प्रिलिम्स फैक्ट्स (08 Aug, 2023)



नाइजर में तख्तापलट

नाइजर इस समय राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुज़र रहा है क्योंकि वहाँ हुए सैन्य-तख्तापलट में लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए राष्ट्रपति को हटाकर सेना ने सत्ता को अपने नियंत्रण में ले लिया है।

  • नाइजर, बुर्किना फासो, चाड, माली, मॉरिटानिया और सेनेगल का गढ़ साहेल क्षेत्र में राजनीतिक अस्थिरता के चलते जातीय संघर्ष हुए हैं।
    • कमज़ोर शासन, भ्रष्टाचार और जातीय संघर्षों के कारण क्षेत्र में शांति व स्थिरता बहाल करने के बहाने यह सैन्य हस्तक्षेप किया गया है।

नाइजर के संदर्भ में मुख्य तथ्य:  

  • भौगोलिक स्थिति:
    • नाइजर, पश्चिम अफ्रीका में स्थित एक स्थल-रुद्ध देश है, जो अल्जीरिया, लीबिया, चाड, नाइजीरिया, बेनिन, बुर्किना फासो और माली के साथ सीमा साझा करता है।
    • नाइजर का 80% से अधिक भूमि क्षेत्र सहारा रेगिस्तान में स्थित है।
      • नाइजर का नाम नाइजर नदी से लिया गया है, जो इस क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिमी भाग से होकर बहती है
    • यह पश्चिम अफ्रीका का सबसे बड़ा देश है और आकार में फ्राँस से लगभग दोगुना है।

राजधानी शहर: नियामी

  • ऐतिहासिक संदर्भ :
    • वर्ष 1960 में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक नाइजर एक फ्रांसीसी उपनिवेश था।
    • स्वतंत्रता के बाद के दशकों में देश ने सैन्य तख्तापलट एवं राजनीतिक अस्थिरता की एक शृंखला का अनुभव किया।
  • जलवायु: रेगिस्तान, अधिकतर गर्म, शुष्क, धूल भरी, सुदूर दक्षिण में उष्णकटिबंधीय।
  • अर्थव्यवस्था: नाइजर विश्व के सबसे गरीब देशों में से एक है, यह गरीबी, खाद्य सुरक्षा एवं अल्प विकास से संबंधित चुनौतियों का सामना करता है।
    • हालाँकि यहाँ महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन पाए जाते हैं, जिनमें सोने के खनन भंडार एवं वैश्विक यूरेनियम उत्पादन का एक महत्त्वपूर्ण भाग सम्मिलित है।
    • यहाँ की अर्थव्यवस्था विशेष रूप कृषि प्रधान है, जिसमें निर्वाह खेती तथा पशुधन पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
  • जातीय समूह: हौसा, ज़र्मा-सोंगहाई, तुआरेग, फुलानी, कनुरी, अरब एवं टूबौ।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. हाल के वर्षों में चाड, गिनी, माली और सूडान ने निम्नलिखित में से किस कारण से अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है? (2023)

(A) दुर्लभ पृथ्वी तत्त्वों के समृद्ध भंडार की खोज
(B) चीनी सैन्य अड्डों की स्थापना
(C) सहारा रेगिस्तान का दक्षिण की ओर विस्तार
(D) सफल तख्तापलट

उत्तर: D


505 मिलियन वर्ष पुराने जेलीफिश का जीवाश्म

हाल ही में शोधकर्त्ताओं ने कैंब्रियन काल के जेलीफिश जीवाश्मों के एक संग्रह का पता लगाया है, जो उनके लंबे इतिहास और अस्तित्व की अनूठी जानकारी प्रदान करता है।

  • बर्गीज़ शेल कैनेडियन रॉकीज़ (Canadian Rockies) में स्थित एक प्रसिद्ध जीवाश्म-समृद्ध स्थल है, यह स्थल इन जीवाश्मों के संरक्षण हेतु सबसे उचित वातावरण प्रदान करता है।

खोज के मुख्य बिंदु: 

