प्रिलिम्स फैक्ट्स (07 Oct, 2025)



नव्या पहल

स्रोत: पी. आई. बी

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) 4.0 के तहत शुरू की गई युवा किशोरियों के लिये व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से आकांक्षाओं का पोषण (NAVYA) पहल का उद्देश्य उभरते नौकरी क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करके 16-18 वर्ष की किशोरियों को सशक्त बनाना है।

नव्या पहल क्या है?

  • परिचय: 24 जून, 2025 को शुरू की गई नव्या पहल कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD) के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है।
    • वर्तमान में यह पहल 9 राज्यों - महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड और हिमाचल प्रदेश के 9 ज़िलों में संचालित की जा रही है।
      • नीति आयोग ने इन जिलों को ‘आकांक्षी’ के रूप में चिन्हित किया है।
  • लक्ष्य: इस पहल के अंतर्गत 19 राज्यों के 27 आकांक्षी और पूर्वोत्तर ज़िलों की 3850 लड़कियों को शामिल किया जाएगा और वर्तमान में इसे 9 राज्यों के 9 ज़िलों में संचालित किया जा रहा है।
  • मुख्य उद्देश्य:
    • मांग-आधारित प्रशिक्षण: प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा और आधुनिक भूमिकाओं (जैसे, AI, डिजिटल मार्केटिंग) में पाठ्यक्रम उद्योग की ज़रूरतों के अनुरूप।
    • समग्र विकास: स्वास्थ्य, स्वच्छता, वित्तीय साक्षरता, जीवन कौशल और कानूनी जागरूकता (जैसे: POSH और POCSO) पर मॉड्यूल।
    • रोज़गारपरकता और उद्यमिता को बढ़ावा देना: इंटर्नशिप, प्रशिक्षुता, नौकरी की व्यवस्था और स्वरोजगार संसाधन।
    • लैंगिक-समावेशी कौशल: प्रोत्साहन राशि/स्टाइपेंड और लचीले कार्यक्रम के साथ महिला-अनुकूल प्रशिक्षण स्थान साइबर सुरक्षा जैसे गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में किशोरियों को प्रोत्साहित करते हैं।
    • शिक्षा और आजीविका को जोड़ना: शिक्षा को विशेष रूप से दूरस्थ और आकांक्षी ज़िलों में स्थायी आजीविका से जोड़ना।
  • महत्त्व:
    • लैंगिक अंतर को कम करना: गैर-पारंपरिक कौशल और उद्योगों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देता है, उभरते क्षेत्रों में लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है।
    • अल्पसेवित क्षेत्रों को लक्षित करना: दूरस्थ और कमज़ोर क्षेत्रों की किशोरियों को सशक्त बनाने तथा समान अवसर सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
    • लड़कियों की आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देना: आर्थिक विकास में किशोरियों की भागीदारी को बढ़ाता है, राष्ट्र निर्माण और सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देता है।

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)

  • 15 जुलाई, 2015 को शुरू की गई प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) युवाओं को कौशल प्रमाणन के लिये निःशुल्क, अल्पकालिक प्रशिक्षण और मौद्रिक पुरस्कार प्रदान करके कौशल विकास को बढ़ावा देती है।
  • PMKVY 2016-2020 ने उद्योग प्रासंगिकता और युवा रोज़गार क्षमता को बढ़ाने के लिये मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी राष्ट्रीय पहलों के साथ संरेखित करते हुए अपनी क्षेत्रीय एवं भौगोलिक पहुँच का विस्तार किया।

PMKVY 4.0

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. नव्या पहल क्या है?
 यह कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD) का एक संयुक्त प्रयास है, जिसका उद्देश्य 16-18 वर्ष की किशोरियों को कौशल प्रशिक्षण तथा समग्र विकास प्रदान करना है।

2. नव्या किन क्षेत्रों और कौशलों पर केंद्रित है?
नव्या उभरते और गैर-पारंपरिक क्षेत्रों जैसे AI-सक्षम सेवाओं, साइबर सुरक्षा, डिजिटल मार्केटिंग, ड्रोन असेंबली तथा CCTV स्थापना में प्रशिक्षण प्रदान करती है। 

