राजस्थान की सांभर झील में फ्लेमिंगो | राजस्थान | 06 Jun 2025

चर्चा में क्यों?

फ्लेमिंगो सामान्यतः नवंबर से मार्च के बीच सांभर झील में प्रवास करते हैं, लेकिन वर्ष 2025 में भोजन की प्रचुरता और जलवायु परिस्थितियों में बदलाव के कारण, अनुकूल आवास मिलने पर वे यहाँ असामान्य रूप से अधिक समय तक रुके

मुख्य बिंदु

फ्लेमिंगो 


राजस्थान में जल संरक्षण के प्रयास | राजस्थान | 06 Jun 2025

चर्चा में क्यों?

विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून 2025) पर राजस्थान ने पारंपरिक जल स्रोतों को बहाल करने, जल संचयन संरचनाओं के निर्माण, भूजल पुनर्भरण और बाँधों तथा नहरों की मरम्मत पर ध्यान केंद्रित करते हुए दो सप्ताह का जल संरक्षण अभियान शुरू किया।

मुख्य बिंदु

राजस्थान की जल संचयन प्रणालियाँ

जल संचयन प्रणाली

विवरण

बावली

मेहराब, नक्काशीदार आकृतियाँ और कमरों के साथ सीढ़ीनुमा संरचना। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में शहरी जल भंडारण का अभिन्न अंग।

झलारा

आयताकार सीढ़ीनुमा जलस्रोत, जिनमें तीन या चार ओर से स्तरित सीढ़ियाँ होती हैं। ये जलाशयों या झीलों से जल एकत्र करने के लिये बनाए जाते हैं

टांका (Taanka)

छतों या जलग्रहण क्षेत्रों से वर्षा जल एकत्र करने के लिये बनाया गया बेलनाकार भूमिगत गड्ढा।

खड़ीन (ढोरा)

पहाड़ी ढलानों पर लंबे मिट्टी के तटबंध, जो कृषि के लिये सतही जल को एकत्र करते हैं।

कुंडी (Kundi)

गहरे, गोल या आयताकार गड्ढे की संरचना, जो शुष्क और अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों में जहाँ जल दुर्लभ होता है तथा वर्षा अनिश्चित होती है, अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है।