  • जीवाश्मों की विशिष्टताएँ:
    • हाल ही में खोजे गए जेलीफिश जीवाश्मों में अद्भुत विशेषताएँ देखने को मिली हैं, जैसे कि उनके शरीर पर 90 से अधिक टेंटेकल्स (Tentacles) उभरे हुए होते हैं।
    • कुछ नमूनों में जनन ग्रंथि (Gonads) और आमाशय भी पाया गया है, जिससे उनके शरीर-रचना विज्ञान और व्यवहार के विषय में महत्त्वपूर्ण विवरण प्राप्त होता है।
    • ये जानकारियाँ वैज्ञानिकों को जेलीफिश की बनावट और उनके व्यवहार के बारे में जानने में मदद कर सकती हैं।
  • उत्खनन से प्राप्त पुराने जीवाश्मों से संबंध:
    • इस नई खोजी गई प्रजाति का नाम बर्गेस्सोमेडुसा फास्मिफॉर्मिस (Burgessomedusa phasmiformis) रखा गया। यह प्रजाति मेडुसोज़ोआन्स (Medusozoans) श्रेणी के अंतर्गत आती है।
    • 1990 के दशक में वैज्ञानिकों ने ब्रिटिश कोलंबिया में स्थित रेमंड क्वारी (Raymond Quarry) नामक स्थान से 170 से अधिक जेलीफिश जीवाश्मों की खोज की थी। इन जीवाश्मों को काफी समय तक सुरक्षित रखा गया था।
      • शोधकर्त्ताओं ने इन उत्खनन से प्राप्त नमूनों की दोबारा जाँच की और पाया कि ये जीवाश्म उन प्रजातियों के थे जिनके विषय में शोधकर्त्ताओं के पास पहले से कोई जानकारी नहीं है।

जेलीफिश:

  • परिचय
    • जेलीफिश फाइलम निडारिया (Phylum Cnidaria) समूह से संबंधित है, यह समुद्री जीवों का एक समूह है जिसमें प्रवालसमुद्री एनीमोन (Sea Anemones)हाइड्रॉइड (Hydroids) और साइफ़ोनोफोर्स (Siphonophores) शामिल हैं।
      • निडारियन्स की विशेषता रेडियल समरूपता, टेंटेकल्स से घिरा एक केंद्रीय मुँह और सिनिडोसाइट्स नामक विशेष चुभने वाली कोशिकाएँ हैं जो अपने शिकार या शिकारियों में ज़हर इंजेक्ट कर सकती हैं।
    • जेलीफिश केवल समुद्र की धाराओं का अनुसरण करती हैं, साथ ही वे दुनिया भर में हर प्रकार के समुद्री जल में पाई जाती है।
      • ऐसा माना जाता है कि यह जीव जगत के प्राचीन जीवों में से एक है।
  • विशेषताएँ
    • अपने नाम के बावजूद जेलीफिश मछली नहीं हैं; ये अकशेरुकी अथवा बिना रीढ़ की हड्डी वाले जीव हैं।
      • शारीरिक गठन एवं तंत्रिका तंत्र के मामले में भी जेलीफिश सर्वाधिक सरल जानवरों में से एक है, जिसमें मस्तिष्क, हृदय या कंकाल का अभाव होता है।
    • हालाँकि कुछ जेलीफिश ने आँखें, बायोल्यूमिनसेंस एवं जटिल व्यवहार जैसे असाधारण अनुकूलन विकसित किये हैं।
  • शिकार:
    • वे भोजन के लिये मछली, झींगा, केकड़े तथा छोटे पौधों पर निर्भर हैं। उनके शरीर में पाए जाने वाले जाल में छोटी चुभने वाली कोशिकाएँ होती हैं जो शिकार करने से पहले उन्हें अचेत या लकवाग्रस्त कर देती हैं।
  • जेलीफिश जीवाश्मीकरण की चुनौती: 
    • जेलीफिश जिसके शरीर में 95% जल पाया जाता है, जीवाश्मीकरण में एक महत्त्वपूर्ण बाधा उत्पन्न करती है। उनकी नाजुक संरचना के कारण उनके शीघ्र क्षय होने का खतरा होता है, जिससे जीवाश्म रिकॉर्ड में केवल मामूली निशान रह जाते हैं।

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया


देविका नदी कायाकल्प परियोजना

हाल ही में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने देविका नदी कायाकल्प परियोजना की प्रगति की ओर ध्यानाकर्षित किया।

  • देविका नदी कायाकल्प परियोजना अगस्त 2023 तक पूर्ण होने वाली है, जिसमें देविका नदी की पारिस्थितिक और सांस्कृतिक जीवन शक्ति को बहाल करने में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुई है।
  • नमामि गंगे कार्यक्रम से प्रेरित इस पहल का उद्देश्य पवित्र देविका नदी की स्वच्छता और स्वास्थ्य की रक्षा करना है।

देविका नदी कायाकल्प परियोजना:

  • व्यापक अपशिष्ट प्रबंधन:
    • तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान आकर्षण करना।
    • घरों को जोड़ने वाले पाइप्स और मैनहोल्स का एक नेटवर्क स्थापित करना।
    • इसका प्राथमिक उद्देश्य तरल अपशिष्ट का कुशल निपटान सुनिश्चित करना, प्रदूषण को रोकना और नदी की पवित्रता को बनाए रखना है।
  • पूरक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन:
    • इस परियोजना में तरल अपशिष्ट के अतिरिक्त ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का महत्त्वपूर्ण पहलू भी शामिल है।
      • इसमें स्थानीय समुदायों द्वारा उत्पन्न ठोस अपशिष्ट पदार्थों का संग्रह, निपटान और प्रबंधन शामिल है।
    • पर्यावरणीय क्षरण को रोकने और नदी एवं इसके आसपास के समग्र पर्यावरणीय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिये ठोस अपशिष्ट का उचित प्रबंधन आवश्यक है।
  • वित्तीय आवंटन विवरण:
    • इस परियोजना को 190 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश प्राप्त हुआ है।
    • केंद्र एवं केंद्रशासित प्रदेश के बीच 90:10 के अनुपात में आवंटन साझा किया गया है।
  • PRI के माध्यम से समुदायों का सशक्तीकरण:
    • ज़मीनी स्तर पर परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने में पंचायती राज संस्थाएँ (PRI) महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
    • PRI की भागीदारी सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाती है, स्वामित्व और सतत् विकास प्रथाओं को बढ़ावा देती है।

देविका नदी के संदर्भ में मुख्य तथ्य:

  • उत्पत्ति
    • देविका नदी का उद्गम जम्मू-कश्मीर के उधमपुर ज़िले की पहाड़ी शुद्ध महादेव मंदिर से होता  है तथा यह पश्चिमी पंजाब (अब पाकिस्तान में) की ओर बहती हुई रावी नदी में मिल जाती है।
  • सांस्कृतिक महत्त्व:
    • यह नदी धार्मिक महत्त्व रखती है क्योंकि हिंदू इसे गंगा नदी की बहन के रूप में पूजते हैं।
    • ऐसा माना जाता है कि देविका नदी, रावी एवं चिनाब नदी के बीच के क्षेत्रों को कवर करने वाले मादेर देश के लोगों को लाभ पहुँचाने के लिये स्वयं देवी पार्वती का एक रूप है।

स्रोत: पी.आई.बी.


भारत का सामरिक पेट्रोलियम भंडार

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर के दौरान सामरिक पेट्रोलियम भंडार कार्यक्रम में बहुमूल्य जानकारी प्रदान की।

सामरिक पेट्रोलियम भंडार:

  • परिचय:
    • सामरिक पेट्रोलियम भंडार (SPR) कच्चे तेल के वे भंडार हैं जिन्हें भू-राजनीतिक अनिश्चितता या आपूर्ति व्यवधान के समय में कच्चे तेल की आपूर्ति सुनिश्चित करने वाले देशों द्वारा बनाए रखा जाता है।
    • देश की वृद्धि और विकास के लिये ऐसी भूमिगत भंडारण सुविधाएँ ऊर्जा संसाधनों के निरंतर प्रवाह को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

नोट: 

  • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा कार्यक्रम (International Energy Programme- IEP) पर समझौते के अनुसार, कम-से-कम 90 दिनों के लिये शुद्ध तेल आयात के बराबर आपातकालीन तेल का स्टॉक रखना अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency- IEA) के प्रत्येक सदस्य देश का दायित्व है।
  • गंभीर तेल आपूर्ति व्यवधान के मामले में IEA सदस्य सामूहिक कार्रवाई के हिस्से के रूप में इन शेयरों को बाज़ार में जारी करने का निर्णय ले सकते हैं।
  • भारत वर्ष 2017 में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) का सहयोगी सदस्य बना।
  • भारत में वर्तमान SPR अवसंरचना और क्षमता: 
    • इंडियन स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्व्स लिमिटेड (ISPRL) को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2004 में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत एक विशेष प्रयोजन वाहन के रूप में बनाया गया था।
    • भारत में कच्चे तेल की मौज़ूदा भूमिगत SPR सुविधाओं की संयुक्त धारिता 5.33 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) है। ये भंडारण स्थल रणनीतिक रूप से दो राज्यों में स्थित हैं:
      • विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश - 1.33 MMT धारिता
      • मंगलुरु, कर्नाटक - 1.5 MMT धारिता
      • पादुर, कर्नाटक - 2.5 MMT धारिता
  • संभरण रणनीति: 
    • अप्रैल-मई 2020 में कच्चे तेल की कम कीमतों से प्राप्त हुए अवसर का लाभ उठाते हुए, भारत ने अपनी मौज़ूदा SPR सुविधाओं में सफलतापूर्वक पूर्ण धारिता का संभरण किया है।
      • इस सामरिक कदम के परिणामस्वरूप पर्याप्त बचत हुई, जिसका अनुमान लगभग 5000 करोड़ रूपए था।
  • विस्तार योजनाएं और वाणिज्यिक-सह-रणनीतिक केंद्र:
    • जुलाई 2021 में, भारत सरकार ने दो अतिरिक्त वाणिज्यिक-सह-रणनीतिक SPR केंद्रों की स्थापना को मंज़ूरी दी।
      • चंडीखोल, ओडिशा- 4 मिलियन मीट्रिक टन क्षमता
      • पादुर, कर्नाटक - 2.5 मिलियन मीट्रिक टन क्षमता (विस्तार)
      • कुल 6.5 मिलियन मीट्रिक टन भंडारण क्षमता वाले ये केंद्र सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मोड के तहत संचालित होंगे ।
  • स्थानांतरण और समयरेखा: 
    • 60 वर्ष की छूट रियायत की अवधि समाप्त होने पर, रियायतग्राही सिंगल मूरिंग पॉइंट्स (SPM) और ऑनशोर/ऑफशोर पाइपलाइनों जैसे बुनियादी अवसंरचना और SPR को भारत सरकार को वापस स्थानांतरित कर देगा।
  • रिज़र्व का इतिहास:
    • वर्ष 1990 में पश्चिम एशिया में खाड़ी युद्ध के दौरान, भारत एक बड़े  ऊर्जा संकट से जूझ रहा था, ऐसा माना जा रहा था कि इसके मौज़ूदा तेल भंडार केवल तीन दिनों के लिये पर्याप्त हैं।
      • हालाँकि भारत ने उस समय इस संकट को सफलतापूर्वक टाल दिया था, लेकिन ऊर्जा व्यवधान का खतरा आज भी एक वास्तविक और निरंतर चिंता बनी हुई है।
    • इस ऊर्जा असुरक्षा से निपटने के प्रयास में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्त्व वाले प्रशासन ने वर्ष 1998 में रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार स्थापित करने का विचार सामने रखा।
      • वर्तमान समय में, जैसे-जैसे भारत में ऊर्जा की खपत बढ़ती जा रही है, ऐसे भंडार विकसित करने की प्रासंगिकता भी बढ़ती जा रही है।
  • विश्व में सबसे बड़े वैश्विक रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार हैं:
    • संयुक्त राज्य अमेरिका- 714 मिलियन बैरल
    • चीन- 475 मिलियन बैरल
    • जापान- 324 मिलियन बैरल

स्रोत: पी.आई.बी.


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 8 अगस्त, 2023

इराक द्वारा ट्रेकोमा का उन्मूलन 

हाल ही में इराक ने एक उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग और विश्व में अंधेपन के प्रमुख संक्रामक कारण ट्रेकोमा (Trachoma ) का उन्मूलन करके वैश्विक स्वास्थ्य में महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इराक ट्रेकोमा को खत्म करने वाले 17 देशों में शामिल हो गया है।
  • WHO ने इराक को कम-से-कम एक उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग को खत्म करने वाले 50वें देश के रूप में मान्यता दी है।
  • उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद WHO के पूर्वी भूमध्य क्षेत्र के छह देशों में ट्रेकोमा स्थानिक बना हुआ है।
  • ट्रेकोमा क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस (Chlamydia trachomatis) के कारण जीवाणु संक्रमण के रूप में शुरू होता है और अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया जाए तो यह अंधेपन का कारण बन सकता है।
  • जल की कमी, स्वच्छता का अभाव और मक्खियों के संक्रमण वाले क्षेत्रों में इस रोग के संक्रमण की संभावना सबसे अधिक होती है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ट्रेकोमा के उन्मूलन के लिये सुरक्षित रणनीति (सर्जरी, एंटीबायोटिक्स, चेहरे की साफ-सफाई और पर्यावरण में सुधार) की सिफारिश करता है।