3. नव्या किशोरियों को व्यावसायिक कौशल से परे कैसे सशक्त बनाती है?
यह समग्र विकास और सामाजिक-आर्थिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिये जीवन कौशल, स्वास्थ्य और पोषण, वित्तीय साक्षरता, कार्यस्थल सुरक्षा (POSH व POCSO जागरूकता) को एकीकृत करती है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)

प्रिलिम्स:

प्रश्न. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. यह श्रम और रोज़गार मंत्रालय की प्रमुख योजना है।
  2.  यह अन्य बातों के अलावा सॉफ्ट स्किल्स, उद्यमिता, वित्तीय और डिजिटल साक्षरता में प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा।
  3.   इसका उद्देश्य देश के अनियमित कार्यबल की दक्षताओं को राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढाँचे के अनुरूप बनाना है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)


न्यू स्टार्ट ट्रीटी

स्रोत: ET

चर्चा में क्यों?

रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति की उस टिप्पणी का स्वागत किया है, जिसमें न्यू स्टार्ट ट्रीटी के तहत परमाणु हथियारों की सीमाओं के पालन को एक अतिरिक्त वर्ष तक बढ़ाने के रूस के प्रस्ताव का समर्थन किया गया है।

  • यह घटनाक्रम रूस द्वारा वर्ष 2023 में संधि में अपनी भागीदारी को निलंबित करने के निर्णय की पृष्ठभूमि में सामने आया है, जो मॉस्को और वाशिंगटन के बीच अंतिम प्रमुख हथियार नियंत्रण ढाँचा बना हुआ है।

न्यू स्टार्ट ट्रीटी क्या है?

  • START (स्टार्ट): START का अर्थ है "Strategic Arms Reduction Treaty (रणनीतिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि)"। मूल START-I संधि वर्ष 1991 में अमेरिका और सोवियत संघ के बीच हस्ताक्षरित और वर्ष 1994 में लागू हुई थी।
    • इसे सामरिक आक्रामक न्यूनीकरण संधि (SORT) द्वारा प्रतिस्थापित किया गया, और बाद में नई START संधि (जिस पर 2010 में हस्ताक्षर किए गए, 2011 में लागू हुई, प्रारंभिक रूप से 2021 तक मान्य थी तथा बाद में 2026 तक बढ़ाई गई) ने इसका स्थान लिया।
    • यह युद्ध के परिणाम को प्रभावित करने, शक्ति केंद्रों, कमान सुविधाओं या महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे को लक्षित करने के लिये डिज़ाइन किये गए लंबी दूरी के हथियारों को सीमित करती है तथा सामरिक हथियारों में सत्यापन योग्य कमी सुनिश्चित करती है।
      • रूस और अमेरिका के पास विश्व के 87% परमाणु हथियार (क्रमशः 5,459 और 5,177) हैं, जो कई वैश्विक विनाशों हेतु पर्याप्त हैं। न्यू स्टार्ट का उद्देश्य हथियारों की होड़ को धीमा करना था और इसके निलंबन से खतरनाक अंतराल उत्पन्न हो गया है।
  • न्यू स्टार्ट के तहत हथियारों की सीमाएँ: संधि ने अमेरिका और रूस के लिये सत्यापन योग्य सीमाएँ निर्धारित कीं: 700 तैनात ICBM, SLBM और बमवर्षक, 1,550 परमाणु हथियार तथा 800 तैनात एवं गैर-तैनात लॉन्चर व बमवर्षक।
  • अनुपालन तंत्र: सत्यापन प्रक्रियाओं में अमेरिकी और रूसी निरीक्षण दलों द्वारा स्थल निरीक्षण, डेटा साझाकरण, सूचनाएँ तथा द्विपक्षीय परामर्श आयोग (BCC) शामिल हैं।
  • प्रमुख सीमाएँ:
    • हालाँकि न्यू स्टार्ट ट्रीटी तैनात सामरिक परमाणु हथियारों पर सत्यापन योग्य सीमाएँ लगाती है, लेकिन यह गैर-तैनात सामरिक या गैर-रणनीतिक (रणनीतिक) परमाणु हथियारों को शामिल नहीं करती। इस बहिष्कार के कारण दोनों देशों के शस्त्रागार का एक बड़ा हिस्सा शस्त्र नियंत्रण के दायरे से बाहर हो जाता है।
    • रूस अंतरिक्ष आधारित गोल्डन डोम इंटरसेप्टर जैसी अमेरिकी परियोजनाओं का हवाला देता है और उसकी नई मध्यम दूरी की मिसाइलों को रणनीतिक खतरे के रूप में देखता है, जबकि अमेरिका रूस की किंज़ल मिसाइलों तथा अवनगार्ड हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहनों को लेकर चिंतित है।

परमाणु हथियार प्रबंधन से संबंधित प्रमुख वैश्विक पहल

  • परमाणु अप्रसार संधि (NPT), 1968: इसका उद्देश्य परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकना, निरस्त्रीकरण को बढ़ावा देना और परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना है। यह पाँच परमाणु-हथियार संपन्न देशों (NWS) को मान्यता देती है: अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्राँस और चीन।
  • व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध संधि (CTBT), 1996: परीक्षण उद्देश्यों के लिये सभी परमाणु विस्फोटों पर प्रतिबंध लगाती है। (अभी तक लागू नहीं हुई है)।
  • परमाणु हथियारों के निषेध पर संधि (TPNW), 2017: अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत परमाणु हथियारों के उपयोग, स्वामित्व, परीक्षण और हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगाती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. न्यू स्टार्ट ट्रीटी क्या है?
न्यू स्टार्ट ट्रीटी अमेरिका और रूस के बीच एक रणनीतिक हथियार नियंत्रण समझौता है, जिस पर वर्ष 2010 में हस्ताक्षर किये गए थे और इसे वर्ष 2011 में लागू किया गया था, जिसके तहत तैनात ICBM, SLBM, बमवर्षक (Bombers) और परमाणु हथियारों को सीमित किया गया था, ताकि रणनीतिक हथियारों में सत्यापन योग्य कमी सुनिश्चित की जा सके।

2. न्यू स्टार्ट ट्रीटी के अंतर्गत प्रमुख सीमाएँ क्या हैं?
ट्रीटी के तहत 700 तैनात ICBM, SLBM और बमवर्षक, 1,550 परमाणु हथियार और 800 तैनात/गैर-तैनात लांचर तथा बमवर्षक की सीमा तय की गई है, जिनका सत्यापन निरीक्षण, डेटा साझाकरण एवं द्विपक्षीय परामर्श आयोग के माध्यम से किया जाएगा।

3. न्यू स्टार्ट ट्रीटी  को वैश्विक सुरक्षा के लिये महत्त्वपूर्ण क्यों माना गया?
यह महत्त्वपूर्ण था क्योंकि यह अंतिम प्रमुख ट्रीटी थी, जिसने वैश्विक परमाणु शस्त्रागार के 87% पर कब्जा करने वाले दोनों देशों के बीच सत्यापन योग्य कटौती और पारदर्शिता सुनिश्चित की, जिससे हथियारों की दौड़ धीमी हुई और गलत अनुमानों को रोका गया।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)

प्रश्न. "न्यू स्टार्ट संधि" (New START treaty) समाचारों में रही थी। यह संधि क्या है? (2011)

(a) यह संयुक्त राज्य अमेरिका तथा रूसी संघ के बीच नाभिकीय शस्त्रों की कटौती करने की द्विपक्षीय सामरिक महत्त्व की संधि है।

(b) यह पूर्वी एशिया शीर्ष सम्मेलन के सदस्यों के बीच बहुपक्षीय ऊर्जा सुरक्षा सहयोग संधि है।

(c) यह रूसी संघ तथा यूरोपीय संघ के बीच ऊर्जा सुरक्षा सहयोग संधि है।

(d) यह ब्रिक्स (BRICS) देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिये की गई बहुपक्षीय सहयोग संधि है।

उत्तर: (a)


ब्राउन ड्वार्फ वुल्फ 1130C पर फॉस्फीन

स्रोत: NYT

पहली बार, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने ब्राउन ड्वार्फ वुल्फ 1130C के वायुमंडल में फॉस्फीन नामक अणु का पता लगाया है, जो पृथ्वी पर जैविक प्रक्रियाओं से जुड़ा हुआ है।

