राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन | 15 Dec 2025
प्रिलिम्स के लिये: राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM), सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC), AIRAWAT, मॉनसून, प्रत्युष, जीनोम सीक्वेंसिंग, प्रोटीन फोल्डिंग, सेमीकंडक्टर, नैनोमटेरियल्स।
मेन्स के लिये: नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) की मुख्य विशेषताएँ और इसके तहत विभिन्न उपलब्धियाँ। उच्च-प्रदर्शन संगणन (हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग- HPC) के अनुप्रयोग।
चर्चा में क्यों?
भारत ने वर्ष 2030 तक अपने उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) प्रणालियों के पूर्ण स्वदेशीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान में इनमें स्वदेशी घटकों की हिस्सेदारी लगभग 50% है, जिसके दशक के अंत तक 70% से अधिक होने की संभावना है।
- देश का लक्ष्य राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत मार्च, 2026 तक 90 पेटाफ्लॉप्स (PF) की कंप्यूटिंग क्षमता स्थापित करना है।
सरांश
- भारत की राष्ट्रीय मानक प्रबंधन योजना का उद्देश्य स्वदेशी उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (NHC) क्षमता का निर्माण करना है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक लगभग पूर्ण स्वदेशीकरण हासिल करना है।
- प्रमुख उपलब्धियाँ: रुद्र सर्वर, त्रिनेत्र नेटवर्क, ऐरावत AI सुपरकंप्यूटर। NSM 2.0 का लक्ष्य रणनीतिक स्वायत्तता के लिये ISM के साथ स्वदेशी CPUs/GPUs और एक्सस्केल कंप्यूटिंग है।
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) क्या है?
- परिचय: NSM को वर्ष 2015 में भारत सरकार की एक प्रमुख पहल के रूप में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य देश को उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग क्षमताओं से सशक्त बनाना था।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा संयुक्त रूप से संचालित, पुणे स्थित सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) और बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) द्वारा कार्यान्वित।
- उद्देश्य:
- आत्मनिर्भरता: स्वदेशी सुपरकंप्यूटिंग डिज़ाइन, विकास और विनिर्माण हासिल करना।
- अनुसंधान एवं सुलभता: अनुसंधान एवं विकास के लिये सुपरकंप्यूटिंग को बढ़ावा देना तथा इसे देशभर के वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी समुदायों के लिये सुलभ बनाना।
- राष्ट्रीय प्रासंगिकता: शैक्षणिक, अनुसंधान एवं विकास तथा सरकारी संस्थानों के माध्यम से राष्ट्रीय महत्त्व के अनुप्रयोगों का विकास करना।
- तीन चरणों वाली रणनीतिक कार्यान्वयन प्रक्रिया:
- चरण I: विभिन्न संस्थानों में छह सुपरकंप्यूटर स्थापित कर बुनियादी सुपरकंप्यूटिंग अवसंरचना के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें पर्याप्त घरेलू असेंबली शामिल थी, इसका उद्देश्य देश के भीतर कंपोनेंट असेंबली का एक इकोसिस्टम विकसित करना था।
- चरण II: स्थानीय सॉफ्टवेयर स्टैक के विकास के साथ सुपरकंप्यूटरों के स्वदेशी निर्माण की ओर प्रगति की गई और इसमें भारत से लगभग 40% मूल्यवर्धन प्राप्त किया गया।
- तीसरा चरण: इसमें भारत के भीतर प्रमुख घटकों के डिज़ाइन, विकास और निर्माण सहित पूर्ण स्वदेशीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- NSM के तहत स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास:
- त्रिनेत्र नेटवर्क: सी-डैक (C-DAC) द्वारा विकसित स्वदेशी उच्च-गति संचार नेटवर्क त्रिनेत्र कंप्यूटिंग नोड्स के बीच डेटा ट्रांसफर और संचार को सुदृढ़ बनाने के लिये तैयार किया गया है।
- त्रिनेत्र-POC: प्रमुख अवधारणाओं को सत्यापित करने हेतु विकसित एक प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट (POC) प्रणाली।
