स्किल इंडिया मिशन के 10 वर्ष | 18 Jul 2025
प्रिलिम्स के लिये:स्किल इंडिया मिशन, संकल्प योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 (PMKVY 4.0), प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (PM-NAPS), जन शिक्षण संस्थान (JSS) योजना, राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF), पीएम जनमन, समाज में सभी के लिये आजीवन सीखने की समझ (उल्लास) मेन्स के लिये:स्किल इंडिया मिशन से संबंधित प्रमुख उपलब्धियाँ और चुनौतियाँ, भारत में कौशल विकास से संबंधित प्रमुख पहल, उभरते क्षेत्र जहाँ भारत कौशल प्रयासों को प्राथमिकता दे सकता है |
स्रोत: पीआईबी
चर्चा में क्यों?
15 जुलाई, 2025 को स्किल इंडिया मिशन के 10 वर्ष पूरे हुए। वर्ष 2015 में विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर इस मिशन की शुरुआत की गई थी, यह भारत के युवाओं को रोज़गार योग्य कौशल से सशक्त बनाने हेतु एक दशक के दौरान किये गए प्रयासों को चिह्नित करता है।
नोट:
- विश्व युवा कौशल दिवस, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा वर्ष 2014 में घोषित किया गया था, प्रतिवर्ष 15 जुलाई को मनाया जाता है ताकि युवाओं को कौशल प्रदान करने के रणनीतिक महत्त्व को रेखांकित किया जा सके।
- वर्ष 2025 की थीम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डिजिटल कौशल के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित है।
स्किल इंडिया मिशन क्या है?
- परिचय: स्किल इंडिया मिशन एक ऐसी योजना है जिसे भारत के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, पुनः कौशलऔर उन्नयन प्रदान करने के लिये शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य उद्योग से जुड़े और प्रासंगिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें रोज़गार के योग्य, उद्यमशील और गुणवत्तापूर्ण रोज़गार के अवसरों के लिये तैयार करना है।
- इस मिशन के तहत अब तक 6 करोड़ से अधिक लोगों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत प्रशिक्षित किया जा चुका है। यह प्रशिक्षण कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) , रोबोटिक्स, ग्रीन एनर्जी और इंडस्ट्री 4.0 जैसी उभरती तकनीकों में भी दिया गया है, जिससे युवाओं को भविष्य के लिये तैयार किया जा सके।
- पुनर्गठित स्किल इंडिया मिशन (2022–26): फरवरी 2025 में पुनर्गठित स्किल इंडिया मिशन को वर्ष 2022-23 से 2025-26 की अवधि के लिये मंज़ूरी दी गई। इसके अंतर्गत प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 (PMKVY 4.0), प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (PM-NAPS) और जन शिक्षण संस्थान (JSS) योजना को मिलाकर एक एकीकृत केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में लागू किया गया है।
- मुख्य विशेषताएँ: कौशल भारत कार्यक्रम के अंतर्गत सभी पाठ्यक्रम और प्रमाणन राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF) के अनुरूप हैं तथा डिजीलॉकर और राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) के साथ एकीकृत हैं।
कौशल भारत मिशन के अंतर्गत शुरू की गई प्रमुख पहलें क्या हैं?
