उत्तर प्रदेश पुलिस की सवेरा योजना | उत्तर प्रदेश | 22 Aug 2025
चर्चा में क्यों?
21 अगस्त, 2025 को विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश पुलिस की आपातकालीन इकाई UP-112 ने ‘सवेरा योजना’ में पंजीकृत वरिष्ठ नागरिकों से पुनः जुड़ने के लिये एक विशेष पहल की शुरुआत की।
- इस पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य की जाँच (wellness checks) करके तथा प्रारंभिक स्तर पर सहायता प्रदान करके वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा, कल्याण और सम्मान सुनिश्चित करना है।
मुख्य बिंदु
सवेरा योजना के बारे में:
- शुभारंभ: इस पहल का शुभारंभ 26 अक्तूबर, 2019 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया।
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य नागरिकों के साथ नियमित सामुदायिक संपर्क स्थापित करना तथा उनकी व्यक्तिगत और सामूहिक समस्याओं का प्रारंभिक स्तर पर ही समाधान करना है, ताकि नागरिकों में सुरक्षा की भावना उत्पन्न की जा सके।
- पंजीकरण: वरिष्ठ नागरिक पंजीकरण के लिये UP-112 पर कॉल कर सकते हैं और पंजीकरण के बाद, यदि आवश्यक हो तो उन्हें निकटतम पुलिस स्टेशन या पुलिस प्रतिक्रिया वाहन से सुरक्षा सहायता प्राप्त होगी।
- विशेष प्रकोष्ठ: वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित मुद्दों के समाधान में सहायता के लिये ज़िला स्तर पर तथा प्रत्येक पुलिस थाने में एक विशेष वरिष्ठ नागरिक प्रकोष्ठ (Senior Citizen Cell) का गठन किया गया है।
विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस
- यह दिवस हर साल 21 अगस्त को वरिष्ठ नागरिकों के योगदान को सम्मानित करने, वैश्विक स्तर पर उनके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सिल्वर अर्थव्यवस्था के बढ़ते महत्त्व को उजागर करने के लिये मनाया जाता है।
- सिल्वर अर्थव्यवस्था से तात्पर्य वरिष्ठ नागरिकों के लिये सभी आर्थिक गतिविधियों, वस्तुओं और सेवाओं से है।
- विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस की शुरुआत वर्ष 1988 में हुई थी, जब अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने 21 अगस्त को वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान और समर्थक नीतियों को बढ़ावा देने हेतु समर्पित किया।
- यह अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस से अलग है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में घोषित किया था, जिसे पहली बार वर्ष 1991 में मनाया गया था।
IOAA 2025 में भारत का प्रदर्शन | उत्तर प्रदेश | 22 Aug 2025
चर्चा में क्यों?
भारत की राष्ट्रीय टीम ने 15 से 21 अगस्त तक मुंबई में आयोजित 18वें अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी ओलंपियाड (IOAA) 2025 में चार स्वर्ण पदक और एक रजत पदक जीते।
प्रमुख बिंदु
पदक विजेताओं के बारे में:
- स्वर्ण पदक विजेता:
- आरुष मिश्रा (बंगलूरू)
- बनीब्रत माजी (दिल्ली)
- पाणिनि (पटना)
- अक्षत श्रीवास्तव (कोलकाता)
- रजत पदक विजेता:
- गुरुग्राम के सुमंत गुप्ता ने रजत पदक जीता।
- प्रतियोगिता की मुख्य विशेषताएँ:
- इस वर्ष IOAA में विश्व के 288 विद्यार्थियों ने भाग लिया, जहाँ व्यावहारिक और सैद्धांतिक परीक्षाओं की शृंखला आयोजित की गई।