- त्रिनेत्र-A: 100 गीगाबिट प्रति सेकंड की नेटवर्क क्षमता, C-DAC पुणे में 1 पेटाफ्लॉप (PF) परम रुद्र में सफलतापूर्वक तैनात और परीक्षित।
- PF का अर्थ है कि एक कंप्यूटर प्रति सेकंड एक क्वाड्रिलियन (10¹⁵) फ्लोटिंग-पॉइंट संक्रियाएँ कर सकता है।
- त्रिनेत्र-B: 200 गीगाबिट प्रति सेकंड क्षमता वाला उन्नत संस्करण, जिसे C-DAC बेंगलुरु में 20 PF परम रुद्र सुपरकंप्यूटर में तैनात किया जाना प्रस्तावित है।
- रुद्र सर्वर: पहला स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित HPC सर्वर, रुद्र, स्वदेशी रूप से विकसित सिस्टम सॉफ्टवेयर स्टैक के साथ — भारत में अपनी तरह का पहला सर्वर जो वैश्विक स्तर पर उपलब्ध HPC-श्रेणी के सर्वरों के समकक्ष है।
- त्रिनेत्र नेटवर्क: सी-डैक (C-DAC) द्वारा विकसित स्वदेशी उच्च-गति संचार नेटवर्क त्रिनेत्र कंप्यूटिंग नोड्स के बीच डेटा ट्रांसफर और संचार को सुदृढ़ बनाने के लिये तैयार किया गया है।
- प्रमुख स्थापनाएँ:
- परम रुद्र (2024): प्रधानमंत्री ने पुणे, दिल्ली और कोलकाता में तैनात तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटरों का लोकार्पण किया, जो भौतिकी, पृथ्वी विज्ञान और ब्रह्मांड विज्ञान में उन्नत अध्ययनों को सुविधाजनक बनाते हैं।
- परम प्रवेग (2022): भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु में 3.3 पेटाफ्लॉप्स की कंप्यूटिंग शक्ति के साथ स्थापित — एक भारतीय शैक्षणिक संस्थान में सबसे बड़ा सुपरकंप्यूटर।
- परम शिवाय (2019): राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित पहला सुपरकंप्यूटर, प्रधानमंत्री द्वारा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) BHU, वाराणसी में उद्घाटित।
- उपलब्धियाँ:
- अवसंरचना का विस्तार: IISc, IIT, C-DAC तथा टीयर-II और टीयर-III शहरों के संस्थानों सहित शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान संगठनों और R&D प्रयोगशालाओं में 35 पेटाफ्लॉप्स की संयुक्त गणन क्षमता वाले कुल 34 सुपरकंप्यूटर तैनात किये गए हैं।
- उपयोगिता दक्षता: सुपरकंप्यूटिंग प्रणालियों ने 85% से अधिक की समग्र उपयोगिता दर प्राप्त की है, जिसमें कई प्रणालियाँ 95% से अधिक दर्ज कर रही हैं, जो गणनात्मक क्षमता में उच्च दक्षता का प्रदर्शन करती हैं।
- मानव संसाधन विकास: सुपरकंप्यूटिंग के प्रति जागरूकता और दक्षता बढ़ाने के हेतु पुणे, खड़गपुर, चेन्नई, पलक्कड़ और गोवा में पाँच प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किये गए हैं।
- HPC और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) कौशलों में 22,000 से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया है, जिससे उच्च स्तर के पेशेवर HPC-जागरूक मानव संसाधन विकसित किये गए हैं।
ऐरावत AI कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म
- परिचय: सरकार द्वारा प्रारंभित परियोजना, ऐरावत, AI अनुसंधान और ज्ञान समाकलन के लिये एक सामान्य कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है।
- उपयोगकर्ता आधार: NKN के तहत प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्रों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं, वैज्ञानिक समुदाय, उद्योग, स्टार्ट-अप और संस्थानों द्वारा उपयोग की जाती है।
- तकनीकी विशिष्टताएँ: 200 पेटाफ्लॉप्स मिश्रित परिशुद्धता AI मशीन के साथ प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट विकसित किया गया है, जिसे 790 AI पेटाफ्लॉप्स की शिखर गणना क्षमता तक विस्तारित किया जा सकता है।
- वैश्विक मान्यता: अंतर्राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग सम्मेलन (ISC 2023), जर्मनी में शीर्ष 500 वैश्विक सुपरकंप्यूटिंग सूची में 75वाँ स्थान प्राप्त कर ऐरावत ने भारत को विश्व के शीर्ष AI सुपरकंप्यूटिंग राष्ट्रों में स्थापित किया।
भारत में उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) प्रणालियों के प्रमुख अनुप्रयोग क्या हैं?
