S-400 मिसाइल और प्रोजेक्ट कुश | 06 Nov 2023

प्रिलिम्स के लिये:

भारतीय वायु सेना (IAF), S-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम, प्रोजेक्ट कुश

मेन्स के लिये:

प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण, भारत द्वारा एस-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद का महत्त्व

स्रोत: लाइव मिंट 

चर्चा में क्यों? 

भारतीय वायु सेना (IAF) ने अपनी रक्षा क्षमताओं को मज़बूत करने के लिये चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर तीन S-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा मिसाइल स्क्वाड्रन तैनात किये हैं।

  • भारत ने वर्ष 2018-19 में रूस के साथ पाँच S-400 मिसाइल स्क्वाड्रन के लिये एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये। इनमें से तीन भारत को प्राप्त हो चुके हैं जबकि बाकी दो की प्राप्ति में रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण देरी हो रही है।
  • एक अन्य पहल के अंतर्गत भारतीय रक्षा अधिग्रहण परिषद् ने हाल ही में प्रोजेक्ट कुश के तहत लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली (LRSAM) प्रणाली की खरीद को मंज़ूरी दी है।

S-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम:

  • परिचय:
    • S-400 ट्रायम्फ रूस द्वारा विकसित एक मोबाइल, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) प्रणाली है, जो विमान, ड्रोन, क्रूज़ मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल जैसे विभिन्न हवाई लक्ष्यों को रोकने तथा नष्ट करने में सक्षम है।
    • S-400 की मारक क्षमता 30 किमी. की ऊँचाई के साथ 400 किमी. तक है और यह चार अलग-अलग प्रकार की मिसाइलों के साथ एक साथ 36 लक्ष्यों पर हमला कर सकती है।

  • भारत के लिये महत्त्व:
    • भारत ने चीन और पाकिस्तान के खिलाफ अपनी वायु रक्षा क्षमताओं और निवारक मुद्रा को बढ़ावा देने के लिये S-400 मिसाइलों की खरीद का फैसला किया, जो अपनी वायु सेना एवं मिसाइल शस्त्रागार का आधुनिकीकरण तथा विस्तार कर रहे हैं।
      • भारत को चीन और पाकिस्तान से दो मोर्चों पर खतरा है, जो वर्षों से भारत के साथ कई सीमा विवादों और संघर्षों में शामिल रहे हैं।
    • चीन हिंद महासागर क्षेत्र में बंदरगाहों, हवाई अड्डों एवं बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है, ताकि संबद्ध क्षेत्र में उपस्थिति और प्रभाव को बढ़ाया जा सके तथा उसका सामना करने के किये भारत के लिये यह अधिग्रहण महत्त्वपूर्ण है।
      • वैश्विक व्यवस्था की अनिश्चितता एवं अस्थिरता के बीच भी भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखना चाहता है तथा अपने रक्षा साझेदारों में विविधता लाना चाहता है।

प्रोजेक्ट कुश: 

  • रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के नेतृत्व में प्रोजेक्ट कुश भारत की एक महत्त्वाकांक्षी रक्षा पहल है जिसका उद्देश्य वर्ष 2028-29 तक लंबी दूरी की अपनी वायु रक्षा प्रणाली विकसित करना है।
    • लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणालियाँ, क्रूज़ मिसाइल, स्टील्थ फाइटर जेट तथा ड्रोन सहित दुश्मन के प्रोजेक्टाइल एवं कवच का पता लगाने व उन्हें नष्ट करने में सक्षम होंगी।
    • इसमें तीन प्रकार की इंटरसेप्टर मिसाइलें, जिनमें 150 किलोमीटर, 250 किलोमीटर व 350 किलोमीटर की रेंज के साथ ही निगरानी हेतु उन्नत अग्नि नियंत्रण रडार शामिल होंगे।
  • ऐसा अनुमान है कि प्रोजेक्ट कुश प्रभावकारिता के मामले में इज़रायल के आयरन डोम प्रणाली एवं रूस की प्रसिद्ध S-400 प्रणाली से बेहतर प्रदर्शन करेगा।

इज़रायल की आयरन डोम प्रणाली:

  • यह ज़मीन से हवा में मार करने वाली रक्षा प्रणाली है जिसमें रडार एवं इंटरसेप्टर मिसाइलें शामिल हैं जो इज़रायल में लक्ष्य की ओर दागे गए किसी भी रॉकेट अथवा मिसाइल को ट्रैक करने और निष्क्रिय करने में सक्षम हैं।
  • इसे राज्य द्वारा संचालित राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम (Rafael Advanced Defense System) एवं इज़रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ (Israel Aerospace Industries) द्वारा विकसित किया गया है तथा वर्ष 2011 में तैनात किया गया था।
  • यह प्रणाली रॉकेट, तोपखाने तथा मोर्टार के साथ-साथ विमान, हेलीकॉप्टर एवं मानव रहित हवाई वाहनों  (Unmanned Aerial Vehicles- UAV) से बचाव में विशेष रूप से उपयोगी है।
  • डोम की क्षमता लगभग 70 किलोमीटर है तथा इसमें डिटेक्शन व ट्रैकिंग रडार, बैटल मैनेजमेंट और हथियार नियंत्रण तथा मिसाइल लॉन्चर जैसे तीन महत्त्वपूर्ण घटक शामिल हैं ।

 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न: कभी-कभी समाचारों में देखा जाने वाला "टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD)" क्या है? (2018)

(a) एक इज़रायली रडार प्रणाली
(b) भारत का स्वदेशी मिसाइल रोधी कार्यक्रम
(c) एक अमेरिकी मिसाइल रोधी प्रणाली
(d) जापान और दक्षिण कोरिया के मध्य एक रक्षा सहयोग

उत्तर: (c)


प्रश्न: अग्नि-IV मिसाइल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2014)

  1. यह सतह-से-सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। 
  2. यह केवल तरल प्रणोदक द्वारा संचालित होती है। 
  3. यह लगभग 7500 किमी. दूर एक टन परमाणु आयुध पहुँचा सकती है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • अग्नि-IV भारत की परमाणु-संपन्न लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 4,000 किमी. है।
  • स्वदेश निर्मित अग्नि-IV सतह-से-सतह पर मार करने वाली दो चरणों वाली मिसाइल है। यह 17 टन वज़न के साथ 20 मीटर लंबी है। अत: कथन 1 सही है।
  • यह दो चरणों वाली ठोस ईंधन प्रणाली है जो एक टन के परमाणु हथियार 4,000 किलोमीटर की दूरी तक ले जा सकती है। अत: कथन 2 और 3 सही नहीं हैं।

अत: विकल्प (a) सही उत्तर है। 


मेन्स:

प्रश्न. भारत-रूस रक्षा समझौतों की तुलना में भारत-अमेरिका रक्षा समझौतों की क्या महत्ता है? हिंद-प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में स्थायित्व के संदर्भ में विवेचना कीजिये। (2020)