पूर्वोत्तर भारत में शांति | 20 Dec 2022

प्रिलिम्स के लिये:

पूर्वोत्तर भारत, पूर्वोत्तर भारत में प्रमुख समझौते, सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम

मेन्स के लिये:

पूर्वोत्तर भारत में प्रमुख शांति विकास, उत्तर पूर्व भारत का महत्त्व, पूर्वोत्तर भारत के विकास के लिये पहल

चर्चा मे क्यों?

हाल ही में केंद्र सरकार ने बताया है कि नागरिकों की मौतों में 80% की गिरावट आई है और वर्ष 2014 से पूर्वोत्तर भारत में 6,000 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।

पूर्वोत्तर भारत में प्रमुख शांति विकास

  • महत्त्वपूर्ण समझौते:
    • असम-मेघालय अंतर्राज्यीय सीमा समझौता, 2022:
      • समझौता छह विवादित क्षेत्रों में शांति के लिये है जिन्हें पहले चरण में समाधान हेतु लिया गया था।
      • विवादित क्षेत्र में से असम को 18.46 वर्ग किमी. तथा मेघालय को 18.33 वर्ग किमी. का पूर्ण नियंत्रण प्राप्त होगा।
    • कार्बी एंगलोंग समझौता, 2021:
      • कार्बी एंगलोंग समझौता असम के पाँच विद्रोही समूहों, केंद्र और राज्य सरकार के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे।
      • 5 उग्रवादी संगठनों (KLNLF, PDCK, UPLA, KPLT और KLF) ने हथियार डाल दिये और उनके 1000 से अधिक सशस्त्र कैडर ने हिंसा छोड़ दी तथा वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो गए।
    • बोडो समझौता, 2020:
      • उग्रवादी नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के सभी गुटों सहित केंद्र सरकार, असम सरकार और बोडो समूहों ने असम में बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट (BTAD) को बोडोलैंड टेरिटोरियल रीज़न (BTR) के रूप में पुनर्नामित करने और उसका नाम बदलने के लिये बोडो समझौते पर हस्ताक्षर किये।
    • ब्रू-रियांग समझौता, 2020:
      • ब्रू या रियांग पूर्वोत्तर भारत का एक स्वदेशी समुदाय है, जो ज़्यादातर त्रिपुरा, मिज़ोरम और असम में रहता है। त्रिपुरा में उन्हें विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह के रूप में पहचाना जाता है।
      • जनवरी, 2020 में केंद्र सरकार, त्रिपुरा और मिज़ोरम सरकार तथा ब्रू-रियांग (Bru-Reang) के प्रतिनिधियों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए।
      • समझौते के तहत गृह मंत्रालय त्रिपुरा में बंदोबस्त का पूरा खर्च वहन करने के लिये प्रतिबद्ध है।
    • NLFT-त्रिपुरा समझौता, 2019:
      • नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) को वर्ष 1997 से गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया है तथा यह अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार अपने शिविरों से संचालित होने वाली हिंसा में शामिल रहा है।
      • NLFT समझौता 2019 के परिणामस्वरूप 44 हथियारों के साथ 88 कैडरों का आत्मसमर्पण कराया गया।
    • AFSPA की भूमिका:
      • सरकार ने पूरे त्रिपुरा और मेघालय सहित पूर्वोत्तर के एक बड़े हिस्से से AFSPA हटा लिया।
        • अरुणाचल प्रदेश में, AFSPA केवल 3 जिलों में लागू है।

भारत के लिये पूर्वोत्तर का महत्त्व:

  • रणनीतिक महत्त्व:
    • पूर्वोत्तर भारत दक्षिण-पूर्व एशिया और उससे आगे के लिये प्रवेश द्वार है। यह म्याँमार की ओर भारत का भूमि-सेतु है।
    • भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति पूर्वोत्तर राज्यों को भारत के पूर्व की ओर संलग्नता की क्षेत्रीय अग्रिम पंक्ति पर रखती है।
  • सांस्कृतिक महत्त्व:
    • पूर्वोत्तर भारत विश्व के सर्वाधिक सांस्कृतिक रूप से विविधतापूर्ण क्षेत्रों में से एक है। यहाँ 200 से अधिक जनजातियाँ पाई जाती हैं। यहाँ के लोकप्रिय त्योहारों में नगालैंड का हॉर्नबिल महोत्सव, सिक्किम का पांग ल्हबसोल (Pang Lhabsol) आदि शामिल हैं।
    • पूर्वोत्तर भारत दहेज की कुरीति से मुक्त है।
    • पूर्वोत्तर भारत की संस्कृतियों का समृद्ध चित्रपट इसके अत्यधिक विकसित शास्त्रीय नृत्य रूपों (जैसे असम में बिहू) में परिलक्षित होता है।
    • मणिपुर में पवित्र उपवनों में प्रकृति की पूजा करने की परंपरा है, जिसे उमंगलाई (UmangLai) कहा जाता है।
  • आर्थिक महत्त्व:
    • आर्थिक रूप से यह क्षेत्र ‘TOT’ (Tea, Oil and Timber) के प्राकृतिक संसाधनों में समृद्ध है।
    • यह क्षेत्र 50000 मेगावाट जलविद्युत शक्ति की संभावना और जीवाश्म ईंधन के प्रचुर भंडार के साथ एक वास्तविक ‘पावरहाउस’ है।
  • पारिस्थितिक महत्त्व:
    • पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत-बर्मा जैव विविधता हॉटस्पॉट का अंग है। यह भारतीय उपमहाद्वीप के उच्चतम पक्षी और पादप जैव विविधता में से एक का प्रतिनिधित्व करता है।
    • इस क्षेत्र में भारत में मौजूद सभी भालू प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

पूर्वोत्तर के विकास के लिये सरकार की प्रमुख पहलें

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ) 

प्रश्न. भारतीय संविधान की किस अनुसूची में कई राज्यों में अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और नियंत्रण के लिये विशेष प्रावधान हैं?

(a) तीसरी
(b) पाँचवी
(c) सातवीं
(d) नौवीं

उत्तर: (b)


प्रश्न. मानवाधिकार सक्रियतावादी लगातार इस विचार को उज़ागर करते हैं कि सशस्त्र बल (विशेष शक्तियाँ) अधिनियम, 1958 (AFSPA) एक क्रूर अधिनियम है, जिससे सुरक्षा बलों के द्वारा मानवाधिकार दुरुपयोगों के मामले उत्पन्न होते हैं। इस अधिनियम की कौन-सी धाराओं का सक्रियतावादी विरोध करते हैं? उच्चतम न्यायालय के द्वारा व्यक्त विचार के संदर्भ में इसकी आवश्यकता का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। (मेन्स-2015)


प्रश्न. भारत का उत्तर-पूर्वीय प्रदेश बहुत लम्बे समय से विद्रोह-ग्रसित है । इस प्रदेश में सशस्त्र विद्रोह की अतिजीविता के मुख्य कारणों का विश्लेषण कीजिये। (2017)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस