कॉमन सर्विस सेंटर: ग्रामीण डिजिटल समावेशन के उत्प्रेरक | 21 Jul 2025
प्रिलिम्स के लिये:कॉमन सर्विस सेंटर, डिजिटल इंडिया , प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस), JAM (जन धन-आधार-मोबाइल) प्रणाली, उमंग, डिजीलॉकर, राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NeGP), आधार, पैन, डिजीलॉकर मेन्स के लिये:डिजिटल इंडिया मिशन के तहत CSC का महत्त्व, भारत के डिजिटल पारिस्थितिकीय तंत्र की प्रमुख उपलब्धि। |
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
डिजिटल इंडिया मिशन के तहत एक प्रमुख पहल, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC), जमीनी स्तर पर शासन, डिजिटल पहुँच और समावेशी ग्रामीण सशक्तीकरण के लिये महत्त्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरे हैं।
कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) क्या हैं?
- परिचय: CSC, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत एक प्रमुख पहल है, जिसने 16 जुलाई 2025 को 16 वर्षों की सेवा पूरी कर ली है, जिसे राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NeGP) के हिस्से के रूप में वर्ष 2006 में मंजूरी दी गई थी।
- CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड, एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) है जिसकी स्थापना 16 जुलाई 2009 को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा की गई थी।
- यह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाएँ प्रदान करने के लिये CSC योजना की देखरेख करता है।
- कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) समावेशी एवं पारदर्शी शासन को बढ़ावा देते हैं और इनकी संख्या वर्ष 2014 में 83,000 से बढ़कर वर्ष 2025 में 6.5 लाख से अधिक हो गयी है — जो एक दशक में 680% की वृद्धि को दर्शाता है।
- उद्देश्य: ई-गवर्नेंस, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, वित्तीय सेवाओं और डिजिटल साक्षरता में उच्च गुणवत्ता वाली, लागत प्रभावी सेवाएँ प्रदान करना।
- G2C (सरकार से नागरिक) एवं B2C (व्यवसाय से नागरिक) दोनों सेवाओं के लिये ICT-आधारित बुनियादी ढाँचे का उपयोग करके एक आत्मनिर्भर वितरण तंत्र निर्मित करना।
- ग्राम स्तरीय उद्यमियों (VLE) को सशक्त बनाना और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देना।
- CSC का संरचना मॉडल: CSC योजना त्रि-स्तरीय संरचना के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर संचालित होती है:
- ग्राम स्तरीय उद्यमी (VLE): ग्राम स्तर पर सेवा वितरण का प्रबंधन करने वाला स्थानीय व्यक्ति।
- सर्विस सेंटर एजेंसी (SCA): एक क्षेत्र में 500-1000 CSC के समूह का प्रबंधन करती है।
- राज्य नामित एजेंसी (SDA): राज्य सरकारों द्वारा राज्य भर में कार्यान्वयन की निगरानी के लिये नामित।
- CSC 2.0: CSC 2.0 को वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था जिसका उद्देश्य 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में से प्रत्येक में कम से कम एक CSC स्थापित करना था।
- CSC ढाँचा मौजूदा डिजिटल बुनियादी ढाँचे जैसे - स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (SWAN), स्टेट डेटा सेंटर (SDC), नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (NOFN)/भारतनेट, ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल एवं SSDG (स्टेट सर्विस डिलीवरी गेटवे) का उपयोग करता है, जिससे उद्यमिता-संचालित सेवा वितरण, डिजिटल साक्षरता और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलता है।
- वर्ष 2022 में, CSC ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) एवं LAMPS (लार्ज एरिया मल्टी-पर्पज सोसाइटीज) को CSC के रूप में संचालित करने में सक्षम बनाने के लिये नाबार्ड तथा सहकारिता मंत्रालय के साथ भागीदारी की, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँच में वृद्धि हो।
ग्रामीण भारत के CSC का महत्त्व क्या है?
- डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों को साकार करना: CSC जमीनी स्तर पर डिजिटल बुनियादी ढाँचा सुनिश्चित करके, मांग आधारित शासन तथा आधार, पैन, डिजीलॉकर एवं उपयोगिता भुगतान जैसी सेवाओं को सुगम बनाकर और PMGDISHA, कौशल प्रशिक्षण के साथ-साथ 300 से अधिक डिजिटल सेवाओं तक पहुँच जैसे साक्षरता कार्यक्रमों के माध्यम से डिजिटल सशक्तीकरण को बढ़ावा देकर डिजिटल इंडिया के तीन प्रमुख स्तंभों को आगे बढ़ाते हैं।
- समावेशी विकास सुनिश्चित करना: 74,000 से अधिक महिला ग्राम स्तरीय उद्यमियों (VLE) के साथ, CSC ग्रामीण उद्यमिता के इंजन के रूप में कार्य करते हैं, विशेष रूप से महिलाओं, युवाओं और हाशिये के समुदायों के बीच।
- वे ग्रामीण-शहरी डिजिटल विभाजन को कम करने में सहायता प्रदान करते हैं, तथा अंतिम छोर तक सेवा वितरण सुनिश्चित करते हैं।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना: प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के साथ एकीकरण तथा बैंकिंग, बीमा, पेंशन योजनाओं एवं पीएम-किसान पंजीकरण जैसी सेवाएँ प्रदान करके, CSC ग्रामीण ऋण वितरण, वित्तीय सशक्तीकरण और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) दक्षता को बढ़ाते हैं।
- PPP मॉडल को सुदृढ़ बनाना: एक सफल पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर संचालित, कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) सरकार और नागरिकों के बीच डिजिटल इंटरफेस के रूप में कार्य करते हैं।
- IRCTC टिकट बुकिंग, राज्य IT प्लेटफार्मों के साथ एकीकरण और CSC ग्रामीण ई-स्टोर जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से ये ई-गवर्नेंस, ग्रामीण वाणिज्य व बड़े स्तर पर डिजिटल पहुँच को सुलभ बनाते हैं।
डिजिटल इंडिया मिशन क्या है?
