फूलो झानो आशीर्वाद अभियान | झारखंड | 08 Oct 2025
चर्चा में क्यों?
चाईबासा में उप विकास आयुक्त (DDC) की अध्यक्षता में आयोजित झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) की समीक्षा बैठक में पश्चिमी सिंहभूम में फूलो झानो आशीर्वाद अभियान की प्रगति और आजीविका गतिविधियों की समीक्षा की गई।
मुख्य बिंदु
- फूलो झानो आशीर्वाद अभियान (PJAA):
- इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में हरिया (देशी शराब) बनाने और बेचने की प्रथा को समाप्त करना है।
- सितंबर 2020 में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रारंभ की गई यह योजना महिलाओं को सम्मानजनक एवं स्थायी आजीविका के अवसर प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल है।
- दृष्टि:
- यह पहल शराब के व्यापार में संलग्न महिलाओं का पुनर्वास कर उन्हें सम्मानजनक एवं स्थायी आय स्रोतों से जोड़ने तथा मुख्यधारा में लाने पर केंद्रित है।
- यह अभियान ज़मीनी स्तर पर आर्थिक स्वतंत्रता, सामाजिक समावेशन एवं महिला सशक्तीकरण को प्रोत्साहित करने के लिये तैयार किया गया है।
- सहायता तंत्र:
- इस पहल के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह (SHG) की सदस्याओं को प्रत्येक प्रभावित परिवार तक पहुँचने और आवश्यक सहायता सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
- सखी मंडल के माध्यम से 10,000 रुपए तक का ब्याज-मुक्त ऋण नए उद्यम शुरू करने के लिये प्रदान किया जाता है।
- यह योजना महिलाओं को शराब उत्पादन से स्थायी आजीविका की ओर स्थानांतरित करने में मदद करने के लिये तकनीकी सहायता, मार्गदर्शन और परामर्श प्रदान करती है।
- उपलब्धियाँ:
- कुल चिह्नित महिलाएँ: 15,284 (घर-घर सर्वेक्षण के माध्यम से)
- पुनर्वासित महिलाएँ: 14,003 महिलाएँ अब वैकल्पिक आय-सृजन गतिविधियों के माध्यम से सम्मानजनक आजीविका अर्जित कर रही हैं।
विश्व कपास दिवस 2025 | राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स | 08 Oct 2025
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और पबित्रा मार्गेरिटा ने 7 अक्तूबर को नई दिल्ली में विश्व कपास दिवस 2025 समारोह में भाग लिया।
- यह कार्यक्रम वस्त्र मंत्रालय तथा भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (CITI) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था, जिसका विषय था "कपास 2040: प्रौद्योगिकी, जलवायु और प्रतिस्पर्द्धात्मकता।"
मुख्य बिंदु
- परिचय:
- विश्व कपास दिवस की स्थापना वर्ष 2019 में की गयी थी, जब उप-सहारा अफ्रीका के चार कपास उत्पादक देशों (बेनीन, बुर्किना फासो, चाड और माली), जिन्हें सामूहिक रूप से “कॉटन फोर (Cotton Four)” कहा जाता है, ने 7 अक्टूबर को विश्व व्यापार संगठन (WTO) को यह दिवस मनाने का प्रस्ताव दिया था।
- उद्देश्य:
- इस दिवस का उद्देश्य अल्प विकसित देशों के कपास और कपास से संबंधित उत्पादों के लिये वैश्विक बाज़ार तक पहुँच प्रदान करने की आवश्यकता के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है।
- साथ ही यह सतत व्यापार नीतियों को बढ़ावा देने और विकासशील देशों को कपास मूल्य शृंखला के प्रत्येक चरण से अधिक लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाना है।
- कपास से संबंधित तथ्य:
- शीर्ष पाँच कपास उत्पादक देश चीन, भारत, ब्राज़ील, संयुक्त राज्य अमेरिका और पाकिस्तान हैं, जिनकी कुल मिलाकर वैश्विक उत्पादन में तीन-चौथाई से अधिक हिस्सेदारी है।
- भारत विश्व में कपास का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो कुल वैश्विक कपास उत्पादन का 23% है।
- कपास से विश्व में लगभग 2.4 करोड़ उत्पादकों को आजीविका मिलती है तथा 10 करोड़ से अधिक परिवारों को लाभ मिलता है।
- कपास विश्व में पॉलिएस्टर के बाद दूसरा सबसे अधिक प्रयोग किया जाने वाला रेशा है, जो कुल रेशा मांग का लगभग 20% है।
- लगभग 80% कपास का उपयोग परिधानों में किया जाता है, शेष कपास का उपयोग घरेलू वस्त्रों और औद्योगिक उत्पादों में किया जाता है।
- भारत में नियंत्रण प्रणाली:
- भारतीय कपास निगम की स्थापना जुलाई 1970 में वस्त्र मंत्रालय के अधीन की गई थी।
- इसका उद्देश्य मूल्य समर्थन उपायों के माध्यम से कपास के मूल्य स्थिरीकरण को सुनिश्चित करना है।
- इसके अतिरिक्त, यह निगम घरेलू वस्त्र उद्योग का व्यावसायिक खरीद परिचालन के माध्यम से समर्थन करता है, विशेष रूप से कम उत्पादन वाले मौसम के दौरान।
