प्रिलिम्स फैक्ट्स (08 Aug, 2025)



स्वदेश दर्शन योजना

स्रोत: पी. आई. बी.

पर्यटन मंत्रालय ने भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General of India- CAG) के निष्पादन लेखापरीक्षा के बाद स्वदेश दर्शन योजना (SDS) की समीक्षा की।

  • समीक्षा में संस्थागत सुदृढ़ीकरण, डेटा-आधारित गंतव्य चयन, बुनियादी ढाँचे की बेंचमार्किंग तथा कठोर (बुनियादी ढाँचे) और नर्म (क्षमता निर्माण) हस्तक्षेपों के एकीकरण पर जोर दिया गया।
  • फोकस क्षेत्रों में दीर्घकालिक स्थिरता (लॉन्ग-टर्म सस्टेनेबिलिटी) के लिये निगरानी, सतत् संचालन, प्रचार-प्रसार और प्रभाव आकलन शामिल थे।

स्वदेश दर्शन योजना (SDS और SD2.0)

  • 2014-15 में शुरू की गई, SDS एक 100% केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसका उद्देश्य थीम-आधारित सर्किटों (जैसे बौद्ध, विरासत) के एकीकृत विकास के माध्यम से सतत् और उत्तरदायी पर्यटन को बढ़ावा देना है।
  • यह राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों/केंद्रीय एजेंसियों को बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
  • SD2.0 का फोकस अब गंतव्य-केंद्रित और सतत् पर्यटन पर है, जो ‘वोकल फॉर लोकल’ और आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुरूप है। यह पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में निजी क्षेत्र के निवेश को भी प्रोत्साहित करता है।
  • चुनौती-आधारित गंतव्य विकास (CBDD), जो SD2.0 के तहत एक उप-योजना है, एक प्रतिस्पर्द्धात्मक मॉडल पर आधारित है। इसका ध्यान सतत् विकास, डिजिटलीकरण, कौशल विकास, MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) को सहयोग और कुशल प्रबंधन पर है।

पर्यटन विकास के लिये प्रमुख पहल

और पढ़ें: स्वदेश दर्शन योजना, भारत में सतत् पर्यटन को बढ़ावा देना


हेपेटाइटिस D कैंसरकारी के रूप में घोषित

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हेपेटाइटिस D वायरस (HDV) को कैंसरकारी के रूप में पुनः वर्गीकृत किया है।

हेपेटाइटिस

  • विषय: यह वायरल संक्रमण, स्व-प्रतिरक्षा विकारों, शराब/ड्रग विषाक्तता के कारण होने वाली यकृत की सूजन है। यह तीव्र या दीर्घकालिक हो सकती है, जिससे फाइब्रोसिस, सिरोसिस या यकृत कैंसर हो सकता है।
  • लक्षण: हेपेटाइटिस से संक्रमित कुछ व्यक्तियों में लक्षण दिखाई नहीं दे सकते हैं, लेकिन सामान्य लक्षणों में बुखार, थकान, भूख न लगना, मतली, उल्टी, पेट में दर्द, डार्क  यूरिन, मिट्टी के रंग का मल त्याग, जोड़ों का दर्द और पीलिया शामिल हैं।
  • कारण: हेपेटोट्रोपिक वायरस (A, B, C, D, E), अन्य जैसे वैरिकाला, SARS-CoV-2 और गैर-वायरल कारण जैसे शराब, ड्रग्स, ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस, फैटी लिवर।
  • व्यापकता: वर्ष 2022 में, WHO ने रिपोर्ट किया कि हेपेटाइटिस B के 254 मिलियन, हेपेटाइटिस C के 50 मिलियन मामले और 1.3 मिलियन मौतें दर्ज की गईं। 30 से 54 वर्ष आयु वर्ग के लोग दीर्घकालिक (क्रॉनिक) मामलों का लगभग आधा हिस्सा थे।
  • हेपेटाइटिस D: यह एक दोषपूर्ण वायरस है जो संक्रमण और प्रतिकृति के लिये हेपेटाइटिस B वायरस (HBV) पर निर्भर करता है।
    • जोखिम: यह हेपेटाइटिस B वायरस (HBV) के साथ सह-संक्रमण (Co-Infection) या सुपरइंफेक्शन का कारण बनता है, जिससे केवल HBV की तुलना में लीवर सिरोसिस और हैपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (लीवर  कैंसर का एक प्रकार) का खतरा 2 से 6 गुना तक बढ़ जाता है।
    • व्यापकता: भारत में इसका प्रचलन कम है, लेकिन यह संभावना है कि इसे पर्याप्त रूप से दर्ज नहीं किया गया है, खासकर इंजेक्शन से नशा करने वाले लोगों और दीर्घकालिक हेपेटाइटिस बी (HBV) रोगियों के बीच।
    • निदान, उपचार और रोकथाम: निदान HDV-RNA परीक्षण पर निर्भर करता है तथा उपचार के विकल्प सीमित हैं, हालाँकि बुलेविर्टाइड जैसी नई दवाएँ आशाजनक परिणाम दिखाती हैं।
      • इसकी रोकथाम सार्वभौमिक हेपेटाइटिस बी टीकाकरण पर निर्भर करती है, जिसका भारत में लगभग 50% कवरेज है।
      • प्रमुख उपायों में सुरक्षित रक्त संक्रमण, सुइयों की सुरक्षा, सुरक्षित यौन संबंध और उच्च जोखिम वाले समूहों की स्क्रीनिंग शामिल हैं।
  • महत्त्वपूर्ण पहल:

