हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी | 01 Sep 2025

स्रोत: पी.आई.बी 

चर्चा में क्यों?

भारतीय नौसेना ने कोच्चि में हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) के अंतर्गत उभरते अभिकर्त्ताओं के पैनल की मेज़बानी की, जिससे युवा नौसेना अभिकर्त्ताओं को हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में समुद्री सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा करने हेतु एक मंच प्रदान किया गया। 

हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) क्या है? 

  • परिचय: IONS एक स्वैच्छिक पहल है, जिसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) के तटीय देशों की नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ाना है। 
    • यह क्षेत्रीय समुद्री मुद्दों पर चर्चा करने, जानकारी साझा करने और सहयोगात्मक समाधान के लिये  सामूहिक समझ विकसित करने हेतु एक खुला मंच प्रदान करता है। 
  • सदस्यता: IONS में कुल 34 देश शामिल हैं (25 सदस्य, जिनमें भारत भी शामिल है और 9 पर्यवेक्षक)। 
  • प्रथम सम्मेलन: पहला IONS सम्मेलन वर्ष 2008 में नई दिल्ली में आयोजित हुआ था, जिसमें भारतीय नौसेना ने अध्यक्षता की थी (2008–2010)। भारत पुनः वर्ष 2025–27 के दौरान IONS की अध्यक्षता करेगा, जिसका 9वाँ CoC वर्ष 2025 के अंत में भारत में आयोजित होने की योजना है। 
  • कार्य क्षेत्र और कार्यकारी समूह (IWG): 
    • मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR): प्राकृतिक आपदाओं के दौरान संयुक्त राहत अभियानों की योजना बनाना और संचालन करना। 
    • क्षमता निर्माण: सदस्य देश IONS के तहत नियमित रूप से समुद्री प्रशिक्षण अभ्यास और कार्यशालाएँ आयोजित करते हैं, ताकि कौशल व क्षेत्रीय नौसेनाओं के बीच परस्पर संचालन क्षमता को बढ़ाया जा सके। 
    • समुद्री डकैती और अपराध-निरोध: समुद्री डकैती, तस्करी और अवैध समुद्री गतिविधियों से निपटने के लिये रणनीतियाँ विकसित करना।

हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) से जुड़े प्रमुख तथ्य क्या हैं? 

  • परिचय: यह विश्व के महासागरीय क्षेत्र के लगभग पाँचवें हिस्से को कवर करता है। प्रशांत और अटलांटिक महासागर के बाद हिंद महासागर विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है। 
    • यह एशिया (उत्तर), अफ्रीका (पश्चिम), ऑस्ट्रेलिया (पूर्व) और अंटार्कटिका (दक्षिण) से घिरा हुआ है तथा इसका सबसे गहरा बिंदु सुंडा डीप, जावा ट्रेंच (इंडोनेशिया) है। 
  • प्रमुख समुद्र और खाड़ियाँ: प्रमुख महासागरों में हिंद महासागर में सबसे कम सीमांत समुद्र (Marginal seas) हैं, जिनमें लाल सागर, फारस की खाड़ी, अरब सागर, अंडमान सागर, बंगाल की खाड़ी, अदन और ओमान की खाड़ियाँ तथा ग्रेट ऑस्ट्रेलियन बाइट शामिल हैं। 
    • हिंद महासागर में प्रमुख सतही धाराएँ (Epipelagic currents) पाई जाती हैं, जो वैश्विक महासागरीय परिसंचरण को प्रभावित करती हैं। 
  • IOR का सामरिक महत्त्व: 
    • 40 से अधिक राज्यों की मेज़बानी करता है, जो वैश्विक जनसंख्या का लगभग 40% है। 
    • विश्व के तेल परिवहन का लगभग 2/3 भाग, माल ढुलाई का 1/3 भाग और कंटेनर यातायात का लगभग 50% इसी क्षेत्र से होकर गुजरता है। 
    • प्रमुख अवरोध बिंदु (चोकपॉइंट्स): स्वेज़ नहर, बाब अल-मन्देब जलडमरूमध्य, होर्मुज़  जलडमरूमध्य, मलक्का जलडमरूमध्य → ये वैश्विक व्यापार, ऊर्जा आपूर्ति और सामरिक सुरक्षा हेतु अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। 
    • संसाधन-समृद्ध: मत्स्य पालन, अपतटीय तेल (वैश्विक उत्पादन का ~40%), खनिज रेत। 
    • भारत के लिये: 7,500 किमी समुद्र तट, 80% से अधिक ऊर्जा आयात IOR से होकर गुजरता है → व्यापार, रक्षा, ऊर्जा सुरक्षा हेतु महत्त्वपूर्ण। 
  • IOR का शासन: इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) की स्थापना वर्ष 1997 में की गई थी। यह एक अंतर-सरकारी मंच है, जिसका  शीर्ष निकाय, विदेश मंत्रियों की परिषद (COM) है, जो नीतियाँ निर्धारित करने हेतु प्रतिवर्ष बैठक करता है। 
    • वर्तमान में श्रीलंका IORA का अध्यक्ष है, जबकि भारत उपाध्यक्ष और ट्रोइका का हिस्सा होने के नाते वर्ष 2025–2027 की अवधि के लिये अध्यक्षता संभालेगा। 

हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भारत की भूमिका क्या है? 

  • IOR में भारत एक एकीकरणकर्त्ता के रूप में: 
    • साझा दृष्टिकोण: सागर (SAGAR) और क्षेत्रों में सुरक्षा के लिये पारस्परिक और समग्र उन्नति (महासागर) के माध्यम से, भारत हिंद महासागर क्षेत्र में सामूहिक सुरक्षा, विकास और सतत् विकास को बढ़ावा देता है। 
    • भू-रणनीतिक जुड़ाव: भारत अपनी सीमाओं से परे अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहा है, जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संभावित सैन्य अड्डे भी शामिल हैं। 
    • सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग: भारत, AIKEYME (अफ्रीका), MILAN (बहुराष्ट्रीय), SIMBEX (सिंगापुर के साथ) जैसे रक्षा अभ्यासों और द्वीपीय देशों के साथ संयुक्त गश्त के माध्यम से एक शुद्ध सुरक्षा प्रदाता के रूप में विश्वास का निर्माण करता है। 
    • संस्थागत भूमिका: भारत IORA, IONS और हिंद महासागर सम्मेलन जैसे मंचों का नेतृत्व करता है तथा विविध तटीय राज्यों के बीच सेतु का काम करता है। 
      • "एक्ट ईस्ट", "नेबरहुड फर्स्ट" जैसी पहलों के माध्यम से भारत समुद्री संपर्क और क्षेत्रीय प्रभाव को बढ़ा रहा है। 
    • आर्थिक एवं विकास साझेदार: भारत नीली अर्थव्यवस्था, व्यापार एकीकरण, नवीकरणीय ऊर्जा और क्षमता निर्माण में निवेश करता है। 
      • भारतीय नौसेना (IN) एक "प्रथम प्रतिक्रियाकर्त्ता" के रूप में कार्य करती है, जो मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) प्रदान करती है, जैसा कि वर्ष 2004 के एशियाई सुनामी के बाद और संघर्ष या आपदा क्षेत्रों से बाद में निकासी के दौरान देखा गया था। 

India_in_Indian_Ocean_Region

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs) 

प्रिलिम्स

प्रश्न. 'क्षेत्रीय सहयोग के लिये इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन फॉर रीजनल को-ऑपरेशन (IOR_ARC)' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015) 

  1. इसकी स्थापना हाल ही में घटित समुद्री डकैती की घटनाओं और तेल अधिप्लाव (आयल स्पिल्स) की दुर्घटनाओं के प्रतिक्रियास्वरूप की गई है।   
  2. यह एक ऐसी मैत्री है जो केवल समुद्री सुरक्षा हेतु है।  

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 

(b) केवल 2 

(c) 1 और 2 दोनों 

(d) न तो 1 और न ही 2 

उत्तर: (d)