योजना |
परिचय एवं उद्देश्य |
उपलब्धियाँ |
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY): |
कौशल भारत मिशन के तहत 15 जुलाई, 2015 को शुरू की गई PMKVY का उद्देश्य युवाओं की रोज़गार क्षमता बढ़ाने के लिये मुफ्त, अल्पकालिक, गुणवत्ता-आश्वस्त कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। चरण:
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जुलाई 2025 तक, विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा, IT और निर्माण जैसे क्षेत्रों में 1.63 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। |
जन शिक्षण संस्थान (JSS) योजना: |
JSS गैर-साक्षरों, नव-साक्षरों और स्कूल छोड़ने वालों के लिये एक समुदाय-आधारित व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है।
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वित्त वर्ष 2018-19 और 2023-24 के बीच 26 लाख से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया। |
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (PM-NAPS): |
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (PM-NAPS) का उद्देश्य प्रशिक्षुता प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है, जिसके तहत 14 से 35 वर्ष की आयु के व्यक्तियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से 25% वजीफे का समर्थन प्रदान किया जाता है। |
मई 2025 तक, 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 43.47 लाख से अधिक प्रशिक्षु कार्यरत हैं। |
भारत में कौशल विकास योजनाएँ
- ग्रामीण स्वरोज़गार एवं प्रशिक्षण संस्थान (RSETIs): ये बैंक द्वारा संचालित आवासीय प्रशिक्षण केंद्र हैं जो ग्रामीण युवाओं को उद्यमिता विकास प्रदान करते हैं।
- जून 2025 तक 5.67 मिलियन से अधिक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जो वित्त वर्ष 2016-17 के 2.29 मिलियन से काफी अधिक है।
- दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY): वर्ष 2014 में NRLM के तहत शुरू की गई, यह मांग-आधारित, प्लेसमेंट-लिंक्ड कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से ग्रामीण युवा बेरोज़गारी को लक्षित करती है, मजदूरी रोज़गार और समावेशी ग्रामीण विकास सुनिश्चित करती है।
- प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना: 17 सितंबर, 2023 को शुरू की गई यह योजना 18 चिह्नित व्यवसायों (जैसे, बढ़ई, कुम्हार, लोहार) में लगे पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करती है। यह टूलकिट, डिजिटल प्रोत्साहन, ज़मानत-मुक्त ऋण और बाज़ार संपर्क सहायता प्रदान करती है।
- स्किल इंडिया डिजिटल हब (SIDH):
- यह एक प्रौद्योगिकी-आधारित प्लेटफॉर्म है जो आधार-आधारित सत्यापन, कौशल विकास के परिणामों की रीयल-टाइम निगरानी, तथा शिक्षा और उद्यमिता पारितंत्र के साथ एकीकरण की सुविधा प्रदान करता है।
- NSTIs में उत्कृष्टता केंद्र: वर्ष 2025 में हैदराबाद और चेन्नई में शुरू किये गए इन केंद्रों का उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), रोबोटिक्स और हरित प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षकों के उन्नत प्रशिक्षण और कौशल विकास पर केंद्रित है। यह राष्ट्रीय स्तर पर कौशल विकास की क्षमता को सुदृढ़ बनाते हैं।
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निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) भारत के कौशल विकास पारिस्थितिकी तंत्र का एक प्रमुख स्तंभ रही है, जो समावेशिता, उद्योग-प्रासंगिकता और भविष्य की तैयारी को बढ़ावा देती है। जैसे-जैसे भारत ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, कौशल विकास को डिजिटल शासन, माँग-आधारित प्रशिक्षण और जनसांख्यिकीय लाभांश उपयोग के साथ जोड़ना निरंतर विकास और रोज़गार सृजन के लिये महत्त्वपूर्ण होगा।
दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न: प्रश्न: अनेक पहलों के बावजूद, भारत में कौशल विकास प्रायः उद्योग से जुड़ाव और क्षेत्रीय संतुलन की कमी से ग्रस्त रहता है। इसके कारणों की विवेचना कीजिये तथा सुधारात्मक कदम सुझाइए। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न 1. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के सन्दर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 3 मेन्स:प्रश्न 1. "भारत में जनांकिकीय लाभांश तब तक सैद्धांतिक ही बना रहेगा जब तक कि हमारी जनशक्ति अधिक शिक्षित, जागरूक, कुशल और सृजनशील नहीं हो जाती।" सरकार ने हमारी जनसंख्या को अधिक उत्पादनशील और रोज़गार-योग्य बनने की क्षमता में वृद्धि के लिये कौन-से उपाय किये हैं? |