अपतटीय गश्ती पोत सार्थक | 29 Oct 2021

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय तटरक्षक बल द्वारा एक अपतटीय गश्ती पोत (Offshore Patrol Vessel - OPV), भारतीय तटरक्षक पोत (ICGS) सार्थक (Sarthak) को गोवा में कमीशनिंग करके राष्ट्र को समर्पित किया गया है।

OPV-Sarthak

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • यह 2,450 टन की स्थापित क्षमता वाला 105 मीटर लंबा जहाज़ है जो 9,100 किलोवाट  दो डीजल इंजन द्वारा संचालित है जिसे 26 समुद्री मील की अधिकतम गति प्राप्त करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • पाँच अपतटीय गश्ती पोत (OPV) की शृंखला में ‘सार्थक’ चौथे स्थान पर है जो राष्ट्र की समुद्री सुरक्षा और बचाव को महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देगा।
      • OPVs लंबी दूरी के सतही जहाज़ हैं, जो भारत के समुद्री क्षेत्रों में संचालन में सक्षम हैं, जिसमें हेलीकॉप्टर संचालन क्षमता वाले द्वीप क्षेत्र भी शामिल हैं।
      • उनकी भूमिकाओं में तटीय और अपतटीय गश्त, भारत के समुद्री क्षेत्रों में पुलिसिंग, नियंत्रण और निगरानी, ​​तस्करी विरोधी और सीमित युद्धकालीन भूमिकाओं के साथ समुद्री डकैती विरोधी अभियान शामिल हैं। 
  • विकास:
    • इसे ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण के अनुरूप मैसर्स ‘गोवा शिपयार्ड लिमिटेड’ (GSL) द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन एवं निर्मित किया गया है।
      • इसमें लगभग 70% स्वदेशी उपकरण हैं, इस प्रकार यह भारतीय जहाज़ निर्माण उद्योग को आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करता है और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के लक्ष्य  को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
  • विशेषताएँ:
    • यह जहाज़ अत्याधुनिक नेवीगेशन एवं संचार उपकरण, सेंसर एवं मशीनरी से सुसज्जित है।
    • इस जहाज़ को ट्विन-इंजन हेलीकॉप्टर, चार उच्च गति वाली नौकाओं तथा स्विफ्ट बोर्डिंग एवं सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन के लिये एक इनफ्लैटेबल (Inflatable) नौका को ढोने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • यह जहाज़ समुद्र में तेल रिसाव प्रदूषण से निपटने के लिये ‘सीमित प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरण’ ले जाने में भी सक्षम है।
  • उपयोगिता:
    • इस जहाज़ को राष्ट्र के समुद्री हितों की सुरक्षा के लिये तैनात किया गया है जिनमें अनन्य आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone- EEZ) की निगरानी, ​​तटीय सुरक्षा और तटरक्षक चार्टर में निहित अन्य कर्त्तव्य शामिल हैं।
  • अन्य OPV:

भारतीय तटरक्षक बल (ICG):

  • यह रक्षा मंत्रालय के तहत एक सशस्त्र बल, खोज और बचाव तथा समुद्री कानून प्रवर्तन एजेंसी है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • इसकी स्थापना अगस्त 1978 में तटरक्षक अधिनियम, 1978 द्वारा भारत के एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में की गई थी। 
    • ICG के गठन की अवधारणा वर्ष 1971 के युद्ध के बाद अस्तित्व में आई तथा रुस्तमजी समिति द्वारा एक बहु-आयामी तटरक्षक के लिये दूरदर्शी खाका तैयार किया गया था।
  • सन्निहित क्षेत्र और अनन्य आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone-EEZ) सहित भारत के क्षेत्रीय जल पर इसका अधिकार क्षेत्र है।
  • यह भारत के समुद्री क्षेत्रों में समुद्री पर्यावरण संरक्षण के लिये उत्तरदायी है तथा भारतीय जल क्षेत्र में तेल रिसाव की प्रतिक्रिया के लिये ​एक समन्वय प्राधिकारी के रूप में कार्य करता है।

स्रोत: पीआईबी