डाक जीवन बीमा ने प्रत्यक्ष प्रोत्साहन संवितरण कार्यक्रम की शुरुआत की 

  • डाक जीवन बीमा (PLI) ने दिल्ली और उत्तराखंड मंडल में पायलट कार्यक्रम "प्रत्यक्ष प्रोत्साहन संवितरण" शुरू किया है।
  • इस पहल का उद्देश्य अपने बिक्री दल/कर्मचारी की महत्त्वपूर्ण भूमिका को पहचानना है, इसके तहत एजेंटों/अभिकर्त्ताओं द्वारा अर्जित कमीशन उन्हें प्रत्यक्ष रूप से उनके डाकघर बचत बैंक (POSB) खातों के माध्यम से प्रदान किया जाता है, जिससे तीव्र और सुरक्षित लेन-देन सुनिश्चित होता है।
  • यह सुव्यवस्थित प्रक्रिया एजेंटों के लिये सुविधा बढ़ाती है, जो उन्हें इष्टतम प्रदर्शन और ग्राहक से संबंधों को मज़बूत करने के लिये प्रेरित करती है।
    • ग्रामीण डाक सेवकों और प्रत्यक्ष एजेंटों सहित बिक्री दल के लगभग दो लाख सदस्य सुरक्षित एवं तात्कालिक निवेश स्थानांतरण से लाभान्वित होते हैं।
  • PLI की शुरुआत वर्ष 1884 में की गई थी। यह डाक कर्मचारियों के लाभ के लिये एक कल्याणकारी योजना के रूप में शुरू हुई थी।

वैक्विटा पोरपॉइज़ के विलुप्त होने की चेतावनी

अंतर्राष्ट्रीय व्हेलिंग आयोग (IWC) ने वाक्विटा पोरपोइज़ के 'विलुप्त होने के संबंध में अपना प्रथम अलर्ट' जारी किया है, जिसके अनुसार यह 7 अगस्त, 2023 को विलुप्त हो जाएगा

  • कैलिफोर्निया की खाड़ी, मेक्सिको में वाक्विटा की संख्या में वर्ष 1997 से लगभग 570 से नाटकीय रूप से कम हुई है। वर्तमान में मात्र 10 ही जीवित है।
  • वैक्विटा पोरपोइज़,लुप्तप्राय प्रजाति है। वे अपनी विशिष्ट उपस्थिति के लिये जाने जाते हैं, उनकी आँखों के चारों ओर काले छल्ले और उनके होंठों पर काले धब्बे होते हैं।
  • वाक्विटा की आबादी के लिये सबसे गंभीर खतरों में से एक बायकैच है, जो तब होता है जब वाक्विटा गलती से टोटोबा मछली नामक एक अन्य प्रजाति को पकड़ने के लिये बनाए गए गिलनेट में फँस जाता है (इसके स्विम ब्लैडर चीनी व्यंजनों में बेशकीमती हैं जिसके तैरने वाले पंख चीनी व्यंजनों में प्रतिष्ठित है)।

और पढ़ें… वाक्विटा पोरपोइज़ 

नॉर्समैन एक्सट्रीम ट्रायथलॉन

नॉर्समैन एक्सट्रीम ट्रायथलॉन का 2023 संस्करण 5 अगस्त को नॉर्वे में संपन्न हुआ, जिसमें 35 देशों के 290 एथलीट्स ने दौड़ में हिस्सा लिया।

  • नॉर्समैन एक्सट्रीम ट्रायथलॉन दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण और प्रतिष्ठित कठिनतम प्रतियोगिताओं में से एक है। यह लंबी दूरी की ट्रायथलॉन है जिसमें 3.8 किमी. की तैराकी, 180 किमी. की बाइक की सवारी और 5,230 मीटर की कुल ऊंचाई के आरोहण चढ़ने के साथ 42.2 किमी की दौड़ भी शामिल है।
  • यह दौड़ हार्डेंजरफजॉर्ड के ठंडे पानी में एक नौका से छलांग लगाने के साथ शुरू होती है और नॉर्वे की सबसे ऊँची चोटियों में से एक माउंट गौस्टाटोपेन के शिखर पर अंतिम पर्वतारोहण के साथ समाप्त होती है।