कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का कन्वर्जेंस मॉड्यूल | 22 Sep 2022

प्रिलिम्स के लिये:

कृषि अवसंरचना कोष, प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना, APEDA, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र।

मेन्स के लिये:

MoFPI के कन्वर्ज़ेंस पोर्टल का महत्त्व, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना और इसकी आवश्यकता।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) ने कृषि अवसंरचना कोष (AIF) योजना, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME) और प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के बीच अभिसरण/कन्वर्जेंस मॉड्यूल लॉन्च किया है।/

  • AIF, PMFME और PMKSY के तहत लाभार्थियों को अधिकतम लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी जारी की गई थी।

कन्वर्जेंस मॉड्यूल:

  • कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के साथ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) ने संयुक्त रूप से कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लाभों को बेहतर ढंग से प्राप्त करने के लिये एक अभिसरण पोर्टल लॉन्च किया।
  • यह इस विचार पर शुरू किया गया है कि सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों को देश के लोगों को उनकी सर्वोत्तम क्षमता की सेवा करने के लिये मिलकर काम करना चाहिये।
  • यह पोर्टल देश के खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण साबित होगा, जिससे प्रसंस्करण उद्योग के किसान और छोटे पैमाने के उद्यमियों सहित देश के विभिन्न वर्गों को लाभ होगा।
  • यह प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए एक कदम है और 'वोकल फॉर लोकल' की अवधारणा को भी बढ़ावा देगा।

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजन:

  • परिचय:
    • इसे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा जून, 2020 में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिये लॉन्च किया गया था।
    • यह देश में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिये वित्तीय, तकनीकी और वाणिज्यिक सहायता प्रदान करता है।
    • यह योजना इनपुट की खरीद, सामान्य सेवाओं का लाभ उठाने और उत्पादों के विपणन के मामले में पैमाने का लाभ उठाने के लिये एक ज़िला एक उत्पाद (ODOP) दृष्टिकोण अपनाती है।
    • इसे 2020-21 से 2024-25 तक पाँच वर्ष की अवधि में लागू किया जाएगा।
  • वित्तपोषण:
    • यह 10,000 करोड़ रुपए की लागत के साथ केंद्र द्वारा प्रायोजित योजन है।
    • इस योजना के तहत व्यय को केंद्र और राज्य सरकारों के बीच 60:40 के अनुपात में, उत्तर पूर्वी तथा हिमालयी राज्यों के साथ 90:10 के अनुपात में, विधायिका वाले केंद्रशासित प्रदेशों के साथ 60:40 के अनुपात में साथ अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के लिये केंद्र द्वारा 100% साझा किया जाएगा।
  • आवश्यकता:
    • लगभग 25 लाख इकाइयों वाले असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 74% रोज़गार उपलब्ध कराता है।
    • इनमें से लगभग 66% इकाइयाँ ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं और उनमें से लगभग 80% परिवार आधारित उद्यम हैं जो ग्रामीण परिवारों की आजीविका में मदद करते हैं और शहरी क्षेत्रों में उनके प्रवास को कम करते हैं।
      • ये इकाइयांँ मुख्यतः सूक्ष्म उद्यमों की श्रेणी में आती हैं।
    • असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना करता है यथा आधुनिक तकनीक और उपकरणों तक पहुँच की कमी, प्रशिक्षण, संस्थागत ऋण की सुविधा, ब्रांडिंग और विपणन कौशल की कमी आदि जो उनके प्रदर्शन और उनके विकास को सीमित करते हैं।
  • उपलब्धियाँ:
    • अभी तक खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों में लगे लगभग 62,000 लाभार्थी इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं। नये सूक्ष्म खाद्य उद्यम स्थापित करने या मौजूदा इकाइयों के उन्नयन के लिये इस योजना के तहत लगभग 7,300 स्वीकृत किये गए हैं।
    • 2022-23 की तीसरी तिमाही में ऋण स्वीकृतियों की गति 50% बढ़ने की उम्मीद है।

AIF क्या है?