हेपेटाइटिस के प्रकार

प्रकार

संक्रमण का माध्यम

बचाव

उपचार

हेपेटाइटिस A

दूषित भोजन खाने या दूषित पानी पीने से

- अच्छी स्वच्छता का पालन

- टीका

कोई उपचार नहीं

हेपेटाइटिस B

संक्रमित व्यक्ति के रक्त या शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क से

- अच्छी स्वच्छता का पालन

- टीकाकरण

- रक्त की जाँच

- अल्फा इंटरफेरॉन

- पेगिन्टरफेरॉन 

हेपेटाइटिस C

रक्त से रक्त का संपर्क

- अच्छी स्वच्छता का पालन

- सुई, टूथब्रश, रेज़र या नाखून काटने की कैंची साझा करने से बचना चाहिये

प्रत्यक्ष-क्रियाशील एंटीवायरल दवाएँ

(DAAs)

हेपेटाइटिस D

संक्रमित रक्त के संपर्क से (केवल उन लोगों में होता है जो पहले से हेपेटाइटिस B से संक्रमित हैं)

- हेपेटाइटिस B का टीका

- सुई, टूथब्रश, रेज़र या नेलकटर साझा करने से बचना चाहिये

इंटरफेरॉन

हेपेटाइटिस E

दूषित भोजन खाने या दूषित जल पीने से

- अच्छी स्वच्छता का पालन

- ऐसे पानी को पीने से बचना चाहिये जो संभवतः असुरक्षित स्रोत से आया हो

कोई उपचार नहीं

और पढ़ें: ग्लोबल हेपेटाइटिस रिपोर्ट 2024विश्व हेपेटाइटिस दिवस


ISRO अंतरिक्ष एनालॉग मिशन 'HOPE'

स्रोत: ISRO

चर्चा में क्यों? 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशनों से संबंधी चुनौतियों का अनुकरण और अध्ययन करने हेतु त्सो कर घाटी (लद्दाख) में हिमालयन आउटपोस्ट फॉर प्लेनेटरी एक्सप्लोरेशन (HOPE) नामक अंतरिक्ष अनुरूप मिशन का उद्घाटन किया है।

HOPE मिशन क्या है?

  • परिचय: यह ISRO के इंडियन ह्यूमन स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम (भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भविष्य के अंतरग्रहीय मिशनों, विशेष रूप से चंद्रमा और मंगल से संबंधी मिशनों के लिये प्रौद्योगिकियों और मानव स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का परीक्षण करने हेतु अंतरिक्ष जैसी स्थितियों का अनुकरण करना है।
  • उद्देश्य: इस मिशन का मुख्य लक्ष्य मानव अंतरिक्ष उड़ान के दौरान होने वाली शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और परिचालन संबंधी चुनौतियों का अध्ययन करना है, ताकि भविष्य के मानवयुक्त अंतरिक्ष अन्वेषण मिशनों की योजना और तैयारी को बेहतर बनाया जा सके।
    • यह एपिजेनेटिक, जीनोमिक विश्लेषण, स्वास्थ्य निगरानी प्रोटोकॉल और माइक्रोबियल नमूना तकनीकों पर केंद्रित है
  • स्थल चयन: लद्दाख की त्सो कार घाटी का चयन मंगल ग्रह जैसे वातावरण- उच्च UV विकिरण, निम्न वायुदाब, लवणीय पर्माफ्रॉस्ट और शीत तापमान (15°C से -10°C) के कारण किया गया। 
    • ऑक्सीजन का स्तर समुद्र तल का केवल 40% है और चट्टानी, रेतीली मृदा मंगल ग्रह की मृदा से मिलती-जुलती है
    • यह जीवन रक्षक प्रणालियों, आवास प्रौद्योगिकी और रोवर मूवमेंट के परीक्षण को सक्षम बनाता है, साथ ही इन-सीटू संसाधन उपयोग (ISRU) और खगोल जीव विज्ञान के उपयोग पर अनुसंधान का समर्थन करता है।
  • महत्त्व: यह मिशन गगनयान सहित पृथ्वी की निचली कक्षा (Low Earth Orbit- LEO) के लिये भविष्य के मानवयुक्त मिशनों और 2040 तक भारतीय चंद्र लैंडिंग की तैयारी में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    • यह महत्त्वपूर्ण डेटा उत्पन्न करता है, तकनीकी तत्परता और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल को सुदृढ़ करता है और सार्वजनिक-निजी-शैक्षणिक सहयोग के माध्यम से आत्मनिर्भर अंतरिक्ष अनुसंधान को बढ़ावा देता है।

