एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध | 28 Mar 2019

चर्चा में क्यों?

हाल ही में यूरोपीय संसद ने समुद्र तटों को प्रदूषित करने वाले महासागरों और समुद्रों में उपस्थित एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक कचरों जैसे- कटलरी, स्ट्रा, कपास की कलियों आदि पर प्रतिबंध लगाने के लिये मतदान किया है।

  • उल्लेखनीय है कि मई 2018 में यूरोपीय संघ द्वारा समुद्री जीवन की रक्षा में मदद करने के लिये एकल-उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव लाया गया था।

प्रमुख बिंदु

  • यूरोपीय संसद के सदस्यों (Member of European parliament- MEP) द्वारा किया गया मतदान यूरोपीय संघ के सभी सदस्य देशों में 2021 तक एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का मार्ग प्रशस्त करता है।
  • यह प्रतिबंध समुद्री जीवन की रक्षा में मदद हेतु कचरे के खिलाफ एक व्यापक कानून के तहत किया गया है।
  • यूरोपीय संघ का मानना है कि प्लास्टिक कचरा निर्विवाद रूप से एक बड़ा मुद्दा है और इस समस्या से निपटने के लिये यूरोपीय लोगों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।
  • हर साल यूरोपीय देश 25 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करते हैं, लेकिन रीसाइक्लिंग के लिये 30 प्रतिशत से भी कम एकत्र किया जाता है। समुद्री कूड़े में लगभग 80 प्रतिशत से अधिक प्लास्टिक कचरा होता है।

प्लास्टिक कचरे के निपटान के उपाय

  • समुद्र तटों पर प्लास्टिक कूड़े को लक्षित करने के साथ ही एकल-उपयोग के लिए पर्यावरण में आसानी से विघटित होने वाले पॉलीस्टायरीन कप (Polystyrene Cup) और ऑक्सो-डिग्रेडेबल प्लास्टिक (Oxo-degradable Plastics) के उपयोग का निर्देश दिया है।
  • यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को गर्म पेय पदार्थों के लिये प्लास्टिक खाद्य कंटेनर और प्लास्टिक के ढक्कन के उपयोग को कम करने के लिये उपाय करने होंगे।
  • इस प्रयास के अंतर्गत 2025 तक 25 प्रतिशत तथा 2029 तक 90 प्रतिशत प्लास्टिक की बोतलों का निर्माण पुनर्नवीनीकरण योग्य सामग्री से किया जाएगा।
  • सामान्यतः इस्तेमाल में लाई जाने वाली वस्तुएँ जो प्लास्टिक को मिलाकर बनाई जाएंगी के पैकेजिंग के दौरान ही उपभोक्ताओं को इन वस्तुओं के गलत तरीके से निपटाने से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान की चेतावनी दी जाएगी।
  • ‘प्रदूषण भुगतान’ सिद्धांत को मछली पकड़ने हेतु जाल के निर्माताओं तक बढ़ाया जाएगा ताकि कंपनियां समुद्र में खोए जाल की लागत का भुगतान करेंगे।
  • यूरोपीय आयोग द्वारा महासागरों और समुद्रों में कूड़ा एवं प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिये निर्धारित मानक शेष दुनिया के लिये मार्ग प्रशस्त करेंगे।

स्रोत- द हिंदू