क्रिप्टो जागरूकता अभियान | 03 Jan 2023

प्रिलिम्स के लिये:

कंपनी अधिनियम, 2013, क्रिप्टो जागरूकता अभियान, क्रिप्टोकरेंसी, ऑनलाइन गेमिंग, मनी लॉन्ड्रिंग, PMLA, IEPF

मेन्स के लिये:

क्रिप्टोकरेंसी और संबंधित मुद्दे, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप

चर्चा में क्यों?

निवेशक शिक्षा और सुरक्षा कोष (Investor Education and Protection Fund- IEPF) क्रिप्टोकरेंसी एवं ऑनलाइन गेमिंग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये एक आउटरीच कार्यक्रम लॉन्च करेगा।

आउटरीच कार्यक्रम: 

  • आउटरीच कार्यक्रम की आवश्यकता इस अवलोकन पर आधारित है कि उद्योग में मौजूदा अस्थिरता के बावजूद क्रिप्टो-संपत्ति और ऑनलाइन गेमिंग (जिसमें जुआ और सट्टेबाज़ी शामिल है) दोनों को अब भी अवैध तरीके से बढ़ावा दिया जा रहा है।
  • यह कार्यक्रम संभावित निवेशकों को कोई भी निर्णय लेने से पहले खुद को पूरी तरह से शिक्षित करने में मदद करेगा क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी निवेश एक जटिल और जोखिम भरा प्रयास है।

निवेशक शिक्षा और सुरक्षा कोष (IEPF):

  • इसका प्रबंधन IEPF प्राधिकरण द्वारा किया जाता है, जिसे वर्ष 2016 में कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 125 के प्रावधानों के तहत स्थापित किया गया था।
  • प्राधिकरण को IEPF के प्रशासन की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है, जो निवेशकों के बीच जागरूकता को बढ़ावा देने के अलावा सही दावेदारों को शेयरों, दावा रहित लाभांश, परिपक्व जमा और डिबेंचर आदि का रिफंड/प्रतिदाय करता है।
  • निवेशक शिक्षा का आशय ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में घरेलू निवेशकों, गृहिणियों एवं पेशेवरों तक पहुँचना तथा उन्हें निवेश के मूल सिद्धांत सिखाना है।
  • प्रमुख ध्यान केंद्रित क्षेत्रों में प्राथमिक और द्वितीयक पूंजी बाज़ार, विभिन्न बचत साधन, निवेश के साधन (जैसे म्यूचुअल फंड, इक्विटी, अन्य के बीच), निवेशकों को संदिग्ध पोंजी तथा चिट फंड योजनाओं एवं मौजूदा शिकायत निवारण तंत्र आदि के बारे में जागरूक करना शामिल है।

क्रिप्टोकरेंसी के संदर्भ में चिंताएँ:

  • क्रिप्टो दुविधा किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर अस्थिर प्रभाव वाली अनियमित मुद्रा के बारे में चिंताओं से उत्पन्न होती है। 
  • इसके अतिरिक्त भारत में क्रिप्टो एक्सचेंज की अवैध प्रथाओं जैसे- मादक पदार्थों की तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा कानून का उल्लंघन करने तथा GST (माल और सेवा कर) की चोरी में उनकी कथित भागीदारी के लिये जाँच की जा रही है।
    • दिसंबर 2022 तक 907.48 करोड़ रुपए ज़ब्त किये गए हैं, तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और चार अभियोजन शिकायतें, धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दायर की गई हैं।
  • ब्लॉकचेन की अपरिवर्तनीय, सार्वजनिक प्रकृति मनी लॉन्ड्रिंग के लिये क्रिप्टो को खराब विकल्प बनाती है क्योंकि यह कानून प्रवर्तन को नकद लेन-देन की तुलना में कहीं अधिक आसानी से मनी लॉन्ड्रिंग को उजागर करने और ट्रेस करने में सक्षम है।
  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने इस क्षेत्र में कानून बनाने की सिफारिश की है। RBI का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिये। 

ऑनलाइन गेमिंग: 

  • भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के लिये इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को नोडल मंत्रालय नियुक्त किया गया है, जबकि ई-स्पोर्ट्स के लिये युवा मामले और खेल मंत्रालय को नोडल एजेंसी बनाया गया है|  
  • MeitY द्वारा केंद्रीय विनियमन के लिये प्रस्तावित रूपरेखा से इस क्षेत्र के सामने आने वाले मुद्दों का समाधान होने की उम्मीद है।
  • ऐसे शब्द जिन्हें पब्लिक गेमिंग एक्ट (1867) में इस्तेमाल किया जाता है, किंतु इसे स्पष्ट नहीं किया गया है; उदाहरण के लिये फैंटेसी गेम्स जैसे- 'गेम ऑफ चांस' और 'गेम ऑफ स्किल' की परिभाषाओं के बारे में भ्रम बने हुए है। इसमें साइबर अपराध संबंधी ज़ोखिम भी जुड़े होते हैं।
  • 'कौशल के खेल' (गेम ऑफ स्किल) में अवसर के तत्त्व को पूरी तरह से खारिज़ नहीं किया जा सकता है, जबकि 'कौशल का आधार' (उपयोगकर्त्ता का मानसिक या शारीरिक कौशल) वह तत्त्व है जो शुद्ध अवसर के स्थान पर खेल के परिणाम को निर्धारित करने में प्रमुख भूमिका निभाता है।
  • सर्वोच्च न्यायालय और कई उच्च न्यायालयों के अनेक फैसलों के अनुसार, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) के तहत 'गेम ऑफ स्किल' को संरक्षित वैध व्यावसायिक गतिविधियों के रूप में स्पष्ट रूप से स्थापित किया गया है।
  • इन फैसलों ने 'कौशल के खेल' (गेम ऑफ स्किल) और 'अवसर के खेल' (गेम ऑफ चांस) के बीच स्पष्ट अंतर पर भी ज़ोर दिया है।
  • इन न्यायालयी फैसलों के बावजूद लत, वित्तीय नुकसान तथा कौशल एवं अवसर के बीच बहुत कम अंतर होने के कारण ऑनलाइन स्किल खेलों को कुछ राज्यों में प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है।

आगे की राह

  • अन्य कार्यक्रमों पर ध्यान देने क साथ ही क्रिप्टो क्षेत्र के लिये एक नियामक तंत्र होना चाहिये।
  • अगर सरकार कठोर रुख अपनाते हुए यह कहती है कि आभासी मुद्रा (Virtual Currency) जैसी चीज़ें भारत में वैध नहीं हैं, तो यह पूरी तरह सच नहीं माना जाएगा। लोगों को गलती से विश्वास हो सकता है कि यह निषिद्ध है और लोग क्रिप्टो संपत्ति का उपयोग करके मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आपराधिक लेन-देन में संलग्न हो सकते हैं। परंतु कानूनी बैंकिंग माध्यमों का उपयोग कर अवैध लेन-देन का उन्मूलन किया जा सकता है। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. “ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)

  1. यह एक सार्वजनिक बहीखाता है जिसका निरीक्षण हर कोई कर सकता है, लेकिन जिसे कोई एकल उपयोगकर्त्ता नियंत्रित नहीं करता है।
  2. ब्लॉकचेन की संरचना और डिज़ाइन ऐसा है कि इसमें मौजूद सारा डेटा क्रिप्टोकरेंसी के बारे में ही होता है।
  3. ब्लॉकचेन की बुनियादी सुविधाओं पर निर्भर एप्लीकेशन बिना किसी की अनुमति के विकसित किये जा सकते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2
(d) केवल 1 और 3

उत्तर: (d)


प्रश्न. वानाक्राई, पेट्या और इंटर्नलब्लू पद जो हाल ही में समाचारों में उल्लिखित थे, निम्नलिखित में से किससे संबंधित हैं? (2018)

(a) एक्सोप्लैनेट्स
(b) प्रच्छन्न मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) 
(c) साइबर आक्रमण  
(d) लघु उपग्रह 

उत्तर: (c) 


मेन्स: 

प्रश्न. क्रिप्टोकरेंसी क्या है? यह वैश्विक समाज को कैसे प्रभावित करती है? क्या यह भारतीय समाज को भी प्रभावित कर रही है? (2021)

स्रोत: द हिंदू