कांगड़ा चाय | 26 May 2020

प्रीलिम्स के लिये: 

अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस, कांगड़ा चाय 

चर्चा में क्यों?

अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस (21 मई) के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के पालमपुर स्थित ‘हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान’ (Institute of Himalayan Bioresource Technology- IHBT) में आयोजित सेमिनार में वैज्ञानिकों द्वारा इस बात की पुष्टि की गई कि कांगड़ा चाय (Kangra Tea) में ऐसे गुण विद्यमान हैं जो कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावी रूप से लड़ने में सक्षम हैं

प्रमुख बिंदु:

  • इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (The Indian Council of Medical Research- ICMR) द्वारा COVID-19 से लड़ने के लिये संशोधित प्रोटोकॉल में प्रतिरोधक क्षमता में सुधार और उपचार के लिये हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (H ydroxychloroquine- HCQ) के स्थान पर HIV-रोधी दवा के उपयोग को एक बेहतर विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।
  • कांगड़ा चाय के बारे में ही यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस चाय में मौजूद रसायन प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने और कोरोना वायरस संक्रमण को अवरुद्ध करने में HIV-रोधी दवाओं की तुलना में अधिक कारगर सिद्ध हो सकते हैं। 

हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (IHBT):

  • इसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा सितंबर, 1942 में एक स्वायत्त निकाय के रूप में की गई थी।
  • हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा संपूर्ण भारत में CSIR की मौजूदगी में 38 राष्‍ट्रीय प्रयोगशालाओं, 39 दूरस्‍थ केंद्रों, 3 नवोन्‍मेषी कॉम्‍प्‍लेक्‍सों और 5 यूनिटों के सक्रिय नेटवर्क का संचालन किया जा रहा है।

कांगड़ा चाय:

  • कांगड़ा भारत के सबसे छोटे चाय क्षेत्रों में से एक है। कांगड़ा चाय हरी और काली दोनों प्रकार की होती है।
  • काली कांगड़ा चाय स्वाद में मीठी होती है जबकि हरी चाय का स्वाद सुगंधित लकड़ी के समान होता है। 
  • इसका निर्यात पेशावर के रास्ते काबुल और मध्य एशिया में किया जाता है।
  • कांगड़ा चाय को पंजीकृत भौगोलिक संकेतक (GI) प्राप्त है।

कांगड़ा चाय पर वैज्ञानिक प्रयोग: 

  • वैज्ञानिकों द्वारा कंप्यूटर-आधारित मॉडल का उपयोग करते हुए जैविक रूप से सक्रिय 65 रसायनों/पॉलीफेनोल्स का परीक्षण किया गया।
  • ये पॉलीफेनोल्स (Polyphenols), COVID-19 से ग्रस्त मरीजों के इलाज के लिये स्वीकृत HIV रोधी दवाओं की तुलना में अधिक कुशलता एवं व्यावसायिक रूप से एक विशिष्ट वायरल प्रोटीन को बांध सकते हैं।
  • परीक्षण में देखा गया कि ये रसायन उन वायरल प्रोटीनों की गतिविधि को अवरुद्ध करने में सक्षम है, जो मानव कोशिकाओं में वायरस को पनपने हेतु अनुकूल परिस्थितियाँ उपलब्ध कराते है।

कांगड़ा चाय द्वारा निर्मित अन्य उत्पाद:

  • वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) से संबद्ध ‘हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान’ द्वारा अपने प्रौद्योगिकी साझेदारों के साथ मिलकर चाय आधारित प्राकृतिक सुगंधित तेलों से युक्त अल्कोहल हैंड सैनिटाइज़र का उत्पादन व आपूर्ति भी की जा रही है। 
  • IHBT द्वारा चाय के अर्क का उपयोग कर हर्बल साबुन भी बनाया गया है। शोधकर्त्ताओं का ऐसा मानना है कि यह साबुन प्रभावी रूप से फफूंदरोधी, जीवाणुरोधी व विषाणुरोधी गुणों से युक्त है।

स्रोत: पी.आई.बी