मिशन हरियालो राजस्थान | राजस्थान | 28 Jul 2025
चर्चा में क्यों?
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने राज्यव्यापी हरित अभियान की शुरुआत करते हुए, मिशन हरियालो राजस्थान के अंतर्गत पाँच वर्षों में 50 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य घोषित किया है।
मुख्य बिंदु
- मिशन हरियालो राजस्थान के बारे में:
- हरियालो तीज के अवसर पर 7 अगस्त 2024 को मिशन हरियालो राजस्थान की शुरुआत की गई थी। इस अभियान का उद्देश्य राज्य को अधिक हरित बनाकर इसकी पर्यावरणीय गुणवत्ता और समग्र समृद्धि में वृद्धि करना है।
- लक्ष्य:
- यह अभियान प्रधानमंत्री की पहल ' एक पेड़ माँ के नाम' से प्रेरित है, जिसे पिछले वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) पर शुरू किया गया था।
- इस वर्ष हरियाली तीज पर 2.5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है, जबकि पिछले वर्ष 7 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए थे।
- शहरी वन पहल:
- मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि केंद्र सरकार के सहयोग से राजस्थान में 22 शहरी वन (नगर वन) विकसित किये जाएंगे। इसके अतिरिक्त 18 और शहरी वनों की योजना प्रस्तुत की जा चुकी है।
- इन हरित स्थलों का उद्देश्य वायु गुणवत्ता सुधारना और घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में प्राकृतिक वातावरण उपलब्ध कराना है।
- अन्य संरक्षण प्रयास:
- राज्य सरकार देशी पौधों की प्रजातियों को बढ़ावा देने तथा राजस्थान में जैवविविधता को बढ़ावा देने के लिये "एक ज़िला एक प्रजाति" कार्यक्रम भी क्रियान्वित कर रही है।
- अरावली हरित विकास परियोजना के अंतर्गत, मृदा विकास और वृक्षारोपण प्रयासों के लिये 19 अरावली ज़िलों में 250 करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है।
- मरुस्थलीकरण से निपटने के लिये बाड़मेर और जैसलमेर जैसे रेगिस्तानी ज़िलों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
- प्रकृति के प्रति पारंपरिक आस्था:
- पर्यावरण संरक्षण की राजस्थान की विरासत, जो 18वीं शताब्दी में अमृता देवी द्वारा वृक्षों की रक्षा के लिये अपनी बेटियों के साथ किये गए बलिदान से प्रेरित है, वर्तमान पीढ़ी को प्रकृति के संरक्षण के प्रयासों के लिये प्रेरित करती है।
बिहार पत्रकार सम्मान योजना | बिहार | 28 Jul 2025
चर्चा में क्यों?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार पत्रकार सम्मान योजना (BPSS) के तहत सेवानिवृत्त पत्रकारों के लिये पेंशन में बढ़ोतरी की घोषणा की।
मुख्य बिंदु
- बिहार पत्रकार सम्मान योजना के तहत पेंशन में वृद्धि
- BPSS के तहत मासिक पेंशन 6,000 रुपए से बढ़ाकर 15,000 रुपए कर दी गई है।
- पेंशनभोगी की मृत्यु की स्थिति में आश्रितों/जीवनसाथी को अब 10,000 रुपए प्रति माह मिलेंगे, जो पहले 3,000 रुपए थे।
- इस योजना में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारों की महत्त्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दी गई तथा सेवानिवृत्ति के बाद उनकी गरिमा के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता दोहराई गई।
- पत्रकारों की पात्रता
- संशोधित पेंशन बिहार सरकार के साथ पंजीकृत सभी पात्र सेवानिवृत्त पत्रकारों पर लागू होती है, जो योजना के तहत निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं:
- आवेदक बिहार का निवासी होना चाहिये।
- पत्रकारिता में 20 वर्ष का अनुभव रखने वाले सेवानिवृत्त पत्रकार पात्र हैं।
- योजना का लाभ उठाने के लिये आवेदक की आयु 60 वर्ष होनी चाहिये।
- पत्रकार को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (IPRD) द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिये तथा प्रमाण-पत्र राज्य सरकार द्वारा सत्यापित होना चाहिये।
अभ्यास बोल्ड कुरुक्षेत्र 2025 | राजस्थान | 28 Jul 2025
चर्चा में क्यों?
