लाडली बहना सूची का ऑडिट | 12 Sep 2025
चर्चा में क्यों?
राज्य सरकार ‘लड़ली बहना’ लाभार्थी सूची का ऑडिट करेगी ताकि दिवाली के बाद मासिक सहायता राशि 1,250 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये होने से पहले अयोग्य नामों को हटाया जा सके।
- इसके लिये सार्वजनिक अपील की जाएगी ताकि जो महिलाएँ योजना के लिये पात्र नहीं हैं, वे स्वेच्छा से अपने नाम वापस ले लें, तत्पश्चात सूची से किसी भी अपात्र प्रविष्टि को हटाने के लिये विभागीय जाँच की जाएगी।
मुख्य बिंदु
- लाडली बहना योजना के बारे में:
- इस योजना का शुभारंभ 10 जून 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया था।
- इसके तहत 23 से 60 वर्ष की आयु की विवाहित महिलाओं को शुरू में 1,000 रुपये की सहायता दी गई, जिसे बाद में बढ़ाकर 1,250 रुपये प्रति माह कर दिया गया।
- इसका मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
- पात्रता एवं नियम:
- महिला के परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम हो।
- परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी नहीं करता हो।
- इसके अतिरिक्त, परिवार के पास 5 एकड़ से ज़्यादा भूमि या ट्रैक्टर, चारपहिया वाहन न हो।
- वर्तमान स्थिति:
- इस योजना में वर्तमान में 1.26 करोड़ से अधिक महिलाएँ नामांकित हैं, जिससे यह राज्य का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रम बन गया है, जिसकी लागत लगभग 1,550 करोड़ रुपये प्रति माह है।
अन्य महिला-केंद्रित योजनाएँ
- लाडली लक्ष्मी योजना:
- वर्ष 2006 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य बालिकाओं की शैक्षिक और आर्थिक स्थिति में सुधार करके उनके भविष्य को सुरक्षित करना है।
- यह योजना कन्या के जन्म के प्रति सकारात्मक सामाजिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने और लैंगिक भेदभाव को कम करने का भी प्रयास करती है।
- पात्रता मानदंड:
- यह योजना उन माता-पिता को लाभान्वित करती है, जिन्होंने दो जीवित संतानों के बाद परिवार नियोजन अपनाया है, जिससे जनसंख्या नियंत्रण सुनिश्चित हो सके।
- परिवार को आंगनवाड़ी केंद्र में पंजीकृत होना चाहिये और आयकरदाता नहीं होना चाहिये।
- वित्तीय लाभ:
- राज्य सरकार लड़की के नाम पर जन्म से लेकर कुल 30,000 रुपये तक प्रतिवर्ष 6,000 रुपये मूल्य के राष्ट्रीय बचत-पत्र खरीदती है।
- जब लड़की 21 वर्ष की हो जाती है और यदि उसकी शादी 18 वर्ष की आयु से पहले नहीं हुई है, तो उसे योजना के तहत अंतिम लाभ के रूप में 1 लाख रुपये की एकमुश्त राशि मिलती है।
- उषा किरण योजना:
- मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2006 में शुरू की गई उषा किरण योजना घरेलू हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा तथा कानूनी सहायता प्रदान करती है।
- यह घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत संचालित है।
- मुख्य उद्देश्य:
- पीड़ितों को शारीरिक, यौन, मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक दुर्व्यवहार से बचाना।
- घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं और बच्चों को गरिमा, न्याय तथा सुरक्षा प्रदान करना।
- लक्षित लाभार्थी:
- यह योजना वैवाहिक स्थिति पर ध्यान दिये बिना सभी आयु वर्ग की महिलाओं को सहायता प्रदान करती है।
- इसमें 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे भी शामिल हैं, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से घरेलू हिंसा से प्रभावित हो सकते हैं।
- मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2006 में शुरू की गई उषा किरण योजना घरेलू हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा तथा कानूनी सहायता प्रदान करती है।