भारत-इथियोपिया संबंध | 23 Dec 2025
प्रिलिम्स के लिये: G20, हॉर्न ऑफ अफ्रीका, अफ्रीकी संघ, इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA), आपदा रोधी बुनियादी ढाँचे के लिये गठबंधन (CDRI)
मेन्स के लिये: भारत-अफ्रीका संबंध और भारत की विदेश नीति में इथियोपिया की भूमिका, भारत की कूटनीति में रणनीतिक साझेदारियों का महत्त्व
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की तीन-राष्ट्रीय यात्रा ने मध्य पूर्व तथा हॉर्न ऑफ अफ्रीका में भारत के रणनीतिक प्रभाव को मज़बूत करने के लिये भारत की कोशिश को रेखांकित किया। यात्रा के इथियोपिया चरण के दौरान, भारत–इथियोपिया संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक उन्नत किया गया, जो द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्त्वपूर्ण उन्नयन का प्रतिनिधित्व करता है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इथियोपिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, द ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया (The Great Honor Nishan of Ethiopia) प्रदान किया गया।
सारांश
- भारत–इथियोपिया संबंधों ने रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक संबंधों को उन्नत करने के साथ एक नए रणनीतिक चरण में प्रवेश किया, जिससे व्यापार, निवेश, ऊर्जा और बहुपक्षीय मंचों में सहयोग मज़बूत हुआ।
- इथियोपिया का रणनीतिक स्थान, अफ्रीकी संघ (AU) और BRICS में सदस्यता, साथ ही इसकी तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, इसे भारत के अफ्रीका तथा ग्लोबल साउथ के साथ सहभागिता में एक महत्त्वपूर्ण साझेदार बनाती है, हालाँकि लॉजिस्टिक्स व क्षेत्रीय अस्थिरता जैसी चुनौतियाँ अब भी बनी हुई हैं।
प्रधानमंत्री की इथियोपिया यात्रा के प्रमुख परिणाम क्या हैं?
- समझौते और संस्थागत तंत्र: दोनों पक्षों ने आठ समझौते और MoU पर हस्ताक्षर किये, जिनमें इथियोपिया के विदेश मंत्रालय में डेटा सेंटर की स्थापना तथा G20 कॉमन फ्रेमवर्क के तहत इथियोपिया के कर्ज पुनर्गठन के लिये समझौते शामिल हैं।
- विदेश कार्यालय परामर्श और संयुक्त व्यापार समिति जैसी मौजूदा संस्थागत प्रक्रियाओं को भी सुदृढ़ किया गया।
- आर्थिक और निवेश संबंधी परिणाम: भारत ने उल्लेख किया कि भारतीय कंपनियों ने इथियोपिया में 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है, विशेष रूप से विनिर्माण और फार्मास्यूटिकल्स में, जिससे 75,000 से अधिक स्थानीय रोज़गार सृजित हुए।
- वैश्विक मुद्दे: भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद इथियोपिया की एकजुटता और वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ इसके समर्थन को भी सराहा।
- संसदीय और जन-संपर्क सहभागिता: भारत के प्रधानमंत्री ने इथियोपियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया, जिससे लोकतांत्रिक सहभागिता और जन-संपर्क संबंधों को बल मिला।
- दोनों पक्षों ने शिक्षा, क्षमता निर्माण और सहयोग पर ज़ोर दिया तथा इसके लिये अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफार्मों जैसे इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA), आपदा रोधी बुनियादी ढाँचे के लिये गठबंधन (CDRI), वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (GBA) और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) का उपयोग करने पर सहमति जताई।
भारत-इथियोपिया संबंध कैसे हैं?
- ऐतिहासिक आधार: भारत-इथियोपिया संबंध अक्सुमी साम्राज्य (पहली शताब्दी ईस्वी) से चले आ रहे हैं, जब भारतीय व्यापारी प्राचीन अडुलिस बंदरगाह के माध्यम से सोने और हाथी के दांत के बदले रेशम और मसालों का आदान-प्रदान करते थे।
- 16वीं शताब्दी में गोवा से आए भारतीयों ने पुर्तगालियों के साथ मिलकर इथियोपिया के राजा का समर्थन किया। बाद में भारतीय सैनिक ब्रिटिश सेनाओं का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा बने, जिन्होंने इटली के इथियोपिया पर कब्ज़े (1936–41) का अंत किया।
- भारत और इथियोपिया ने वर्ष 1950 में राजनयिक संबंधों की स्थापना की, जो समय के साथ विस्तृत और बहुआयामी साझेदारी में परिवर्तित हो गए हैं।
- आर्थिक और व्यापारिक संबंध: भारत इथियोपिया का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
- वित्त वर्ष 2024–25 में भारत–इथियोपिया का द्विपक्षीय व्यापार 550.19 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें भारतीय निर्यात 476.81 मिलियन अमेरिकी डॉलर तथा आयात 73.38 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था। इससे स्पष्ट है कि यह व्यापारिक संबंध भारत के पक्ष में निर्यात-केंद्रित है।
- इथियोपिया को अल्पविकसित देशों के लिये भारत की ड्यूटी-फ्री टैरिफ प्रेफरेंस (DFTP) योजना का भी लाभ मिलता है।
- शिक्षा और मानव पूंजी के बीच संबंध: भारत ने ऐतिहासिक रूप से इथियोपिया की शिक्षा प्रणाली को आकार दिया है, जिसे अब भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की छात्रवृत्तियों, भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग कार्यक्रम तथा अफ्रीकी विद्यार्थियों के लिये एक प्रमुख गंतव्य के रूप में भारत की भूमिका के माध्यम से और अधिक सशक्त किया गया है।
- इथियोपिया ने भारत के पैन-अफ्रीकन ई-नेटवर्क हेतु एक पायलट देश के रूप में कार्य किया, जिससे IIT दिल्ली जैसे संस्थानों के साथ टेली-शिक्षा और टेली-मेडिसिन की सुविधा संभव हो सकी और यह अफ्रीका में भारत की डिजिटल सार्वजनिक कूटनीति का एक प्रारंभिक उदाहरण है।
- भारतीय समुदाय: इथियोपिया में भारतीय समुदाय की उपस्थिति उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध से मानी जाती है, जिसमें गुजरात से आए आरंभिक प्रवासी शामिल हैं। वर्तमान में लगभग 2,500 भारतीय वहाँ निवास करते हैं, जो शिक्षा तथा उद्योग जैसे क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं।
भारत के लिये इथियोपिया का महत्त्व
- अफ्रीका में रणनीतिक साझेदार: इथियोपिया भारत के लिये एक प्रमुख राजनीतिक और विकास साझेदार है तथा हॉर्न ऑफ अफ्रीका के केंद्र में अवस्थित होने के कारण अफ्रीका का प्रवेश द्वार है।
- वैश्विक दक्षिण और बहुपक्षीय प्रभाव: ब्रिक्स के सदस्य एवं अफ्रीकी संघ और अफ्रीका के लिये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग (United Nations Economic Commission for Africa- UNECA) के मेज़बान के रूप में, इथियोपिया संयुक्त राष्ट्र, G20 और ब्रिक्स में ग्लोबल साउथ के मुद्दों पर भारत की भागीदारी में वृद्धि करता है।
- आर्थिक अवसर: इथियोपिया का विशाल बाज़ार, बढ़ता विनिर्माण आधार और भारतीय निर्यात की मज़बूत मांग इसे एक महत्त्वपूर्ण व्यापार व निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करती है।
- ऊर्जा और स्थिरता: इथियोपिया की जलविद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता भारत के स्वच्छ ऊर्जा तथा जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप है।
इथियोपिया
- अवस्थिति : यह हॉर्न ऑफ अफ्रीका में स्थित एक स्थलरुद्ध देश है, जो मुख्य रूप से पूर्वी अफ्रीका में अवस्थित है, इसकी राजधानी अदीस अबाबा (Addis Ababa) है।
- इथियोपिया की सीमाएँ उत्तर में इरिट्रिया, उत्तर-पूर्व में जिबूती, पूर्व में सोमालिया, दक्षिण में केन्या, पश्चिम में दक्षिण सूडान तथा उत्तर-पश्चिम में सूडान से लगती हैं।
- भौगोलिक संरचना: दुर्गम इथियोपियाई उच्चभूमि (जहाँ माउंट रास देजेन देश की सबसे ऊँची चोटी है), ग्रेट रिफ्ट वैली, प्रमुख नदी प्रणालियाँ - जिनमें ब्लू नाइल (अबाय), टेक़ेज़े और बारो नदियाँ शामिल हैं तथा पृथ्वी के सबसे गर्म और निम्नतम क्षेत्रों में से एक दनाकिल गर्त/दनाकिल डिप्रेशन, इसकी प्रमुख भौगोलिक विशेषताएँ हैं।
- हैली गुब्बी ज्वालामुखी इथियोपिया के अफार क्षेत्र में स्थित है।

भारत-इथियोपिया संबंधों में चुनौतियाँ और अवसर क्या हैं?