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क्षेत्र |
भारत में HPC के प्रमुख अनुप्रयोग |
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मौसम पूर्वानुमान एवं जलवायु मॉडलिंग |
HPC उच्च-रिज़ॉल्यूशन मॉडलों को शक्ति प्रदान करता है, जिससे सटीक मानसून पूर्वानुमान और चक्रवात ट्रैकिंग संभव होती है। प्रत्युष और मिहिर 1 कि.मी. तक का रिज़ॉल्यूशन प्रदान कर सकते हैं, जो आपदा प्रबंधन में सहायक है। |
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औषधि आविष्कार एवं जैव-सूचना विज्ञान |
जीनोम अनुक्रमण, प्रोटीन फोल्डिंग, आणविक गतिकी और वर्चुअल ड्रग स्क्रीनिंग को गति प्रदान करता है। उदाहरण: कोविड-19 मॉडलिंग। |
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कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं मशीन लर्निंग |
परम सिद्धि-AI जैसी सुविधाएँ सटीक चिकित्सा और पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण के लिये विशाल डेटासेट सँभालती हैं। |
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पदार्थ विज्ञान एवं नैनोप्रौद्योगिकी |
उन्नत सामग्रियों, सेमीकंडक्टर और नैनोसामग्रियों के विकास को सक्षम बनाती है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और विनिर्माण में आत्मनिर्भरता का समर्थन करती है। |
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रक्षा एवं राष्ट्रीय सुरक्षा |
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये रणनीतिक सिमुलेशन, साइबर सुरक्षा और उच्च-ऊर्जा भौतिकी अनुसंधान का समर्थन करती है। |
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अन्य उभरते क्षेत्र |
नवीकरणीय ऊर्जा मॉडलिंग, तेल/गैस अन्वेषण और अन्य बड़े पैमाने की प्रणाली सिमुलेशन का समर्थन करती है। |
निष्कर्ष
भारत का नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) स्वदेशी हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (HPC) क्षमताओं को बढ़ावा देकर रणनीतिक रूप से आत्मनिर्भरता प्राप्त करने, महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास (R&D) को सशक्त बनाने तथा वैश्विक सुपरकंप्यूटिंग तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता में अग्रणी स्थिति हासिल करने का प्रयास कर रहा है।
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दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और तकनीकी उन्नति के लिये महत्त्वपूर्ण है। इसके देशीकरण (इंडिजेनाइजेशन) में प्रगति तथा वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास पर इसके प्रभाव की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिये। |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) क्या है?
NSM भारत सरकार की वर्ष 2015 की एक पहल है, जिसका उद्देश्य देशी हाई‑परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (HPC) सिस्टम विकसित करना, कंप्यूटिंग क्षमता का विस्तार करना और सुपरकंप्यूटिंग अवसंरचना के माध्यम से राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास (R&D) को मज़बूत करना है।
2. NSM के संदर्भ में त्रिनेत्र (Trinetra) क्या है?
त्रिनेत्र (Trinetra) C-DAC का स्वदेशी हाई‑स्पीड इंटरकनेक्ट नेटवर्क है, जो PARAM Rudra सिस्टम्स में तैनात किया गया है। यह नेटवर्क 100–200 Gbps की गति से नोड्स के बीच संचार सक्षम करता है, जिससे सुपरकंप्यूटर में डेटा ट्रांसफर और कंप्यूटिंग प्रदर्शन अत्यंत तेज़ और कुशल बन जाता है।
3. AIRAWAT AI प्लेटफॉर्म क्या है?
AIRAWAT भारत की राष्ट्रीय AI कंप्यूटर अवसंरचना है, जो AI/ML अनुसंधान के लिये 200–790 पेटाफ्लॉप्स की कंप्यूटिंग शक्ति प्रदान करती है। यह Top500 वैश्विक सुपरकंप्यूटिंग सूची में 75वें स्थान पर है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)
प्रिलिम्स
प्रश्न. राष्ट्रीय नवप्रवर्तक प्रतिष्ठान-भारत (नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन इंडिया- एन.आई.एफ.) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (2015)
- NIF केंद्र सरकार के अधीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की एक स्वायत्त संस्था है।
- NIF अत्यंत उन्नत विदेशी वैज्ञानिक संस्थाओं के सहयोग से भारत की प्रमुख (प्रीमियर) वैज्ञानिक संस्थाओं में अत्यंत उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान को मज़बूत करने की एक पहल है।
नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर: (a)
मेन्स
प्रश्न. अनुप्रयुक्त जैव-प्रौद्योगिकी में शोध तथा विकास संबंधी उपलब्धियाँ क्या हैं? ये उपलब्धियाँ समाज के निर्धन वर्गों के उत्थान में किस प्रकार सहायक होगीं?(2021)
प्रश्न. भारतीय विश्वविद्यालयों में वैज्ञानिक अनुसंधान का स्तर गिरता जा रहा है, क्योंकि विज्ञान में कैरियर उतना आकर्षक नहीं है जितना कि वह कारोबार संव्यवसाय, इंजीनियरी या प्रशासन में है, और विश्वविद्यालय उपभोक्ता-उन्मुखी होते जा रहे हैं। समालोचनात्मक टिप्पणी कीजिये। (2014)