  • कृषि इंफ्रा फंड (AIF) वित्तपोषण सुविधा है, जिसे जुलाई 2020 में, फसलोपरांत प्रबंधन अवसंरचना व सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के निर्माण के लिये शुरू किया गया, जिसमें लाभ में 3% ब्याज छूट व क्रेडिट गारंटी सहायता शामिल हैं।
  • इसके तहत वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक 1 लाख करोड़ रुपए के वित्त का प्रावधान किया गया है एवं वर्ष 2032-33 तक ब्याज छूट व क्रेडिट गारंटी सहायता दी जाएगी।
  • AIF योजना में राज्य या केंद्र सरकार की किसी भी अन्य योजना के साथ कन्वर्जेंस की सुविधा है, इसलिये किसी विशेष परियोजना हेतु कई सरकारी योजनाओं के लाभों को इष्टतम करने के उद्देश्य से, योजनाओं के कन्वर्जेंस हेतु बड़े पैमाने पर कई बाह्य प्रणालियों/पोर्टल के साथ इनका एकीकरण किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री कृषि संपदा योजना:

  • प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY), खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्र योजना है, जिसकी परिकल्पना व्यापक पैकेज़ रूप में की गई है, जिसके परिणामस्वरूप फार्म गेट से रिटेल आउटलेट तक कुशल आपूर्ति शृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक अवसंरचना का निर्माण होगा।
  • PMKSY के तहत सात घटक योजनाएँ:
    • मेगा फूड पार्क
    • एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्य संवर्द्धन अवसंरचना
    • कृषि प्रसंस्करण समूहों (APCs) के लिये बुनियादी ढाँचा
    • बैकवर्ड एवं फारवर्ड लिंकेज़ सृजन
    • खाद्य प्रसंस्करण/परिरक्षण क्षमता सृजन/ विस्तार
    • खाद्य संरक्षा एवं गुणवत्‍ता आश्‍वासन अवसंरचना
    • मानव संसाधन एवं संस्थान

अन्य संबंधित पहल

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स:

प्रश्न: भारत सरकार मेगा फूड पार्क की अवधारणा को किस/किन उद्देश्य/उद्देश्यों से प्रोत्साहित कर रही है? (2011)

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिये उत्तम अवसंरचना सुविधाएँ उपलब्ध कराने हेतु।

खराब होने वाले पदार्थों का अधिक मात्रा में प्रसंस्करण करने और अपव्यय घटाने हेतु।

उद्यमियों के लिये उद्यमी और पारिस्थितिकी के अनुकूल आहार प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियाँ उपलब्ध कराने हेतु।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • "मेगा फूड पार्क" योजना का उद्देश्य किसानों, प्रसंस्करणकर्त्ताओं और खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाकर कृषि उत्पादन को बाज़ार से जोड़ने के लिये एक तंत्र प्रदान करना है, ताकि मूल्यवर्धन को अधिकतम करना, अपव्यय को कम करना, किसानों की आय में वृद्धि करना और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में रोज़गार के अवसर पैदा करना सुनिश्चित किया जा सके। अत: 2 सही है।
  • यह अच्छी तरह से स्थापित आपूर्ति शृंखला के साथ पार्क में उपलब्ध कराए गए औद्योगिक भू-खंडों में आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिये एक अच्छी तरह से परिभाषित कृषि/बागवानी क्षेत्र में अत्याधुनिक समर्थन बुनियादी ढाँचे के निर्माण की परिकल्पना करता है। अत: 1 सही है।
  • यह वातानुकूलित कक्षों, दबाव वेंटिलेटर, परिवर्तनीय आर्द्रता भंडार, प्रीकूलिंग कक्षों, कोल्ड चेन बुनियादी ढाँचे सहित विशेष भंडारण सुविधाओं के निर्माण पर केंद्रित है, जिसमें रीफर वैन, पैकेजिंग इकाई, विकिरण सुविधाएँं, भाप उत्पादन इकाइयाँ, फूड इनक्यूबेशन सह-विकास केंद्र आदि शामिल हैं।
  • "मेगा फूड पार्क" योजना में उद्यमियों को पर्यावरण के अनुकूल खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी प्रदान करने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: 3 सही नहीं है।

मेन्स

प्रश्न. उत्तर-पश्चिम भारत के कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के स्थानीयकरण के कारकों पर चर्चा कीजिये। (2019)

प्रश्न. देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की चुनौतियाँ और अवसर क्या हैं? खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देकर किसानों की आय में पर्याप्त वृद्धि किस प्रकार की जा सकती है? (2020))

खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिये भारत सरकार द्वारा अपनाई गई नीति का विस्तार से वर्णन कीजिये। (2019)

स्रोत: पी.आई.बी.