भारत–इथियोपिया संबंधों में चुनौतियाँ
- लॉजिस्टिक्स बाधाएँ: इथियोपिया की भू-आवेष्टित (लैंडलॉक्ड) भौगोलिक स्थिति परिवहन लागत और पड़ोसी पारगमन मार्गों पर निर्भरता बढ़ाती है।
- राजनीतिक और सुरक्षा अस्थिरता: आवधिक आंतरिक संघर्ष और हॉर्न ऑफ अफ्रीका की भू-राजनीतिक तनाव (सूडान संकट और लाल सागर असुरक्षा सहित) देश जोखिम धारणाओं को बढ़ाते हैं, जो दीर्घकालिक राजनीतिक स्थिरता और इथियोपिया में भारतीय निवेश एवं संलग्नता के लिये चुनौतियाँ पेश करते हैं।
- विनियामक अंतराल: इथियोपिया का बाज़ार-उन्मुख अर्थव्यवस्था की ओर संक्रमण प्रक्रियात्मक देरी, अस्पष्ट निजीकरण नियमों, प्रतिबंधित निजी क्षेत्र पहुँच और नियामक अस्थिरता का सामना करता है, जिससे व्यवसाय करने में आसानी कमज़ोर होती है।
भारत-इथियोपिया संबंधों में अवसर
- रणनीतिक साझेदारी को गहरा करना: उन्नत साझेदारी व्यापार से परे सहयोग को रक्षा, डिजिटल शासन और विकास वित्तपोषण में विस्तारित करने के लिये एक ढाँचा प्रदान करती है।
- विनिर्माण और औद्योगिक सहयोग: इथियोपिया का बड़ा घरेलू बाज़ार, युवा कार्यबल और औद्योगिक पार्क भारतीय विनिर्माण, वस्त्र, फार्मास्यूटिकल्स और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) में मज़बूती के साथ अच्छी तरह से संरेखित हैं, जो मूल्य-शृंखला एकीकरण को सक्षम बनाते हैं।
- नवीकरणीय ऊर्जा सहयोग: इथियोपिया का मज़बूत जलविद्युत आधार और नवीकरणीय क्षमता स्वच्छ ऊर्जा, ग्रिड विकास और जलवायु-प्रतिरोधी अवसंरचना में संयुक्त परियोजनाओं के लिये अवसर प्रदान करती है।
- बहुपक्षीय समन्वय: अफ्रीकी संघ, संयुक्त राष्ट्र, G20 और ब्रिक्स में संयुक्त संलग्नता वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं को बढ़ावा दे सकती है और वैश्विक शासन सुधारों में सामूहिक प्रभाव को मज़बूत कर सकती है।
निष्कर्ष
भारत-इथियोपिया संबंध ऐतिहासिक संबंधों और बढ़ते आर्थिक सहयोग पर आधारित एक नए रणनीतिक चरण में प्रवेश कर चुके हैं। यह रणनीतिक साझेदारी व्यापार, ऊर्जा और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग को सशक्त बनाती है।
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दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. हाल ही में उन्नत की गई रणनीतिक साझेदारी के संदर्भ में, भारत की अफ्रीका नीति में इथियोपिया के रणनीतिक महत्त्व पर चर्चा कीजिये। |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. भारत की विदेश नीति के लिये इथियोपिया क्यों महत्त्वपूर्ण है?
इथियोपिया एक प्रमुख अफ्रीकी भागीदार है, अफ्रीकी संघ का मेज़बान है, एक ब्रिक्स सदस्य है और अफ्रीका का प्रवेश द्वार है, जो भारत की वैश्विक दक्षिण पहुँच को मज़बूत करता है।
2. भारत के प्रधानमंत्री की इथियोपिया यात्रा का प्रमुख कूटनीतिक परिणाम क्या था?
भारत-इथियोपिया संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में उन्नत किया गया और आठ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गए, जिनमें एक डेटा केंद्र और G20 ढाँचे के तहत ऋण पुनर्गठन शामिल हैं।
3. भारत-इथियोपिया आर्थिक संबंध कितने मज़बूत हैं?
वित्तीय वर्ष 2024–25 में द्विपक्षीय व्यापार 550.19 मिलियन अमरीकी डॉलर रहा, जिसमें भारत इथियोपिया का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और एक प्रमुख निवेशक है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
मेन्स
प्रश्न.'उभरती हुई वैश्विक व्यवस्था में, भारत द्वारा प्राप्त नव-भूमिका के कारण, उत्पीड़ित एवं उपेक्षित राष्ट्रों के मुखिया के रूप में दीर्घ काल से संपोषित भारत की पहचान लुप्त हो गई है।' विस्तार से समझाइये। (2019)