नोट: 

  • लद्दाख में स्थित त्सो कर आर्द्रभूमि क्षेत्र एक रामसर स्थल है, जिसे आर्द्रभूमियों पर अंतरराष्ट्रीय रामसर कन्वेंशन द्वारा संरक्षण का दर्जा प्रदान किया गया है।

अंतरिक्ष अनुसंधान में पहले के एनालॉग मिशन

  • भारत:
    • लद्दाख ह्यूमन एनालॉग मिशन (LHAM), लेह (2024): इसरो का पहला मंगल और चंद्रमा एनालॉग मिशन, जिसमें अंतरिक्ष आवास प्रौद्योगिकियों का परीक्षण कृत्रिम अंतरिक्ष परिस्थितियों में किया गया।
    • अनुगामी (जुलाई 2025): गगनयान एनालॉग एक्सपेरिमेंट (GANEX) के तहत 10-दिन का एनालॉग प्रयोग, जिसका उद्देश्य मानव अंतरिक्ष उड़ान की तैयारी को आगे बढ़ाना है।
  • विश्व स्तर पर:
    • डेज़र्ट RATS (NASA): एरिज़ोना के रेगिस्तानों में आयोजित, जिसका उद्देश्य चंद्रमा और मंगल अभियानों के लिये रोवर्स और बाह्य-यात्री गतिविधियों (EVA) का परीक्षण करना है।
    •  NEEMO (NASA): इसमें अंतरिक्ष यात्री एक्वेरियस, जो दुनिया का एकमात्र पानी के भीतर शोध स्टेशन है, में रहते हैं, ताकि अंतरिक्ष मिशन जैसी परिस्थितियों का अनुकरण किया जा सके।
    • HI-SEAS: हवाई में स्थित एक मार्स एंड मून एनालॉग स्टेशन, जिसे इंटरनेशनल मूनबेस एलायंस (IMA) द्वारा संचालित किया जाता है, ताकि चंद्र अन्वेषण और अनुसंधान को समर्थन मिल सके।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

इसरो द्वारा प्रक्षेपित मंगलयान

  1. को मंगल ऑर्बिटर मिशन भी कहा जाता है।  
  2. के कारण अमेरिका के बाद मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाला भारत दूसरा देश बना। 
  3.  ने भारत को अपने अंतरिक्ष यान को अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह की परिक्रमा करने में सफल होने वाला एकमात्र देश बना दिया।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(a) केवल

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)


SECI द्वारा हरित अमोनिया के लिये पहली बार नीलामी

स्रोत: पी.आई.बी. 

भारतीय सौर ऊर्जा निगम (Solar Energy Corporation of India-SECI) ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission- NGHM) के हिस्से के रूप में SIGHT योजना के तहत हरित अमोनिया (Green Ammonia) की खरीद के लिये पहली बार नीलामी आयोजित की है।

  • SECI नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के अंतर्गत एक नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (CPSU) है और पूरे भारत में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के प्रचार एवं कार्यान्वयन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

SIGHT योजना

  • ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन कार्यक्रम के लिये रणनीतिक हस्तक्षेप-साइट (Strategic Interventions for Green Hydrogen Transition- SIGHT) राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत एक प्रमुख पहल है।
  • इसका उद्देश्य निर्माताओं को वित्तीय प्रोत्साहन के माध्यम से हरित हाइड्रोजन उत्पादन के आपूर्ति पक्ष को मजबूत करना है।
  • इसका कार्यान्वयन नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy- MNRE) द्वारा SECI के माध्यम से किया जाता है। 

हरित अमोनिया

  • यह कार्बन-मुक्त अमोनिया है, जो हरित हाइड्रोजन (जल के विद्युतअपघटन के माध्यम से) और नाइट्रोजन (वायु से) का उपयोग करके उत्पादित किया जाता है।
  • इसका उपयोग जलवायु-तटस्थ उर्वरक उत्पादन में, इंजन या ईंधन सेल में शून्य-कार्बन ईंधन के रूप में तथा स्वच्छ समुद्री ईंधन विकल्प के रूप में किया जाता है।
  • इसे मध्यम दाब या कम ताप पर तरल के रूप में आसानी से संगृहीत और परिवहन किया जा सकता है, जिससे यह नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण और लंबी दूरी की ऊर्जा व्यापार के लिये आदर्श बन जाता है।

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और पढ़ें: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन