमिका निभाई।
नोट: मानद डी. लिट. (डॉक्टर ऑफ लेटर्स या डॉक्टर ऑफ लिटरेचर) एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक सम्मान है जो विश्वविद्यालयों द्वारा कला, साहित्य, शिक्षा, संस्कृति या समाज में असाधारण योगदान को मान्यता देने के लिये दिया जाता है तथा इसके लिये प्राप्तकर्त्ता को कोई शैक्षणिक पाठ्यक्रम, शोध या परीक्षा पूरी करने की आवश्यकता नहीं होती है।
मध्य प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन बोर्ड का पुरस्कार मिला | मध्य प्रदेश | 11 Sep 2025
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नई दिल्ली में इंडिया ट्रैवल अवार्ड्स 2025 में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड (MPTB) को सर्वश्रेष्ठ राज्य पर्यटन बोर्ड का पुरस्कार प्रदान किया।
मुख्य बिंदु
- पुरस्कार के बारे में:
- यह पुरस्कार मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड (MPTB) के पर्यटन क्षेत्र में असाधारण योगदान को सम्मानित करने के लिये प्रदान किया गया है, जिसमें नवाचार, उत्कृष्टता और सतत् विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है।
- वर्ष 2017 में स्थापित, मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड सार्वजनिक-निजी भागीदारी, सतत् विकास, निवेशकों के लिये सुगमता, कौशल विकास और पर्यटन स्थलों के वैश्विक प्रचार के माध्यम से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देता है।
- पर्यटन क्षमता:
- मध्य प्रदेश प्राचीन मंदिरों, वन्यजीव अभयारण्यों और लोक परंपराओं का घर है, जो सांस्कृतिक तथा प्राकृतिक अनुभवों का अद्वितीय मिश्रण प्रस्तुत करता है।
- राज्य की विकसित होती अवसंरचना का उद्देश्य पर्यटकों को विश्व स्तरीय पर्यटन अनुभव प्रदान करना, "भारत के हृदय" के रूप में इसकी पहचान को और मज़बूत करना तथा ज़िम्मेदार पर्यटन के लिये वैश्विक केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाना है।
- इंडिया ट्रैवल अवार्ड्स:
- इंडिया ट्रैवल अवार्ड्स एक राष्ट्रीय मंच है, जो यात्रा और आतिथ्य उद्योग में उपलब्धियों को पहचानने तथा सम्मानित करने के लिये स्थापित किया गया है।
- यह ऑनलाइन मतदान आधारित होने के कारण निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करता है तथा भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा समर्थित है।
वर्ष 2025 में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा प्राप्त पुरस्कारों की सूची
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पुरस्कार
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श्रेणी / मान्यता
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पर्यटन, यात्रा और आतिथ्य पुरस्कार 2025
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मेले और त्योहारों को बढ़ावा देने के लिये सर्वश्रेष्ठ राज्य
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पर्यटन, यात्रा और आतिथ्य पुरस्कार 2025
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प्रचार और प्रसार के लिये सर्वश्रेष्ठ राज्य
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VETA (बहुमुखी उत्कृष्टता यात्रा पुरस्कार 2025)
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प्रमुख विरासत पर्यटन स्थल
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SATTE 2025, IICC, नई दिल्ली
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सर्वश्रेष्ठ राज्य पर्यटन पुरस्कार
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गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड
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खजुराहो नृत्य महोत्सव के 51वें संस्करण में सबसे लंबा शास्त्रीय नृत्य मैराथन के लिये
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छत्तीसगढ़ में बाघों की आबादी हुई दोगुनी | छत्तीसगढ़ | 11 Sep 2025
चर्चा में क्यों?
छत्तीसगढ़ में बाघों की आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2022 में 17 से बढ़कर अप्रैल 2025 तक 35 हो गई, जो राज्य के सफल वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को दर्शाती है।
- इस वृद्धि को छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव कल्याण बोर्ड की 15वीं बैठक में रेखांकित किया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने की।
मुख्य बिंदु