  • वुल्फ 1130C: वुल्फ 1130C सिग्नस तारामंडल में एक भूरा बौना है।
    • ब्राउन ड्वार्फ वुल्फ (भूरा बौना) एक खगोलीय पिंड है जिसका द्रव्यमान ग्रह और तारे के बीच होता है। हालाँकि इसका निर्माण एक तारे की तरह होता है, लेकिन इसके केंद्र में हाइड्रोजन संलयन नहीं हो पाता, इसलिये इसे "विफल तारा" कहा जाता है।
    • पृथ्वी पर, फॉस्फीन जीवित जीवों द्वारा उत्पादित एक संभावित जैव संकेत है, लेकिन भूरे रंग के बौनों को रहने योग्य नहीं माना जाता है । 
      • फॉस्फीन का निर्माण भूरे बौने तारे के धातु-विहीन, ऑक्सीजन-विहीन वातावरण या उसके सफेद बौने साथी में परमाणु प्रतिक्रियाओं के कारण हो सकता है
      • 2020 में, वैज्ञानिकों ने शुक्र के वायुमंडल में फॉस्फीन का पता लगाया ।
  • वुल्फ 1130C के बारे में: वुल्फ 1130C एक ब्राउन ड्वार्फ (भूरा बौना तारा) है।
    ब्राउन ड्वार्फ एक ऐसा खगोलीय पिंड होता है जिसकी द्रव्यमान (mass) ग्रह और तारे के बीच होता है।  हालाँकि यह एक तारे की तरह बनता है, लेकिन इसके केंद्र में हाइड्रोजन संलयन नहीं हो पाता, इसलिए इसे "विफल तारा" कहा जाता है।
  • पृथ्वी पर, फॉस्फीन जीवित जीवों द्वारा उत्पादित एक संभावित जैव संकेत है, लेकिन ब्राउन ड्वार्फ रहने योग्य नहीं माने जाते।
    • फॉस्फीन का निर्माण भूरे बौने तारे के धातु-विहीन, ऑक्सीजन-विहीन वातावरण या उसके सफेद बौने में परमाणु प्रतिक्रियाओं के कारण हो सकता है।
    • वर्ष 2020 में, वैज्ञानिकों ने शुक्र के वायुमंडल में फॉस्फीन का पता लगाया।

फॉस्फीन:

  • फॉस्फीन (PH₃) एक अणु है जिसमें एक फॉस्फोरस परमाणु तीन हाइड्रोजन परमाणुओं से बंधा होता है, जो रंगहीन, ज्वलनशील तथा मनुष्यों के लिये अत्यधिक विषैला होता है।
  • उत्पादन:
    • जैविक: पृथ्वी और शुक्र जैसे ग्रहों पर, फॉस्फीन आमतौर पर जीवित जीवों द्वारा निर्मित होता है। लैंडफिल, दलदल और जानवरों की आंतों जैसे ऑक्सीजन की कमी वाले वातावरण में अवायवीय बैक्टीरिया फॉस्फेट को हाइड्रोजन के साथ मिलाकर फॉस्फीन का उत्पादन करते हैं।
    • अजैविक: इसे सफेद फास्फोरस को क्षार (जैसे सोडियम हाइड्रॉक्साइड) के साथ प्रतिक्रिया करके या धातु फॉस्फाइड के हाइड्रोलिसिस द्वारा संश्लेषित किया जा सकता है।
  • अनुप्रयोग: इसका उपयोग भण्डारित अनाज की सुरक्षा के लिये धूम्रनाशक के रूप में किया जाता है, जो माइक्रोचिप निर्माण में डोपेंट के रूप में कार्य करता है। 

और पढ़ें: शुक्र ग्रह पर फॉस्फीन: जीवन का संकेत


चक्रवात ‘शक्ति’

स्रोत: IE

अरब सागर में उत्पन्न चक्रवात ‘शक्ति’ (जिसका नामकरण श्रीलंका द्वारा किया गया है), 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली पवनों के साथ एक तीव्र चक्रवाती तूफान (SCS) में बदल गया है।

