झारखंड ने भारतीय फार्माकोपिया आयोग (IPC) के साथ समझौता किया | 17 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
भारतीय फार्माकोपिया आयोग (IPC) ने झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल (JSPC) के साथ एक MoU पर हस्ताक्षर किये हैं, जिसका उद्देश्य झारखंड में फार्माकोविजिलेंस प्रणाली को सुदृढ़ बनाना है।
मुख्य बिंदु
- समझौता: परिचय
- इस MoU का उद्देश्य राज्य में दवाओं के सुरक्षित और तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देना है, जिसके लिये फार्माकोविजिलेंस (औषधि-सुरक्षा निगरानी) और मेटेरियोविजिलेंस (चिकित्सा उपकरण-सुरक्षा निगरानी) को सुदृढ़ किया जाएगा।
- यह समझौता नेशनल फाॅर्म्युलेरी ऑफ इंडिया (NFI) को स्वास्थ्य संस्थानों में मानक संदर्भ (Standard Reference) के रूप में व्यापक रूप से अपनाने को बढ़ावा देता है, जिससे तर्कसंगत औषधि-प्रयोग सुनिश्चित हो सके।
- भारतीय फार्माकोपिया आयोग (IPC) तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगा, जबकि झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल (JSPC) सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के फार्मासिस्टों को जुटाकर प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करेगी।
- भारतीय फार्माकोपिया आयोग (IPC): परिचय
- IPC स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था है।
- यह इंडियन फार्माकोपिया (IP) प्रकाशित करता है, जो भारत में दवाओं के आधिकारिक मानकों की पुस्तक है।
- यह भारत का फार्माकोविजिलेंस कार्यक्रम (PvPI) और भारत का मेटेरियोविजिलेंस कार्यक्रम (MvPI) संचालित करता है।
- IPC रोगी सुरक्षा, दवा गुणवत्ता निगरानी और साक्ष्य-आधारित दवा उपयोग को बढ़ावा देता है।
- नेशनल फाॅर्म्युलेरी ऑफ इंडिया (NFI): परिचय
- यह भारतीय फार्माकोपिया आयोग (IPC) द्वारा प्रकाशित एक आधिकारिक संदर्भ है, जिसका उद्देश्य दवाओं के तर्कसंगत और सुरक्षित उपयोग का मार्गदर्शन करना है।
- इसमें स्वीकृत दवाओं से संबंधित मानक जानकारी होती है, जैसे संकेत (Indications), खुराक (Dosages), प्रति-निषेध (Contraindications) और प्रतिकूल प्रभाव (Adverse Effects) जिससे समान और साक्ष्य-आधारित दवा-निर्धारण को बढ़ावा मिलता है।