DFC पर यात्री ट्रेनों का परिचालन | राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स | 29 Oct 2025
चर्चा में क्यों?
भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) नेटवर्क पर यात्री ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया है।
मुख्य बिंदु
- पारंपरिक रूप से, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFCs) विशेष रूप से माल परिवहन के लिये विकसित किये गए थे, जिनका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स की दक्षता बढ़ाना को बढ़ाना और मौजूदा रेलवे लाइनों पर भीड़ को कम करना था।
- हालाँकि, छठ पूजा (25-28 अक्तूबर 2025) के दौरान भारी भीड़ के कारण, रेलवे ने पहली बार खाली पैसेंजर कोचिंग रैक और विशेष ट्रेनों को DFC पर चलाने की अनुमति दी।
- इस कदम से त्योहार के समय अधिक संख्या में पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनें संचालित करना संभव हुआ।
DFC का स्वरूप:
- ईस्टर्न DFC (EDFC): ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर लुधियाना (पंजाब) से शुरू होकर उत्तर प्रदेश और बिहार होते हुए दनकुनी (पश्चिम बंगाल) तक लगभग 1,839 किमी की लंबाई में विस्तृत है। EDFC का अधिकांश वित्तपोषण विश्व बैंक द्वारा किया जा रहा है।
- वेस्टर्न DFC (WDFC): यह जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल (JNPT), मुंबई से दादरी तक लगभग 1,506 किमी लंबा है।। WDFC का वित्तपोषण जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) द्वारा किया जा रहा है।

8वें वेतन आयोग की संदर्भ शर्तें स्वीकृत | राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स | 29 Oct 2025
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) के लिये संदर्भ की शर्तों (ToR) को स्वीकृति दे दी है।
- यह आयोग केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन संरचना और सेवानिवृत्ति लाभों की समीक्षा और सिफारिश करने के लिये उत्तरदायी है।
मुख्य बिंदु
- 8वीं केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) के गठन की घोषणा जनवरी 2025 में की गई थी और इसके संदर्भ की शर्तों (ToR) को 28 अक्तूबर 2025 को मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था।
- आयोग अपने गठन के 18 महीने के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगा, जिससे लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी (रक्षा कार्मिकों सहित) एवं 69 लाख पेंशनभोगी प्रभावित होंगे।
- आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद संशोधित वेतन एवं पेंशन संरचना जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है।
- 8 वें केन्द्रीय वेतन आयोग की संरचना:
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पद
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नाम / पदनाम
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अध्यक्ष
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न्यायमूर्ति रंजन प्रकाश देसाई (पूर्व सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश)
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अंशकालिक सदस्य
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प्रो० पुलक घोष (भारतीय प्रबंधन संस्थान, बंगलूरू)
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सदस्य सचिव
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पंकज जैन (पेट्रोलियम सचिव)
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- संदर्भ की शर्तें (ToR):
- 8वें केंद्रीय वेतन आयोग को निम्नलिखित विषयों पर विचार करने के बाद सिफारिशें करने का कार्य सौंपा गया है:
- देश की आर्थिक स्थिति एवं राजकोषीय सतर्कता की आवश्यकता।
- विकासात्मक व्यय एवं कल्याणकारी उपायों के लिये संसाधनों की उपलब्धता।
- गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं की अवित्तपोषित लागत (विशेषकर 2004 से पूर्व की पेंशन देयताएँ)।
- राज्य के वित्त पर प्रभाव, क्योंकि राज्य सरकारें अक्सर अपने वेतनमान को केंद्र के अनुरूप करती हैं।
- केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (CPSU) एवं निजी क्षेत्र में कर्मचारियों की वर्तमान पारिश्रमिक संरचना, लाभ एवं कार्य स्थितियाँ।
- पृष्ठभूमि:
- वेतन आयोग का गठन आमतौर पर प्रत्येक 10 वर्ष में एक बार किया जाता है ताकि सरकारी कर्मचारियों के भत्ते, वेतन संरचना एवं पेंशन में बदलाव की समीक्षा एवं सिफारिश की जा सके।
- 7वें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन वर्ष 2014 में किया गया था और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गईं।