डबल हेलिक्स मॉडल ऑफ DNA | 14 Nov 2025

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) की डबल-हेलिक्स संरचना के सह-खोजकर्त्ताओं में से एक जेम्स वॉटसन का हाल ही में निधन हो गया।

डबल हेलिक्स मॉडल ऑफ DNA क्या है?

  • खोज: DNA के डबल हेलिक्स मॉडल की खोज वर्ष 1953 में जेम्स वॉटसन और फ्रांसिस क्रिक ने की थी, जिसने जीवविज्ञान के क्षेत्र में क्रांति ला दी। यह आधुनिक आनुवंशिकी, जैव-प्रौद्योगिकी और चिकित्सा अनुसंधान का आधार बना।
    • यह उपलब्धि वंशानुक्रम, जैविक विकास और आनुवंशिक रोगों की समझ के लिये एक आधार का कार्य करती है।
    • वॉटसन और क्रिक ने रॉसलिंड फ्रैंकलिन की महत्त्वपूर्ण एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफी (फोटो 51) के आधार पर DNAकी संरचना को डबल हेलिक्स के रूप में समझा।
  • संरचना: दो लंबी शृंखलाओं/सूत्र (Strands) से बना होता है, जो एक-दूसरे के चारों ओर घूमकर एक सर्पिल संरचना बनाती हैं, जिसे ‘डबल हेलिक्स’ कहा जाता है।
    • प्रत्येक स्ट्रैंड शर्करा और फॉस्फेट अणुओं से बना होता है, जो इसके आधार का निर्माण करते हैं।
    • अधिकांश DNA कोशिका के नाभिक में पाया जाता है, इसलिये इसे न्यूक्लियर DNA कहा जाता है।
  • बेस पेयर्स: दोनों स्ट्रैंड्स नाइट्रोजन बेस द्वारा जुड़े होते हैं, जहाँ एडनिन (A) हमेशा थाइमिन (T) के साथ और साइटोसिन (C) हमेशा ग्वानिन (G) के साथ युग्मित होता है। ये बेस पेयर्स कुंडलित सीढ़ी के ‘रग्स’ बनाते हैं।
  • प्रति समानांतर रज्जुक: DNA के दो रज्जुक विपरीत दिशाओं में चलते हैं, इस विशेषता को "प्रति समानांतर" के रूप में जाना जाता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि पूरक बंधन के लिये आधार जोड़े सही ढंग से संरेखित हों
  • मुख्य विशेषताएँ:
    • पूरक आधार युग्मन: दो रज्जुकों को विशिष्ट आधार युग्मन नियमों के माध्यम से जुड़ा हुआ पाया जाता है, जहाँ एडेनिन (A) थायमिन (T) के साथ और गुआनिन (G) साइटोसिन (C) के साथ जुड़ता है। इस युग्मन को DNA स्थिरता के मूलभूत सिद्धांत के रूप में रेखांकित किया गया है।
    • सटीक प्रतिकृति की क्रियाविधि: इस पूरक युग्मन पर ज़ोर इस बात को समझाने के लिये दिया जाता है कि किस प्रकार DNA उच्च सटीकता के साथ प्रतिकृति बनाता है तथा पीढ़ियों के बीच आनुवंशिक जानकारी का विश्वसनीय संचरण सुनिश्चित करता है
  • खोज का महत्त्व:
    • इसने आणविक जीवविज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी और जेनेटिक इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों का विकास किया।
    • वॉटसन, क्रिक और मौरिस विल्किंस को उनके DNA मॉडल के लिये फिजियोलॉजी या मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार (1962) से सम्मानित किया गया, जिसमें इसके मूलभूत महत्त्व पर प्रकाश डाला गया।
    • मानव जीनोम परियोजना (2003), CRISPR जीन संपादन उपकरण और व्यक्तिगत चिकित्सा के लिये मार्ग प्रशस्त किया।
    • कृषि में DNA विश्लेषण ने आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों और कीट-प्रतिरोधी पौधों की किस्मों के निर्माण को संभव बनाकर कृषि पद्धतियों को नया रूप दिया।
    • DNA फॉरेंसिक विज्ञान में भी अपरिहार्य हो गया है, जो अपराध सुलझाने में सहायता करता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

प्रश्न: DNA डबल हेलिक्स की खोज ऐतिहासिक रूप से महत्त्वपूर्ण क्यों थी?

इस खोज ने यह स्पष्ट किया कि आनुवंशिक जानकारी किस प्रकार संग्रहीत होती है तथा प्रतिलिपि बनाई जाती है। इससे आनुवंशिकी के अध्ययन में क्रांतिकारी बदलाव आया, आणविक जीव विज्ञान को नई दिशा मिली और आनुवंशिक इंजीनियरिंग, जीनोम अनुक्रमण, CRISPR तकनीक तथा व्यक्तिगत चिकित्सा जैसी प्रगतियों का मार्ग प्रशस्त हुआ।

प्रश्न: वाटसन और क्रिक के डबल-हेलिक्स मॉडल का मूल विचार क्या है?

यह मॉडल डीएनए की दो विपरीत दिशा में चलने वाली शृंखलाओं को एक कुंडलित सीढ़ी के रूप में प्रस्तुत करता है, जिन्हें पूरक बेस-पेयरिंग (A–T, G–C) स्थिर बनाती है। यही संरचना डीएनए की मज़बूती और उसकी सटीक प्रतिकृति को संभव बनाती है।

प्रश्न: DNA को आनुवंशिकता और जैविक विकास का केंद्रीय तत्त्व क्यों माना जाता है?

DNA अपने न्यूक्लियोटाइड क्रम में आनुवंशिक जानकारी को संजोकर रखता है, जिसे वह पीढ़ी दर पीढ़ी आगे पहुँचाता है। यही क्रम समय-समय पर उत्परिवर्तनों के माध्यम से बदलता है, जिससे आनुवंशिक विविधता उत्पन्न होती है। इसी विविधता के आधार पर विकास, अनुकूलन और नई प्रजातियों का उद्भव संभव होता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ) 

प्रिलिम्स

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2022) 

DNA बारकोडिंग किसका उपसाधन हो सकता है? 

  1. किसी पादप या प्राणी की आयु का आकलन करने के लिये  
  2.   समान दिखने वाली प्रजातियों के बीच भिन्नता जानने के लिये  
  3.   प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में अवांछित प्राणी या पादप सामग्री को पहचानने के लिये  

उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं? 

(a) केवल 1 

(b)  केवल 3 

(c) 1 और 2 

(d)  2 और 3 

उत्तर: (b)

प्रश्न: विज्ञान में हुए अभिनव विकासों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सही नहीं है? (2019)   

(a) विभिन्न जातियों की कोशिकाओं से लिये गए DNA के खंडों को जोड़कर प्रकार्यात्मक गुणसूत्र रचे जा सकते हैं।
(b) प्रयोगशालाओं में कृत्रिम प्रकार्यात्मक DNA के हिस्से रचे जा सकते हैं।
(c) किसी जंतु कोशिका से निकाले गए DNA के किसी हिस्से को जीवित कोशिका से बाहर प्रयोगशाला में प्रतिकृत कराया जा सकता है।
(d) पादपों और जंतुओं से निकाली गई कोशिकाओं में प्रयोगशाला की पेट्री डिश में कोशिका विभाजन कराया जा सकता है। 

उत्तर: (a)