- ईरान ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और उसके सभी पाँच प्रतिभागियों ने स्वर्ण पदक जीते।
- समापन समारोह और पुरस्कार:
- IOAA का समापन 21 अगस्त, 2025 को भव्य समारोह के साथ हुआ। इस दौरान कुल 145 पदक प्रदान किये गए, जिनमें 50 स्वर्ण, 44 रजत और 51 कांस्य पदक शामिल थे।
- होमी भाभा नेशनल इंस्टीट्यूट के कुलपति ने विजेताओं को बधाई दी और उनके वैज्ञानिक उत्कृष्टता के प्रयासों की सराहना की।
- साथ ही, उन्होंने खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत के बढ़ते निवेशों को भी रेखांकित किया।
- वैश्विक भागीदारी:
- ऑस्ट्रेलिया और हांगकांग ने इस बार पहली बार सफलता हासिल की। ऑस्ट्रेलिया ने रजत पदक जीता जबकि हांगकांग ने भी रजत पदक अर्जित किया।
- इटली ने तीन कांस्य पदक प्राप्त किये, जो अंतरिक्ष विज्ञान शिक्षा के प्रति वैश्विक रुचि को दर्शाता है।
- IOAA के बारे में:
- वर्ष 2007 में स्थापित IOAA खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी में रुचि रखने वाले हाई स्कूल के छात्रों के लिये एक प्रमुख वैश्विक कार्यक्रम है।
- इस वर्ष इसका आयोजन होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र (HBCSE) द्वारा किया गया, जो टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) का एक अंग है।
मध्य प्रदेश में मानवाधिकार उल्लंघन | मध्य प्रदेश | 22 Aug 2025
चर्चा में क्यों?
वित्तीय वर्ष 2024-25 में मध्य प्रदेश में मानवाधिकार उल्लंघन के 10,373 मामले दर्ज किये गये, जो औसतन प्रतिदिन 29 मामलों के बराबर हैं। यह विगत पाँच वर्षों से ऐसे मामलों में लगातार वृद्धि को दर्शाता है, साथ ही लंबित शिकायतों की संख्या भी बढ़ रही है।
मुख्य बिंदु
- लंबित शिकायतें:
- मुख्यमंत्री ने विधानसभा को अवगत कराया कि वर्तमान में मध्य प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग (MP-SHRC) में 4,669 मानवाधिकार संबंधी शिकायतें लंबित हैं।
- यह वर्ष 2020-21 में लंबित शिकायतों की संख्या 2,798 से अधिक है।
- हालाँकि विगत कुछ वर्षों में शिकायतों में वृद्धि हुई है, लेकिन MP-SHRC के दीर्घकालिक आँकड़ों के अनुसार पूर्ववर्ती दशकों की तुलना में मामलों की कुल संख्या में गिरावट देखी गई है।
- वर्ष 2002-03 में 15,000 से अधिक शिकायतें दर्ज हुई थीं, जबकि 2021-22 तक यह संख्या घटकर 9,000 से कम रह गई, जिसका मुख्य कारण मामलों का तेज़ी से निपटान था
- मानवाधिकार
- ये सभी मनुष्यों के लिये निहित अधिकार हैं चाहे उनकी जाति, लिंग, राष्ट्रीयता, जातीयता, भाषा, धर्म या अन्य स्थिति कुछ भी हो।
- इनमें जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार, दासता तथा यातना से मुक्ति, विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, काम करने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार आदि शामिल हैं।
- भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अनुसार, मानवाधिकार का आशय जीवन, स्वतंत्रता, समानता और व्यक्ति की गरिमा से संबंधित उन अधिकारों से है, जिनकी गारंटी संविधान द्वारा दी गई है या जो अंतर्राष्ट्रीय संधियों में निहित हैं तथा जिन्हें भारत के न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय बनाया गया है।

राजस्थान में 'भाषा प्रयोगशाला' की स्थापना | राजस्थान | 22 Aug 2025
चर्चा में क्यों?
