पेसा अधिनियम | मध्य प्रदेश | 24 Jul 2025
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश 88 जनजातीय ब्लॉकों में पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 (PESA) को प्रभावी ढंग से लागू करने वाला राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी राज्य बनकर उभरा है, जिससे जनजातीय समुदायों को पारंपरिक चौपालों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर विवादों को सुलझाने में सशक्त किया गया है।
- इस सशक्तीकरण पहल ने छोटे-मोटे विवादों के लिये पुलिस थानों पर निर्भरता को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है, जो राज्य की जनजातीय समुदाय के लिये एक वरदान साबित हुआ है।
मुख्य बिंदु
- सांसदों के प्रयासों को राष्ट्रीय मान्यता:
- पंचायती राज मंत्रालय द्वारा प्रकाशित एक विशेष पुस्तिका में राज्य की सफलता की कहानियाँ उजागर की गई हैं, जिनमें मध्य प्रदेश की उपलब्धियाँ भी शामिल हैं तथा राष्ट्रीय मानक स्थापित करने में राज्य की भूमिका को मान्यता दी गई है।
- अधिनियम के अंतर्गत विवाद समाधान एवं वित्तीय सशक्तिकरण:
- पारिवारिक एवं भूमि संबंधी मामलों सहित 8,000 से अधिक विवादों का समाधान चौपाल नामक सामुदायिक बैठकों के माध्यम से किया गया है।
- यह अधिनियम न्याय के लिये सहयोगात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करता है और जनजातीय परंपराओं को बनाए रखते हुए समुदाय की समष्टिगत भलाई सुनिश्चित करता है।
- राज्य के प्रयासों में वित्तीय सशक्तीकरण भी शामिल है, जिसके अंतर्गत जनजातीय समुदायों के लिये सुचारू वित्तीय लेन-देन सुनिश्चित करने हेतु 11,000 से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं।
- अधिनियम के तहत स्थापित समितियाँ:
- PESA अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी के लिये कई समितियाँ कार्यरत हैं, जैसे:
- शांति और विवाद निवारण समिति
- वन संसाधन योजना और नियंत्रण समिति
- सहयोग मातृ समिति (माता सहयोग समिति)
- ये समितियाँ राज्य में अधिनियम और इसके लक्ष्यों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
पेसा अधिनियम, 1996
- पेसा अधिनियम को 24 दिसंबर, 1996 को उन जनजातीय क्षेत्रों, जिन्हें अनुसूचित क्षेत्र कहा जाता है, में रहने वाले लोगों के लिये पारंपरिक ग्रामसभाओं के माध्यम से स्वशासन सुनिश्चित करने हेतु अधिनियमित किया गया था।
- इस अधिनियम ने पाँचवीं अनुसूची वाले राज्यों के जनजातीय क्षेत्रों में स्व-जनजातीय शासन प्रदान करते हुए पंचायतों के प्रावधानों का विस्तार किया।
- विधान:
- अधिनियम में अनुसूचित क्षेत्रों को अनुच्छेद 244(1) में उल्लिखित रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें कहा गया है कि पाँचवीं अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम को छोड़कर अन्य राज्यों में अनुसूचित क्षेत्रों तथा अनुसूचित जनजातियों पर लागू होती है।
- भारत के अनुसूचित क्षेत्र, वे क्षेत्र हैं जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचित किया गया है, जहाँ मुख्यतः जनजातीय समुदाय निवास करते हैं।
- 10 राज्यों ने पाँचवीं अनुसूची के अंतर्गत क्षेत्रों को अधिसूचित किया है, जो इन राज्यों के कई ज़िलों को (आंशिक या पूर्ण रूप से) कवर करते हैं।
- इनमें शामिल हैं:
- आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तेलंगाना।
- महत्त्वपूर्ण प्रावधान:
प्रावधान
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विवरण
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ग्रामसभा
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सामुदायिक भागीदारी के मंच के रूप में कार्य करना तथा विकास योजनाओं की देखरेख करना।
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ग्राम स्तरीय संस्थाएँ
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स्थानीय सेवाओं के लिये ग्राम पंचायत, ग्रामसभा और पंचायत समिति की स्थापना करना।
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शक्तियाँ और कार्य
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संसाधनों का प्रबंधन करने और आर्थिक गतिविधियों को विनियमित करने के लिये महत्त्वपूर्ण शक्तियाँ प्रदान करना।
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परामर्श
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अनुसूचित क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं से पहले ग्रामसभा से परामर्श करना अनिवार्य है।
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फंड
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ग्राम पंचायत को धनराशि हस्तांतरण सुनिश्चित करना, ताकि प्रभावी कार्यप्रणाली बनी रहे।
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भूमि अधिकार
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जनजातीय भूमि अधिकारों की रक्षा; भूमि अधिग्रहण/हस्तांतरण के लिये सहमति आवश्यक।
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सांस्कृतिक और सामाजिक प्रथाएँ
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जनजातीय रीति-रिवाजों की रक्षा करता है और सांस्कृतिक प्रथाओं में हस्तक्षेप को रोकता है।
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चंद्रशेखर आज़ाद जयंती | मध्य प्रदेश | 24 Jul 2025
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री ने चंद्रशेखर आज़ाद को उनकी जयंती (23 जुलाई, 2025) पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्य बिंदु
चंद्रशेखर आज़ाद के बारे में:

- जन्म:
- चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को भाबरा (अब मध्य प्रदेश में) में हुआ था।
- स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका:
- वे जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919) से अत्यंत प्रभावित हुए और छोटी उम्र में ही स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए।
- एक छात्र के रूप में वे असहयोग आंदोलन (1921) में शामिल हुए और वर्ष 1922 में गांधीजी द्वारा असहयोग आंदोलन को निलंबित करने के बाद हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) के प्रमुख सदस्य बन गए।
- HRA को बाद में हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी (HSRA) के रूप में पुनर्गठित किया गया।
- इसकी स्थापना वर्ष 1928 में नई दिल्ली के फिरोज़शाह कोटला में चंद्रशेखर आज़ाद, अशफाकुल्ला खान, भगत सिंह, सुखदेव थापर और जोगेश चंद्र चटर्जी द्वारा की गई थी।
- क्रांतिकारी गतिविधियाँ:
- विरासत:
- अल्फ्रेड पार्क, इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में 27 फरवरी, 1931 को पुलिस द्वारा गिरफ्तार होने से बचने के लिये उन्होंने स्वयं को गोली मारकर बलिदान दे दिया।