भारत-सिंगापुर संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘बोल्ड कुरुक्षेत्र 2025’ का 14वाँ संस्करण 27 जुलाई 2025 से जोधपुर (राजस्थान) में आयोजित किया जा रहा है, जो 4 अगस्त 2025 तक चलेगा।
मुख्य बिंदु
- सैन्य अभ्यास के बारे में:
- इस सैन्य अभ्यास में 4 सिंगापुर आर्मर्ड ब्रिगेड की 42 सिंगापुर आर्मर्ड रेजिमेंट और भारतीय सेना की मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट भाग ले रही हैं।
- उद्देश्य और संरचना:
- इस सैन्य अभ्यास का प्रमुख उद्देश्य मशीनीकृत युद्ध के लिये संचालनात्मक प्रक्रियाओं का सत्यापन करना है, जिससे दोनों सेनाओं के बीच सहभागिता क्षमता और संयुक्त प्रशिक्षण कौशल को मज़बूती मिले।
- इस अभ्यास में एक टेबल टॉप अभ्यास, एक कंप्यूटर आधारित युद्ध अभ्यास शामिल है तथा इसका समापन भारतीय सेना द्वारा सैन्य उपकरणों की प्रदर्शनी के साथ होगा।
- नेतृत्व:
- भारतीय दल का नेतृत्व मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल अर्जुन गणपति कर रहें हैं, जबकि सिंगापुर की ओर से लेफ्टिनेंट कर्नल खिउ ज़्ही युंग (42 सिंगापुर बख़्तरबंद रेजीमेंट के बटालियन कमांडर) नेतृत्व कर रहे हैं।
- महत्त्व:
- यह अभ्यास भारत तथा सिंगापुर के बीच रक्षा सहयोग को और सशक्त करेगा तथा रणनीतिक एवं सामरिक स्तर पर आपसी समझ व सहयोग को बढ़ावा देगा।
‘कला उत्सव 2025’ में सोहराय कला का प्रदर्शन | झारखंड | 28 Jul 2025
चर्चा में क्यों?
झारखंड के कलाकारों ने राष्ट्रपति भवन में कला उत्सव 2025 के दूसरे संस्करण 'आर्टिस्ट्स इन रेजिडेंस प्रोग्राम' में भाग लिया, जिसमें सोहराय कला की स्वदेशी भित्तिचित्र परंपरा का प्रदर्शन किया गया।
- 14 से 24 जुलाई 2025 तक आयोजित इस उत्सव में भारत के राष्ट्रपति की गरिमामयी उपस्थिति रही। यह उत्सव भारत की जीवंत कला परंपराओं का उत्सव था, जिसमें लोक, जनजातीय और परंपरागत कलाकारों को अपने कला-कार्य प्रदर्शित करने का मंच प्रदान किया गया।
मुख्य बिंदु
- सोहराय चित्रकला के बारे में:
- सोहराय चित्रकला झारखंड के हज़ारीबाग क्षेत्र के विभिन्न आदिवासी समुदायों की महिलाओं द्वारा की जाने वाली एक पारंपरिक स्वदेशी कला है, जिसमें कुर्मी, संथाल, मुंडा, उरांव, अगरिया और घटवाल समूह शामिल हैं।
- विशेषताएँ:
- यह चित्रकला फसल कटाई और त्योहारों के अवसरों पर बनाई जाती है। महिलाएँ प्राकृतिक मिट्टी के रंगों एवं बाँस की कूचियों का प्रयोग कर मिट्टी की दीवारों पर पशुओं, वनस्पतियों तथा ज्यामितीय आकृतियों का सजीव चित्रण करती हैं।
- ‘सोह’ या ‘सोरों’ का अर्थ होता है दूर करना, जबकि ‘राय’ का अर्थ होता है लाठी। यह नाम सांस्कृतिक अनुष्ठानों के प्रमुख प्रतीकों को दर्शाता है।
- मान्यता:

ABVMU में मियावाकी वन का उद्घाटन | उत्तर प्रदेश | 28 Jul 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ स्थित अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय (ABVMU) में मियावाकी वन का उद्घाटन किया और पौधारोपण अभियान में भाग लिया।
मुख्य बिंदु
मियावाकी वृक्षारोपण विधि के बारे में:
- इसका नाम जापानी वनस्पतिशास्त्री अकीरा मियावाकी के नाम पर रखा गया है। इस विधि में हर वर्ग मीटर में दो से चार अलग-अलग प्रकार के देशी वृक्ष लगाए जाते हैं।
- इस पद्धति को 1970 के दशक में विकसित किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य भूमि के एक छोटे से टुकड़े में हरित आवरण को सघन बनाना था।
- इस विधि में वृक्ष आत्मनिर्भर हो जाते हैं और तीन साल के भीतर अपनी पूरी लंबाई तक बढ़ जाते हैं।
- मियावाकी पद्धति में प्रयुक्त पौधों को खाद और पानी जैसी नियमित देखभाल की आवश्यकता नहीं होती।
- देशी पेड़ों का घना हरा आवरण उस क्षेत्र के धूल कणों को सोखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है जहाँ उद्यान स्थापित किया गया है। ये पौधे सतह के तापमान को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं।
- इन वनों में प्रयुक्त होने वाले कुछ सामान्य देशी पौधों में अंजन, अमला, बेल, अर्जुन और गूंज शामिल हैं।
- ये वन नई जैवविविधता और पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।
लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ महिला सुरक्षा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी | उत्तर प्रदेश | 28 Jul 2025
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने लखनऊ विश्वविद्यालय के सहयोग से व्यावसायिक और सार्वजनिक क्षेत्रों में लिंग आधारित हिंसा पर बढ़ती चिंताओं के बीच 'कार्यस्थल तथा सार्वजनिक स्थानों पर महिला सुरक्षा' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया।
मुख्य बिंदु
- संगोष्ठी के बारे में:
- NHRC के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यन ने महिलाओं के प्रति भारत की सांस्कृतिक श्रद्धा और हिंसा की चिंताजनक आवृत्ति हर घंटे 51 FIR के बीच तीव्र अंतर को उजागर किया।
- उन्होंने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के लिये किये गए लंबे संघर्ष को भी रेखांकित किया तथा प्रणालीगत, प्रवर्तन-आधारित एवं जागरूकता-आधारित सुधारों का आह्वान किया।
- उन्होंने शिक्षकों और समाज से लिंग-संवेदनशील व्यवहार को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
- संस्थागत अंतराल और नीति सुझाव:
- संगोष्ठी में कानून प्रवर्तन, संस्थागत जवाबदेही तथा जन-जागरूकता में व्याप्त अंतराल को रेखांकित किया गया और निम्नलिखित आवश्यकताओं पर ज़ोर दिया गया:
- संगोष्ठी की मुख्य सिफारिशें:
- नीति-कार्यान्वयन-जागरूकता त्रिकोण को एक साथ संबोधित किया जाना चाहिये।
- अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिये विशेष पहुँच और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।
- संवेदनशीलता की शुरुआत व्यक्तिगत तथा पारिवारिक स्तर से होनी चाहिये।
- महिलाओं के लिये समावेशी स्थानों और प्रतिनिधित्व को संस्थागत बनाया जाना चाहिये।
- शैक्षिक संस्थानों को सक्रिय रूप से लिंग जागरूकता बढ़ाने और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिये
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के बारे में