चक्रवात

  • परिचय: चक्रवात निम्न दाब वाले क्षेत्रों के चारों ओर तेज़ वायु परिसंचरण होते हैं, जो उत्तरी गोलार्द्ध में वामावर्त और दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिणावर्त घूमते हैं, जिससे अक्सर तूफान तथा गंभीर मौसम की स्थितियाँ उत्पन्न होती है।
  • अरब सागर में चक्रवात निर्माण: अरब सागर, विशेष रूप से इसके मध्य और दक्षिणी भाग, एक गर्म कुंड के रूप में कार्य करते हैं, जहाँ आदर्श समुद्री सतह का तापमान (SST) (कम से कम 27°C) चक्रवात निर्माण के लिए अनुकूल होता है।
    • इसके अलावा, मैडेन-जूलियन ऑसीलेशन (MJO) एक विशाल मौसमी प्रणाली है, जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पूर्व दिशा की ओर गतिशील रूप से बढ़ती है।
      • जब इसका सक्रिय चरण अरब सागर के ऊपर होता है, तो यह चक्रवात के निर्माण के लिये अनुकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न करता है, जिनमें अधिक आर्द्रता, निम्न पवन अपरूपण और तेज़ ऊर्ध्वगामी वायु प्रवाह शामिल हैं।
  • चक्रवातों का वर्गीकरण: IMD विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में निम्न दबाव वाली प्रणालियों को क्षति क्षमता के आधार पर वर्गीकृत करता है।

विक्षोभ के प्रकार 

वायु की गति (किमी/घंटा में) 

लो प्रेशर (निम्न दाब)  

31 से कम 

डिप्रेशन 

31-49 

डीप डिप्रेशन 

49-61 

साइक्लोन स्टॉर्म (चक्रवाती तूफान) 

61-88 

सीवियर साइक्लोन स्टॉर्म (गंभीर चक्रवाती तूफान) 

88-117 

सुपर साइक्लोन 

221 से अधिक 

  • चक्रवातों का नामकरण: WMO/ESCAP (संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग, एशिया और प्रशांत) के ट्रॉपिकल साइक्लोन पैनल, जिसमें उत्तरी हिन्द महासागर के 13 देश शामिल हैं, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों के नामकरण का प्रबंधन करता है।
    • पैनल के पास 13 देशों द्वारा प्रस्तुत नामों की एक पूर्व-निर्धारित सूची है जिसका उपयोग क्रमिक रूप से किया जाना है।
    • नामों का चयन क्रम में, स्तंभ दर स्तंभ, किया जाता है, चाहे चक्रवात कहीं भी उत्पन्न हो।

और पढ़ें…चक्रवात 


कफ सिरप में विषाक्त रसायन डायथिलीन ग्लाइकॉल

स्रोत: इकनॉमिक टाइम्स

भोपाल स्थित खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने पाया कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में 46.28% डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) था, जो 0.1% की अनुमेय सीमा से कहीं अधिक था। इस तथ्य के उजागर होने के पश्चात राज्य स्तर पर प्रतिबंध लगा दिये गए और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत देशव्यापी नियामक कार्रवाई शुरू कर दी गई।

  • डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) एक रंगहीन (बिना रंग का), मीठा स्वाद वाला एक औद्योगिक रसायन है, जिसका उपयोग ज़्यादातर ब्रेक फ्लुइड और एंटीफ्रीज बनाने में किया जाता है।
    • इसकी भौतिक बनावट सुरक्षित औषधीय यौगिकों से मिलती-जुलती होने के कारण, इसे दवा निर्माण में किफायती विलायक बनाकर दुरुपयोग किया जाता है।
    • DEG के सेवन से पेट दर्द, उल्टी, गुर्दे का फेल होना एवं तंत्रिका तंत्र को नुकसान हो सकता है तथा अधिक मात्रा में यह घातक सिद्ध हो सकता है।
  • औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940: यह लाइसेंस और परमिट के माध्यम से भारत में औषधियों एवं सौंदर्य प्रसाधनों के आयात, निर्माण, बिक्री एवं वितरण को नियंत्रित करता है।
    • इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बाज़ार में उपलब्ध औषधियाँ एवं सौंदर्य प्रसाधन सुरक्षित, प्रभावी हों और राष्ट्रीय मानकों को पूरा करें।
    • औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 इस अधिनियम का पूरक है, जो औषधियों को विभिन्न अनुसूचियों में वर्गीकृत करता है और उनके भंडारण, बिक्री, प्रस्तुति तथा नुस्खे के संबंध में दिशा-निर्देश निर्धारित करता है।

और पढ़ें: WHO ने भारत में उत्पादित अवमानक कफ सिरप हेतु अलर्ट जारी किया