वनाग्नि | 16 Aug 2025

स्रोत: TOI

चर्चा में क्यों?

अल्बानिया, ग्रीस, इटली, पुर्तगाल, स्पेन और तुर्की में वनाग्नि से कई लोगों की मृत्यु हो गई है और हज़ारों लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से निकलने के लिये मज़बूर होना पड़ा है।

वनाग्नि के संबंध में मुख्य बिंदु क्या हैं?

  • परिचय: वनाग्नि वह अग्नि है जो वनों, घासभूमियों, झाड़ियों या टुंड्रा क्षेत्रों में अनियंत्रित रूप से फैल जाती है। यह हवा और भू-आकृति की दिशा से तेज़ी से फैलती है तथा ईंधन, ऑक्सीजन व गर्मी पर निर्भर रहती है।
  • वर्गीकरण:
    • सतही अग्नि (Surface Fire): यह ज़मीन की सतह पर जलती है तथा जंगल की ज़मीन पर गिरी सूखी पत्तियों, टहनियों और घास को जला देती है।
    • भूमिगत/ज़ॉम्बी फायर (Underground/Zombie Fire): सतह के नीचे कार्बनिक पदार्थों को जलाने वाली निम्न तीव्रता वाली अग्नि, धीरे-धीरे और अक्सर बिना पता चले फैलती है, कभी-कभी महीनों तक इसका अस्तित्व बना रहता है।
    • कैनोपी/क्राउन अग्नि (Canopy/Crown Fire): यह ऊपरी पेड़ की कैनोपी के माध्यम से फैलती है, अक्सर बहुत तीव्र होती है जिसे नियंत्रित करना मुश्किल होता है।
    • नियंत्रित/सुनियोजित अग्नि (Controlled Deliberate Fire): वन विभागों द्वारा ईंधन भार कम करने और पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिये योजनाबद्ध तरीके से लगाई गई अग्नि।
  • कारण: 
    • भौगोलिक स्थिति: भूमध्यसागरीय जलवायु वाले क्षेत्र विशेष रूप से उष्ण, शुष्क ग्रीष्म ऋतु के दौरान वनाग्नि के लिये अत्यधिक संवेदनशील होते हैं, क्योंकि इस समय उच्च तापमान, न्यून आर्द्रता तथा शुष्क पवनों का संयोजन होता है।(उदाहरण: सिरोको— एक गर्म, शुष्क और रेतीली पवन है जो सहारा मरुस्थल से दक्षिणी यूरोप की ओर बहती है और वनाग्नि के जोखिम को बढ़ाती है।)
    • जलवायु परिवर्तन: सूखे की लंबी अवधि, अनियमित मानसून, असमय हीट वेव तथा अल नीनो की घटनाएँ वनस्पतियों को सुखाकर उनकी ज्वलनशीलता बढ़ा देती हैं।
    • मानवजनित कारक: स्लैश-एंड-बर्न पद्धति, कृषि विस्तार, अवसंरचना परियोजनाएँ, पर्यटन तथा अपशिष्ट प्रबंधन की कमी, आकस्मिक एवं जानबूझकर लगायी जाने वाली अग्नि को बढ़ावा देते हैं।
    • अपर्याप्त अग्नि प्रबंधन एवं प्रौद्योगिकी: अपर्याप्त निगरानी, पुरानी प्रतिक्रिया प्रणाली, AI-आधारित पूर्वानुमान की अनुपस्थिति तथा मौसम-आधारित कमज़ोर पूर्वानुमान, अग्नि को नियंत्रित करने में विलंब करते हैं।
    • जैव-विविधता ह्रास एवं ज्वलनशील वनस्पतियाँ: शुष्क पर्णपाती वन, चीड़ की पत्तियाँ, बाँस के झुरमुट तथा एकल-फसली वृक्षारोपण प्राकृतिक ईंधन का कार्य करते हैं, जिससे देशज जैवविविधता कम होती है।
    • वन-विनाश एवं आवास विखंडन: अवसंरचना, खनन, अनियंत्रित चराई तथा कमज़ोर नीतिगत प्रवर्तन से वन ह्रास, मानव-वन्यजीव संघर्ष की तीव्रता और पारिस्थितिकीय तंत्र को क्षति पहुँचती है।
  • प्रभाव:
    • वायु प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन: वनाग्नि से CO₂, PM2.5, मीथेन और अन्य ज़हरीली गैसें निकलती हैं, जिससे वायु की गुणवत्ता में कमीं लाती है और ग्लोबल वार्मिंग में योगदान होता है।
    • जैवविविधता एवं आवास संबंधी हानि: वन विनाश से वन्यजीवों की हानि होती हैं, लुप्तप्राय प्रजातियों के लिये खतरा उत्पन्न होता है और पारिस्थितिकीय तंत्र बाधित होता है।
      • एक अध्ययन के अनुसार वर्ष 2020 में ब्राज़ील वनाग्नि से लगभग 1.7 करोड़ जानवरों, जिनमें सरीसृप, पक्षी और प्राइमेट शामिल हैं, की मृत्यु हुई, साथ ही इससे जैवविविधता को गम्भीर क्षति पहुँची।
    • मानव स्वास्थ्य जोखिम: धुएँ में साँस लेने से श्वसन संबंधी समस्याएँ, आँखों में जलन, गर्मी से संबंधित समस्याएँ/बीमारियाँ तथा प्रभावित जनसंख्या में मानसिक तनाव उत्पन्न होता है।
    • आर्थिक क्षति: संपत्ति का विनाश, अग्निशमन की लागत तथा कृषि हानि अर्थव्यवस्थाओं पर बोझ डालती है।
    • मृदा एवं जल का ह्रास: कटाव एवं राख का बहाव जल स्रोतों को प्रदूषित करता है, जिससे जलीय जीवन तथा पेयजल प्रभावित होते हैं।
  • भारत में वनाग्नि: 
    • भारत राज्य वन रिपोर्ट (ISFR) 2021 के अनुसार, देश के 36% से अधिक वन क्षेत्र को बार-बार लगने वाली वनाग्नियों के प्रति संवेदनशील आंका गया है। देश के 2.81% वन क्षेत्र को अत्यंत अधिक अग्नि-संवेदनशील, जबकि 7.85% वन क्षेत्र को बहुत अधिक अग्नि-संवेदनशील पाया गया है।
    • ISFR 2023 के अनुसार, पर्वतीय क्षेत्रों में वनाग्नि की घटनाओं में तीव्र वृद्धि दर्ज की गयी है—हिमाचल प्रदेश में 1,339%, जम्मू एवं कश्मीर में 2,822% तथा उत्तराखंड में 293% की वृद्धि।