- परिचय: डिजिटल इंडिया मिशन भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई 2015 को शुरू किया गया एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य भारत को एक डिजिटली सशक्त समाज और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करना है।
- इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी सेवाएँ नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध कराई जाएँ, जिसके लिये ऑनलाइन अवसंरचना में सुधार और विशेष रूप से ग्रामीण एवं दूरदराज़ के क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ाया जाए।
- प्रमुख पहल: आधार, भारतनेट, डिजिटल लॉकर, BHIM UPI, ई-साइन फ्रेमवर्क, MyGov आदि।
- मुख्य उपलब्धियाँ:
- डिजिटल अवसंरचना: वर्ष 2014 से 2025 के बीच, टेलीफोन कनेक्शन 93.3 करोड़ से बढ़कर 120 करोड़ हो गए, टेली-डेंसिटी 84.49% तक पहुँची, जबकि इंटरनेट उपयोगकर्त्ताओं की संख्या में 285% और ब्रॉडबैंड कनेक्शन में 1,452% की वृद्धि हुई।
- डिजिटल वित्त: अप्रैल 2025 में UPI के माध्यम से 1,867.7 करोड़ लेनदेन हुए, जिनका मूल्य 24.77 लाख करोड़ रुपए था। UPI ने वैश्विक रीयल-टाइम भुगतान में 49% का योगदान दिया और यह 7 से अधिक देशों तक फैल गया।
- AI और सेमीकंडक्टर (2024-2025): इंडियाAI मिशन ने AI नवाचार, स्टार्टअप और नैतिक AI को बढ़ावा देने के लिये 34,000 से अधिक GPU तैनात किये, जिन्हें इंडियाAI इनोवेशन सेंटर, AIकोश तथा फ्यूचरस्किल्स जैसे संस्थानों का समर्थन प्राप्त है।
- नागरिक सशक्तीकरण एवं शासन: कर्मयोगी भारत और iGOT ने 1.21 करोड़ अधिकारियों को प्रशिक्षित किया तथा 3.24 करोड़ प्रमाण पत्र जारी किये।
- डिजिलॉकर (53.92 करोड़ उपयोगकर्त्ता) और उमंग ऐप (23 भाषाओं में 2,300 से अधिक सेवाएँ; 8.34 करोड़ उपयोगकर्त्ता) ने डिजिटल पहुँच को बढ़ावा दिया।
- BHASHINI 35 से अधिक भारतीय भाषाओं के समर्थन, 1,600 AI मॉडल और IRCTC व NPCI के साथ एकीकरण के साथ भाषाई समावेशिता को बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष
कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) डिजिटल इंडिया पहल के प्रमुख स्तंभ हैं, जो अंतिम छोर तक सेवाओं की पहुँच, डिजिटल समावेशन और ग्रामीण सशक्तीकरण को सक्षम बनाते हैं। डिजिटल विभाजन को कम करते हुए और नागरिक-केंद्रित शासन को बढ़ावा देते हुए, CSC सेवा प्राप्ति के तरीके को रूपांतरित कर रहे हैं।
स्थायी प्रभाव सुनिश्चित करने के लिये डिजिटल अवसंरचना और ग्राम स्तर उद्यमियों (VLE) को सुदृढ़ करना अत्यंत आवश्यक होगा।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. डिजिटल इंडिया मिशन के अंतर्गत अंतिम छोर तक सेवा पहुँचाने, ग्रामीण सशक्तीकरण और समावेशी शासन को बढ़ावा देने में कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) की भूमिका पर चर्चा कीजिये। भारत में डिजिटल विभाजन को पाटने के लिये क्या उपाय किये जाने चाहिये? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2022)
उपर्युक्त में से कौन-से ओपन-सोर्स डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बनाए गए हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारत सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ योजना का/के उद्देश्य है/हैं? (2018)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) प्रश्न: कभी-कभी समाचारों में दिखने वाले 'डिजीलॉकर' के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2016)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) मेन्सप्रश्न. "चौथी औद्योगिक क्रांति (डिजिटल क्रांति) के प्रादुर्भाव ने ई-गवर्नेंस को सरकार का अविभाज्य अंग बनाने में पहल की"। चर्चा कीजिये। (2020) प्रश्न. 'डिजिटल भारत' कार्यक्रम कृषि उत्पादकता और आय को बढ़ाने में किसानों की किस प्रकार सहायता कर सकता है? सरकार ने इस संबंध में क्या कदम उठाए हैं? (2015) |