- भारत का NHRC एक स्वायत्त वैधानिक निकाय है, जिसकी स्थापना मानव अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिये की गई है।
- इसका गठन 12 अक्तूबर 1993 को मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम (PHRA), 1993 के तहत किया गया था, जिसे बाद में 2006 एवं 2019 में संशोधित किया गया।
- आयोग की स्थापना पेरिस सिद्धांतों के अनुरूप की गई थी, जो मानव अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा हेतु अपनाए गए अंतर्राष्ट्रीय मानक हैं।
- पेरिस सिद्धांत, मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण के लिये पेरिस (अक्तूबर, 1991) में अपनाए गए अंतर्राष्ट्रीय मानकों का समूह है, जिसे 20 दिसंबर 1993 को संयुक्त राष्ट्र (UN) की महासभा द्वारा अनुमोदित किया गया था।
- ये सिद्धांत दुनिया भर में राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं (NHRI) के कार्यों का मार्गदर्शन करते हैं।
- NHRC की शक्तियाँ: NHRC को सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के अनुसार सिविल न्यायालय के समकक्ष शक्तियाँ प्राप्त हैं।
- NHRC निरीक्षण प्रकोष्ठ: NHRC का अपना निरीक्षण प्रकोष्ठ है, जिसका नेतृत्व पुलिस महानिदेशक करते हैं।
FISU में राष्ट्रीय पोल वॉल्ट रिकॉर्ड | मध्य प्रदेश | 28 Jul 2025
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश के देव कुमार मीणा (देवास ज़िले के सिलफोदखेड़ा गाँव से) ने एक बार फिर पुरुषों की पोल वॉल्ट में राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया है। उन्होंने जर्मनी के राइन-रुहर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय खेल महासंघ (FISU) विश्व विश्वविद्यालय खेल 2025 के क्वालीफायर में 5.40 मीटर की ऊँचाई पार करते हुए नया राष्ट्रीय रिकार्ड स्थापित किया।
- देव कुमार मीणा ने एक ही वर्ष में तीन बार राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ा है और इसी के साथ वह विश्व विश्वविद्यालय खेलों की पोल वॉल्ट स्पर्द्धा के फाइनल में पहुँचने वाले पहले भारतीय पुरुष एथलीट बन गए हैं।
मुख्य बिंदु
देव मीणा के रिकॉर्ड के बारे में:
- नया रिकॉर्ड स्थापित:
- क्वालीफायर में 5.40 मीटर, कोच्चि में फेडरेशन कप में स्थापित 5.35 मीटर के अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ा।
- पिछली प्रगति:
- 5.32 मीटर – राष्ट्रीय खेल 2025
- 5.35 मीटर – फेडरेशन कप 2025
- 5.40 मीटर – FISU विश्व विश्वविद्यालय खेल
- पूर्व रिकॉर्ड:
- सुब्रमणि शिवा का 5.31 मीटर (2022), जिसे 2025 में देव मीणा ने पार किया।
- प्रतियोगिता विवरण:
- देव मीणा ने 5.05 मीटर और 5.25 मीटर की ऊँचाई पहले ही प्रयास में पार की, तथा 5.40 मीटर की ऊँचाई दूसरे प्रयास में पार कर राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ा।
FISU विश्व विश्वविद्यालय खेल 2025 में भारत का प्रदर्शन
- अब तक कुल पदक: 5
- तीरंदाजी: 1 स्वर्ण, 1 रजत, 1 कांस्य
- टेनिस: वैष्णवी अदकर – कांस्य (महिला एकल)
- बैडमिंटन: मिश्रित टीम – कांस्य (20 जुलाई)
पोल वॉल्ट क्या है?
