कैनाल बैंक सौर ऊर्जा परियोजना | बिहार | 07 Jun 2025
चर्चा में क्यों?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना ज़िले में बिक्रम लॉक कैनाल बैंक सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु
- परियोजना के बारे में:
- सौर ऊर्जा परियोजना पटना के बिक्रम में मुख्य नहर के 2 किमी. क्षेत्र में स्थित है।
- इसकी स्थापित क्षमता 2 मेगावाट है और यह जल संसाधन विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई 5.7 एकड़ भूमि पर बनी है।
- यह परियोजना RESCO (नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी) मॉडल के तहत विकसित की गई है, जहाँ एक निजी फर्म (तीसरा पक्ष) प्रणाली को स्थापित, संचालित और रखरखाव करती है।
जल-जीवन-हरियाली मिशन (JJHM)
- परिचय
- JJHM एक स्वायत्त निकाय है जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत है और बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अधीन कार्य करता है।
- वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया, यह जलवायु स्थिरता और संसाधन संरक्षण के लिये एक बहु-हितधारक पहल के रूप में राज्य सरकार के नियंत्रण में कार्य करता है।
- ग्रामीण विकास विभाग इस मिशन के कार्यान्वयन हेतु विभिन्न सरकारी विभागों के समन्वय के साथ नोडल विभाग की भूमिका निभाता है।
- इसका आदर्श वाक्य है: "जल, जीवन और हरियाली – तभी होगी समृद्धि"।
- उद्देश्य और लक्षित क्षेत्र:
- यह मिशन जलवायु स्थिरता, जल संरक्षण, प्रदूषण-मुक्त पारिस्थितिकी तंत्र और जलवायु-लचीली कृषि को प्रोत्साहित करता है।
- यह नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग, ऊर्जा संरक्षण और सार्वजनिक जलवायु जागरूकता को भी बढ़ावा देता है।
- JJHM, नागरिकों को स्थायी पारिस्थितिक प्रभाव के लिये लक्षित, समयबद्ध कार्यों के माध्यम से हरित भविष्य का निर्माण करने के लिये सशक्त बनाता है।
- प्रमुख घटक (11 सूत्री एजेंडा):
- सार्वजनिक जल संरचनाओं की मरम्मत
- तालाबों/झीलों/कुओं/बावड़ियों का सर्वेक्षण और जीर्णोद्धार
- सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार
- नहरों/धाराओं के पास कुएँ/चेक डैम बनाना
- छोटी नदियों/पहाड़ी क्षेत्रों में चेक डैम बनाना
- अधिशेष जल को कमी वाले क्षेत्रों में स्थानांतरित करना
- वर्षा जल संचयन संरचनाएँ बनाना
- पशुओं के पीने के पानी में सुधार करना
- वैकल्पिक फसलों और आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देना
- सौर ऊर्जा और संरक्षण को प्रोत्साहित करना
- जल जीवन हरियाली जागरूकता अभियान
संपूर्ण क्रांति की 50 वीं वर्षगाँठ | बिहार | 07 Jun 2025
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार के पटना में जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति के आह्वान की 50 वीं वर्षगाँठ मनाई गई।
मुख्य बिंदु
- संपूर्ण क्रांति के बारे में:
- प्रारंभ: 5 जून 1974 को जयप्रकाश नारायण ने गांधी मैदान, पटना में संपूर्ण क्रांति का आह्वान किया।
- उद्देश्य: वर्ष 1974 के इस आंदोलन का उद्देश्य भूख, भ्रष्टाचार, अन्याय, आर्थिक कठिनाई और राजनीतिक उत्पीड़न को दूर करने के लिये सामाजिक सुधार की माँग करना था।
- प्रभाव: 1970 के दशक में इस आंदोलन ने सत्ताधारी व्यवस्था को चुनौती देने हेतु विभिन्न विपक्षी समूहों को एक मंच पर लाने का कार्य किया।
- गैर-चुनावी दृष्टिकोण और जन आंदोलनों ने भविष्य की राजनीतिक रणनीतियों और कार्यों को आकार दिया।
- संपूर्ण क्रांति ने एक व्यापक राजनीतिक परिवर्तन को प्रेरित किया, जो दिल्ली तक फैल गया और राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित किया।
- इस आंदोलन से उत्पन्न हुई अशांति ने वर्ष 1975 में आपातकाल की घोषणा में योगदान दिया।
जयप्रकाश नारायण
- लोकनायक के रूप में प्रसिद्ध, जयप्रकाश नारायण एक क्रांतिकारी, राजनीतिक चिंतक तथा जननेता थे।
- उनका जन्म 11 अक्तूबर 1902 को सिताबदियारा, बिहार में हुआ था। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के साथ-साथ स्वतंत्रता के बाद लोकतांत्रिक पुनरुत्थान के प्रमुख नेता रहे।
- प्रारंभ में मार्क्सवाद से प्रभावित होने के बाद, उन्होंने गांधीवादी सर्वोदय विचारधारा को अपनाया, जिसमें अहिंसा, ग्राम स्वराज (गाँव आधारित आत्मनिर्भरता) तथा सामाजिक सुधारों पर विशेष ज़ोर था।
- उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाई तथा बाद में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी जैसे समाजवादी संगठनों के गठन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- मार्च 1943 में जयप्रकाश नारायण ने राममनोहर लोहिया, फूलैना प्रसाद वर्मा, सुराज नारायण सिंह और योगेन्द्र शुक्ल जैसे नेताओं के साथ मिलकर नेपाल के तराई क्षेत्र के राजविलास वन में 'आज़ाद दस्ता' का गठन किया।
- आज़ाद दस्ता एक क्रांतिकारी गुरिल्ला संगठन था, जिसका उद्देश्य था—
- ब्रिटिश प्रशासनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप कर उनकी सत्ता को कमज़ोर करना,
- तार और रेलवे जैसी संचार प्रणालियों को नष्ट कर ब्रिटिश ढाँचे को बाधित करना,
- ब्रिटिश विरोधी प्रचार प्रसार कर लोगों में औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध जनप्रतिरोध को प्रेरित करना।
- वर्ष 1977 में उन्होंने जनता पार्टी के गठन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और नागरिक स्वतंत्रता तथा नैतिक राजनीति के प्रबल पक्षधर रहे। उन्होंने भारत के लोकतांत्रिक आंदोलनों पर एक दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ा।