भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन | 21 Aug 2025

स्रोत: न्यूज़ ऑन एयर

भारतीय सरकार वर्ष 2035 तक एक पूर्ण रूप से परिचालित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (Bharatiya Antariksh Station - BAS) स्थापित करने और वर्ष 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय मानवयुक्त मिशन भेजने की योजना बना रही है, जो ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण से पहले की महत्त्वाकांक्षा है।

भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) 

  • परिचय: अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के समान योजनाबद्ध, BAS पृथ्वी की परिक्रमा 400–450 किमी की ऊँचाई पर करेगा और वैज्ञानिक अनुसंधान का समर्थन करेगा।
  • घटक: यह पाँच मॉड्यूलों से बनेगा, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा, जिसमें बेस मॉड्यूल वर्ष 2028 में तैयार होने और स्टेशन वर्ष 2035 तक पूर्ण रूप से परिचालित होने की योजना है।
  • महत्त्व:
    • भारत की वैश्विक अंतरिक्ष स्थिति को उन्नत करना, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण अनुसंधान और जैवप्रौद्योगिकी तथा पदार्थ विज्ञान में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम बनाना।
    • दीर्घ अवधि के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशनों का समर्थन करना, आपदा निगरानी के लिये पृथ्वी अवलोकन को बढ़ाना और अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना, साथ ही STEM प्रतिभाओं को प्रेरित करना।

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS)

  •  ISS, LEO में सबसे बड़ा रहने योग्य उपग्रह है, जो अनुसंधान और सहयोग के लिये एक वैश्विक अंतरिक्ष प्रयोगशाला के रूप में कार्य करता है।
  • यह 15 देशों का संयुक्त उपक्रम है, जिसका नेतृत्व NASA, रोस्कोसमोस, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, JAXA और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा किया जाता है। इसमें 108 से अधिक देशों से 3,000 से अधिक प्रयोग किये जाते हैं।

ISS

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