- पोल वॉल्ट एक ट्रैक और फील्ड स्पर्द्धा है जिसमें एक एथलीट 4.5 मीटर लंबी क्षैतिज पट्टी पर कूदता है। धावक रन-वे पर तेज़ी से दौड़ता है और एक लंबे, लचीले पोल को एक ‘स्टॉप बोर्ड’ पर टिकाता है, जो एक धातु के बॉक्स के पीछे स्थित होता है।
- इसके बाद एथलीट स्वयं को हवा में उछालता है तथा बार को ज़मीन पर गिराए बिना अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने का प्रयास करता है।
FISU विश्व विश्वविद्यालय खेल
- FISU का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय खेल महासंघ (FISU) द्वारा किया जाता है। विश्व विश्वविद्यालय खेल (जिसे यूनिवर्सियाड भी कहा जाता है) 17–25 वर्ष की आयु के छात्र-एथलीटों के लिये एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बहु-खेल आयोजन है, जो हर दो वर्ष में एक अलग मेज़बान शहर में आयोजित होता है।
- “मन और शरीर में उत्कृष्टता” के आदर्श वाक्य से प्रेरित होकर ये खेल सांस्कृतिक और शैक्षिक समृद्धि के साथ श्रेष्ठ एथलेटिक प्रतिस्पर्द्धा को जोड़ते हैं तथा वैश्विक विश्वविद्यालय छात्रों के बीच समग्र विकास को बढ़ावा देते हैं।
- वर्ष 2025 में ग्रीष्मकालीन संस्करण का आयोजन जर्मनी के राइन-रूहर क्षेत्र में 16 से 27 जुलाई तक किया गया, जिसमें 113 से अधिक देश और हज़ारों खिलाड़ी शामिल हुए।
उत्तर प्रदेश में PMAY शहरी 2.0 के लिये वित्तपोषण | उत्तर प्रदेश | 28 Jul 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) मिशन 2.0 के तहत 12,031 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्राप्त कर ली है, जिसका उद्देश्य शहरी गरीबों के लिये स्थायी पक्के मकानों का निर्माण करना है।
मुख्य बिंदु
- समय पर वितरण और गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने के लिये राज्य तथा ज़िला स्तर के अधिकारियों द्वारा योजना की बारीकी से निगरानी की जा रही है।
- वास्तविक समय निर्माण निगरानी के लिये जियो-टैगिंग और फोटोग्राफिक दस्तावेज़ीकरण अनिवार्य होगा।
- भूकंप, बाढ़ और अन्य आपदाओं का सामना करने के लिये घरों को आपदा-रोधी सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को गुणवत्ता और पारदर्शिता का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) 2.0 के बारे में
- लॉन्च वर्ष: वर्ष 2024 (PMAY-U मूल रूप से वर्ष 2015 में शुरू की गई थी)
- नोडल मंत्रालय: आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (MoHUA)
- प्रकार: केंद्र प्रायोजित योजना
- ब्याज सब्सिडी योजना (ISS) घटक केंद्रीय क्षेत्र योजना है।
- पात्रता: पक्के मकान के बिना EWS/LIG/MIG परिवार; आय 9 लाख रुपए तक।
- लाभ: सभी मौसमों के अनुकूल पक्के मकानों के लिये सब्सिडी।
- लक्ष्य: 1 करोड़ शहरी परिवार (निर्माण, खरीद, किराये पर)।
- कुल परिव्यय: 10 लाख करोड़ रुपए (2.3 लाख करोड़ रुपए केंद्रीय सहायता)।
- कवरेज क्षेत्र: इस योजना में जनगणना 2011 में अधिसूचित सभी वैधानिक कस्बों और राज्य सरकारों द्वारा बाद में अधिसूचित कस्बों को शामिल किया गया है।
- शहरी विकास या औद्योगिक प्राधिकरणों के अंतर्गत अधिसूचित योजना क्षेत्र और क्षेत्र PMAY-U 2.0 के अंतर्गत शामिल किये गए हैं।