सामान्य वनाग्नि नियंत्रण सामग्री एवं विधि

  • पिंक फायर रिटार्डेंट, एक रासायनिक मिश्रण है जिसे वनाग्नि को धीमा करने अथवा शमित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • इसमें मुख्य रूप से अमोनियम फॉस्फेट आधारित घोल होता है, जिसमें अमोनियम पॉलीफॉस्फेट जैसे लवण एवं क्रोमियम और कैडमियम जैसी जहरीली गैसें होती हैं।
  • बांबी बकेट एक विशेष कंटेनर है जिसे हेलीकॉप्टर के नीचे लटकाया जाता है, इसे नदी या तालाब जैसे जल स्रोत में डुबोकर भरा जाता है, तथा नीचे के वाल्व के माध्यम से आग पर प्रवाहित किया जाता है।
    • यह दुर्गम क्षेत्रों में वनाग्नि से निपटने के लिये विशेष रूप से उपयोगी है, तथा दुनिया भर में हेलीकॉप्टरों का प्रयोग प्राय: वनाग्नि के शमन में किया जाता हैं।

वनाग्नि निपटने हेतु कौन-से कदम उठाए जा सकते हैं? 

  • एकीकृत अग्नि प्रबंधन: अनियंत्रित आग की रोकथाम के लिये निर्धारित दहन, ईंधन भार में कमी, अग्निरोधक उपाय, सख़्त अग्नि सुरक्षा नियम और सार्वजनिक जागरूकता का उपयोग करना।
  • सामुदायिक एवं जनजातीय भागीदारी: प्रारंभिक पहचान और प्रतिक्रिया हेतु प्रशिक्षण, आजीविका प्रोत्साहन तथा पारंपरिक संरक्षण के साथ स्थानीय समुदायों, वन पंचायतों और जनजातीय समूहों को सक्रिय रूप से शामिल करना।
  • उन्नत प्रौद्योगिकी और प्रारंभिक चेतावनी: त्वरित नियंत्रण के लिये AI-आधारित पूर्वानुमान मॉडल, उपग्रह निगरानी, ड्रोन तथा रियल टाइम अलर्ट प्रणाली लागू करना।
  • पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली और समुत्थान: अग्नि-प्रतिरोधी प्रजातियों का रोपण, हरित अग्निरोधक पट्टियों का निर्माण, जलवायु-अनुकूल वानिकी, आर्द्रभूमि बहाली तथा धारणीय कृषि-वानिकी को प्रोत्साहन देना।
  • नीति प्रवर्तन और पर्यावरण-संवेदनशील विकास : खनन/बुनियादी ढांचे के लिए निषिद्ध क्षेत्र लागू करें, पारदर्शी संरक्षण निधि के लिए जलग्रहण प्रबंधन, टिकाऊ पर्यटन और ब्लॉकचेन का उपयोग करें।
  • नीति प्रवर्तन और पर्यावरण-संवेदनशील विकास: खनन/बुनियादी ढाँचे के लिये निषिद्ध क्षेत्रों का निर्धारण करना, पारदर्शी संरक्षण निधि के लिये जलग्रहण प्रबंधन अपनाना तथा सतत् पर्यटन एवं ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करना।

दृष्टि मेन्स प्रश्न

प्रश्न. वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं तथा इसकी गंभीरता में योगदान देने वाले कारकों का परीक्षण कीजिये तथा उनके प्रभावी शमन हेतु रणनीतियों का सुझाव दीजिये।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2019)

  1. कार्बन मोनोऑक्साइड
  2. मीथेन
  3. ओज़ोन
  4. सल्फर डाइऑक्साइड

फसल/जैव मात्रा के अवशेषों के दहन के कारण वायुमंडल में उपर्युक्त में से कौन-से निर्मुक्त होते हैं?

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 2, 3 और 4 
(c) केवल 1 और 4 
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (d)


प्रश्न. घासस्थलों में वृक्ष पारिस्थितिक अनुक्रमण के अंश के रूप में किस कारण घासों को प्रतिस्थापित नहीं करते हैं?

(a) कीटों एवं कवकों के कारण
(b) सीमित सूर्य के प्रकाश एवं पोषक तत्त्वों की कमी के कारण
(c) जल की सीमाओं एवं आग के कारण
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तर: (c)


मेन्स:

प्रश्न. अधिकांश असामान्य जलवायु घटनाओं को एल-नीनो प्रभाव के परिणाम के रूप में समझाया गया है। क्या आप सहमत हैं? (2014)