भारत का चीन-नेतृत्व वाले WTO निवेश समझौते पर विरोध | 23 Oct 2025
चर्चा में क्यों?
भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में चीन-नेतृत्व वाले विकास हेतु निवेश सुविधा समझौते पर प्रणालीगत, कानूनी और प्रक्रियागत प्रभावों का हवाला देते हुए अपनी चिंताएँ जताईं।
विकास हेतु निवेश सुविधा समझौता क्या है?
- परिचय: यह एक बहुपक्षीय WTO पहल है, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाना और निवेश नियमों में पारदर्शिता बढ़ाना है, ताकि वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करना आसान हो सके। यह प्रशासनिक सुधारों और सहयोग पर केंद्रित है।
- इसका मुख्य उद्देश्य सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिये, विशेष रूप से विकासशील और अल्पविकसित देशों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के प्रवाह को सुगम बनाने और बढ़ाने हेतु कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रावधान बनाना है।
- इस पहल को 127 WTO सदस्य देशों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें 90 विकासशील अर्थव्यवस्थाएँ और 27 अल्पविकसित देश (LDC) शामिल हैं, जो सदस्यता का तीन-चौथाई प्रतिनिधित्व करते हैं और ग्लोबल साउथ के लिये इसकी प्रासंगिकता को उजागर करते हैं।
- मुख्य विशेषताएँ:
- बहुपक्षीय समझौता: यह एक बहुपक्षीय समझौते के रूप में प्रस्तावित है, जो केवल इसे स्वीकार करने वाले सदस्यों पर ही बाध्यकारी होगा, और इसे मारकेश समझौता, 1994 के अनुलग्नक 4 (बहुपक्षीय व्यापार समझौते) में शामिल किया जाएगा।
- सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (MFN) का दर्जा: किसी हस्ताक्षरकर्त्ता देश द्वारा किसी एक निवेशक को दी गई कोई भी रियायत अन्य सभी हस्ताक्षरकर्त्ताओं को दी जानी चाहिये।
- सदस्यता के लिये खुला: कोई भी विश्व व्यापार संगठन (WTO) सदस्य देश इस समझौते में शामिल हो सकता है।
- भारत की आपत्तियाँ: भारत का तर्क है कि निवेश सुविधा एक "अनियोजित, गैर-बहुपक्षीय मुद्दा" है और इसे WTO ढाँचे में शामिल करना संगठन के स्थापित अधिदेश को कमज़ोर करता है।
- भारत इस बहुपक्षीय प्रयास को संगठन की सर्वसम्मति-आधारित, सदस्य-संचालित प्रकृति के लिये खतरा मानता है, जिससे समूहों को व्यापक सदस्यता समझौते को दरकिनार करने का अवसर मिल जाता है।
अन्य प्रमुख WTO समझौते क्या हैं?
- टैरिफ और व्यापार पर सामान्य समझौता (GATT)
- सेवाओं के व्यापार पर सामान्य समझौता (GATS)
- बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधित पहलुओं पर समझौता (TRIPS)
- कृषि पर समझौता (AoA)
- स्वच्छता और पादप स्वच्छता उपायों के अनुप्रयोग पर समझौता (SPS)
- व्यापार में तकनीकी बाधाओं पर समझौता (TBT)
- व्यापार-संबंधी निवेश उपायों पर समझौता (TRIM)
- सब्सिडी और प्रतिकारी उपायों पर समझौता (ASCM)
नोट: भारत विश्व व्यापार संगठन (WTO) का संस्थापक सदस्य (वर्ष 1995) है और ऊपर सूचीबद्ध सभी बहुपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षरकर्त्ता है। हालाँकि, वह विकास के लिये निवेश सुविधा (IFD) प्रस्ताव जैसे गैर-अनिवार्य बहुपक्षीय समझौतों का विरोध करता है।
भारत की WTO प्राथमिकताएँ
- भारत का यह रुख उसकी नीतिगत क्षेत्र को सुरक्षित रखने तथा दीर्घकालिक विकास संबंधी मुद्दों को प्राथमिकता देने की एक व्यापक रणनीतिक स्थिति का हिस्सा है:
- भारत इस बात पर ज़ोर देता है कि विश्व व्यापार संगठन को सबसे पहले दोहा विकास एजेंडे के अनसुलझे मुद्दों का समाधान करना चाहिये, विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में (जैसे, सार्वजनिक स्टॉकहोल्डिंग के लिये स्थायी समाधान, विशेष सुरक्षा तंत्र)।
- भारत इस बात पर बल देता है कि किसी भी सुधार में पूर्णतः कार्यात्मक विवाद निपटान प्रणाली को बहाल किया जाना चाहिये तथा विकासशील देशों के लिये विशेष एवं विभेदकारी उपचार के सिद्धांत को संरक्षित किया जाना चाहिये।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. विकास हेतु निवेश सुविधा (IFD) समझौता क्या है?
वैश्विक निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिये एक स्वतंत्र निकाय के माध्यम से पूर्व-निवेश समीक्षा और अपील प्रणाली स्थापित करने के लिये एक प्रस्तावित विश्व व्यापार संगठन संधि।
2. IFD समझौते के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
निवेश के माहौल को बढ़ाना, निवेशक परिचालन को सरल बनाना, तथा विशेष रूप से विकासशील और अल्प-विकसित देशों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ावा देना।
3. भारत ने विश्व व्यापार संगठन में IFD समझौते का विरोध क्यों किया है?
भारत इसे एक गैर-अधिदेशित, गैर-बहुपक्षीय मुद्दा मानता है जो सर्वसम्मति-आधारित निर्णय लेने की प्रक्रिया का उल्लंघन करता है तथा विकासशील देशों की नीतिगत संभावनाओं के लिये खतरा उत्पन्न करता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स
प्रश्न 1. 'ऐग्रीमेंट ऑन ऐग्रीकल्चर (Agreement on Agriculture)', 'ऐग्रीमेंट ऑन दि ऐप्लीकेशन ऑफ सैनिटरी ऐंड फाइटोसैनिटरी मेजर्स (Agreement on the Application of Sanitary and Phytosanitary Measures)' और 'पीस क्लॉज़ (Peace Clause)' शब्द प्रायः समाचारों में किसके मामलों के संदर्भ में आते हैं? (2015)
(a) खाद्य और कृषि संगठन
(b) जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र का रूपरेखा सम्मेलन
(c) विश्व व्यापार संगठन
(d) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम
उत्तर: (c)
प्रश्न 2. निम्नलिखित में से किसके संदर्भ में कभी-कभी समाचारों में 'ऐम्बर बॉक्स, ब्लू बॉक्स और ग्रीन बॉक्स' शब्द देखने को मिलते हैं?
(a) WTO मामला
(b) SAARC मामला
(c) UNFCCC मामला
(d) FTA पर भारत-EU वार्ता
उत्तर: (a)