ग्रेट इंडियन बस्टर्ड | राजस्थान | 10 Jun 2025
चर्चा में क्यों?
राजस्थान वन विभाग ने ऑपरेशन सिंदूर और इसमें शामिल सैन्य कर्मियों के सम्मान में नवजात ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (अर्डियोटिस नाइग्रिसेप्स) चूजों का नाम सिंदूर, व्योम, मिश्री और सोफिया रखा।
मुख्य बिंदु
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के बारे में:
- राजस्थान का राज्य पक्षी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड भारत का सबसे गंभीर रूप से संकटग्रस्त पक्षी माना जाता है। यह विश्व स्तर पर उड़ने वाले सबसे भारी पक्षियों में से एक है तथा यह मुख्य रूप से राजस्थान के थार रेगिस्तान में पाया जाता है। कम संख्या में यह गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में मिलते हैं।
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड भारत में पाई जाने वाली चार बस्टर्ड प्रजातियों में से एक है, जिसमें लेसर फ्लोरिकन, बंगाल फ्लोरिकन और मैकक्वीन बस्टर्ड भी शामिल हैं।
- फ्रंटल विज़न के अभाव के कारण ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की विद्युत लाइनों से टकराने की अधिक संभावना रहती है।
- पारिस्थितिकी महत्त्व: ग्रेट इंडियन बस्टर्ड एक संकेतक प्रजाति है तथा यह पक्षी चरागाह पारिस्थितिकी तंत्र के बेहतर स्वास्थ्य का परिचायक है। इनकी संख्या में कमी स्थानीय घास के मैदानों के क्षरण का संकेतक है।
- संरक्षण स्थिति: IUCN रेड लिस्ट (गंभीर रूप से संकटग्रस्त), CITES (परिशिष्ट 1), प्रवासी प्रजातियों पर अभिसमय (CMS) (परिशिष्ट I) और वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (अनुसूची I)।
- खतरे: कृषि, खनन और बुनियादी ढाँचे से इनके अधिवास की क्षति के साथ विद्युत लाइनों से टकराव (मृत्यु दर का प्रमुख कारण) इनके लिये प्रमुख खतरा है।
- इनके अवैध शिकार में कमी आई है लेकिन मानवीय गतिविधियों एवं असंतुलित भूमि उपयोग से इस प्रजाति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
- संरक्षण प्रयास: इसके संरक्षण की दिशा में वर्ष 2018 में पर्यावरण मंत्रालय, भारतीय वन्यजीव संस्थान और राजस्थान वन विभाग ने प्रोजेक्ट ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की शुरुआत की।
- जैसलमेर के सुदासरी और साम स्थित कैप्टिव ब्रीडिंग सेंटर्स में नवजात ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की जीवन दर में सुधार के क्रम में AI-सक्षम निगरानी, इनक्यूबेटर तथा सेंसर-आधारित प्रणालियों का उपयोग किया जा रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर
- परिचय: यह पहलगाम आतंकी हमले के प्रत्युत्तर में 7 मई, 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा लॉन्च किया गया एक समन्वित स्ट्राइक ऑपरेशन है।
- इसे भारतीय भू-भाग से सेना, नौसेना और वायु सेना के समन्वित प्रयासों द्वारा कार्यान्वित किया गया।
- पिछले अभियानों के आक्रामक और शक्ति प्रदर्शन पर केंद्रित नामों के विपरीत, इस अभियान का नाम पीड़ितों, विशेषकर पहलगाम हमले की विधवाओं, के प्रति व्यक्तिगत श्रद्धांजलि स्वरूप चुना गया था।
- लक्ष्य: 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से संबद्ध आतंकी ठिकानों को लक्षित किया।
- इन हमलों का उद्देश्य भारत के खिलाफ हमलों की योजना बनाने में इस्तेमाल किये गए आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना था।