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने युवाओं को विदेशी भाषा प्रशिक्षण देने के लिये 'भाषा प्रयोगशाला' की स्थापना की घोषणा की है ।
मुख्य बिंदु
- भाषा प्रयोगशाला के बारे में:
- उद्देश्य: यह प्रयोगशाला अंग्रेज़ी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय (EFLU) तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) के सहयोग से स्थापित की जाएगी।
- यह प्रयोगशाला अंग्रेज़ी, फ्रेंच, स्पेनिश और जापानी जैसी भाषाओं में प्रशिक्षण प्रदान करेगी ताकि युवाओं को इन भाषाओं में दक्षता हासिल करने में मदद मिल सके।
- युवाओं के लिये लाभ: प्रयोगशाला में प्रदान किया जाने वाला भाषा प्रशिक्षण राजस्थान के युवाओं के कौशल को बढ़ाएगा, जिससे वे पर्यटन, व्यापार, आईटी, शिक्षा और सेवा क्षेत्रों में देश एवं विदेश दोनों स्तरों पर प्रतिस्पर्द्धी बन सकेंगे।
- इस परियोजना का उद्देश्य युवाओं को भाषा कौशल से युक्त करना है ताकि वे घरेलू और अंतर्राष्टीय दोनों बाज़ारों में रोज़गार के अवसर तलाश सकें।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (PMFME) | राजस्थान | 22 Aug 2025
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (PMFME) के तहत जयपुर और राजस्थान के उद्यमियों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना या विस्तार के लिये 35% सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) भारत में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को वित्तीय, तकनीकी और व्यवसायिक सहयोग उपलब्ध कराने हेतु प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (PMFME) एक केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में कार्यान्वित कर रहा है।
मुख्य बिंदु
- सब्सिडी विवरण:
- PMFME योजना नई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिये पात्र परियोजना लागत का 35% या 10 लाख रुपये, जो भी कम हो, की सब्सिडी प्रदान करती है।
- यह वित्तीय सहायता फलों और सब्ज़ियों, अनाज, डेयरी उत्पादों, तिलहन, पशु आहार, बेकरी उत्पादों तथा साबूदाना तथा हींग जैसे अन्य खाद्य उत्पादों से संबंधित उद्योगों के लिये है।
- आवेदन प्रक्रिया:
- आवेदकों को PMFME–MoFPI पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
- इस योजना के लिये राज्य नोडल एजेंसी जयपुर स्थित राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड है तथा कृषि उपज मंडी समिति (APMC) ज़िला स्तरीय नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है।
- आवेदकों के लिये सहायता:
- सरकार ने आवेदकों को ऋण विवरण और योजना-संबंधी मार्गदर्शन सहित आवेदन प्रक्रिया में सहायता प्रदान करने के लिये ज़िला संसाधन व्यक्तियों (DRP) की नियुक्ति की है।
- पात्रता एवं आवश्यकताएँ:
- परियोजना लागत में भूमि लागत शामिल नहीं है तथा तकनीकी सिविल कार्य कुल परियोजना लागत के 30% से अधिक नहीं होना चाहिये।
- यह योजना 31 मार्च, 2026 तक वैध है और इसका लक्ष्य अकेले जयपुर ज़िले में 634 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करना है।
भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की स्थिति
- खाद्य प्रसंस्करण के बारे में:
- खाद्य प्रसंस्करण एक प्रकार का विनिर्माण है, जिसमें कच्चे माल को वैज्ञानिक ज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके मध्यवर्ती खाद्य पदार्थों या खाद्य वस्तुओं में बदला जाता है। यह तैयार उत्पाद की भंडारण क्षमता, सुवाह्यता, स्वाद और सुविधा में सुधार करता है।
- महत्त्व:
- नवीनतम वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI) वर्ष 2019-20 के अनुसार, पंजीकृत विनिर्माण क्षेत्र में लगभग 12.2% व्यक्ति खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में कार्यरत थे।
- प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात सहित कृषि-खाद्य निर्यात का मूल्य वर्ष 2021-22 के दौरान भारत के कुल निर्यात का लगभग 10.9% था।
- सरकारी पहल: