राजस्थान में सहकारी समितियों में वृद्धि | राजस्थान | 07 Oct 2025
चर्चा में क्यों?
सहकार सदस्यता अभियान के अवसर पर, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सहकारी समितियों की संख्या में 10% वृद्धि करने की घोषणा की, जिससे ग्रामीण समृद्धि और समावेशी विकास में सहकारिता की भूमिका को सशक्त बनाने का प्रयास किया गया।
मुख्य बिंदु
- सहकार सदस्यता अभियान:
- 2 से 15 अक्तूबर 2025 के बीच आयोजित इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं और युवाओं की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए राज्य में सहकारी आंदोलन का विस्तार करना है।
- PACS विस्तार:
- ऐसी 2,158 ग्राम पंचायतों में नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS) स्थापित की जाएंगी, जहाँ वर्तमान में एक भी PACS नहीं है। जिन सहकारी समितियों के पास गोदाम के लिये जगह नहीं है, उन्हें भूमि आवंटित की जाएगी।
- किसान सशक्तीकरण:
- 77 लाख से अधिक किसानों को 42,765 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त फसल ऋण प्रदान किये गए।
- 2.48 लाख नए किसान 433 करोड़ रुपये के नवीन ऋण से लाभान्वित हुए, जबकि 30,000 लाभार्थियों ने 260 करोड़ रुपये के आजीविका ऋण का लाभ उठाया।
- सहायता योजनाएँ:
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 76 लाख किसानों को 7,054 करोड़ रुपये प्रदान किये गए।
- राज्य सरकार मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रति किसान को प्रतिवर्ष 3,000 रुपये प्रदान करती है।
- पशुपालन एवं डेयरी:
- गोपाल क्रेडिट कार्ड लोन योजना के तहत डेयरी गतिविधियों के लिये 1 लाख रुपये तक का ब्याज-मुक्त ऋण उपलब्ध है।
- पशु स्वास्थ्य सेवाओं के लिये मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयाँ विकसित की जा रही हैं।
प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS)
- PACS के बारे में:
- PACS ग्राम-स्तरीय सहकारी ऋण संस्थाएँ हैं, जो राज्य सहकारी बैंकों (SCB) और ज़िला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCB) के अंतर्गत भारत की त्रि-स्तरीय सहकारी ऋण संरचना का आधार बनाती हैं।
- ये किसानों को प्रत्यक्ष रूप से अल्पकालिक और मध्यम अवधि के कृषि ऋण प्रदान करती हैं। पहली PACS वर्ष 1904 में स्थापित हुई थी।
- PACS बैंक नहीं हैं, क्योंकि ये सहकारी समितियाँ अधिनियम, 1912 के तहत समितियों के रूप में पंजीकृत हैं।
- स्थिति:
- RBI (दिसंबर 2022) के अनुसार, भारत में लगभग 1.02 लाख PACS हैं, हालांकि मार्च 2021 तक केवल 47,297 ही लाभकारी थीं।


राजस्थान में गौशाला सब्सिडी में वृद्धि | राजस्थान | 07 Oct 2025
चर्चा में क्यों?
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने गौ संरक्षण और पारंपरिक कृषि के लिये उपायों की घोषणा की, जिसमें गौशालाओं के लिये सब्सिडी में वृद्धि तथा बैलों का उपयोग करने वाले किसानों के लिये वित्तीय प्रोत्साहन शामिल हैं, जो सतत् कृषि के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
मुख्य बिंदु
- गौशाला सब्सिडी में वृद्धि:
- पंजीकृत गौशालाओं के लिये दैनिक सहायता राशि बढ़ाकर 50 रुपये प्रति गाय और 25 रुपये प्रति बछड़ा कर दी गई है, जिससे पशुधन कल्याण प्रयासों को सशक्त बनाया गया है।
- किसान प्रोत्साहन:
- राजस्थान बजट 2025-26 में पारंपरिक बैल-आधारित कृषि करने वाले छोटे और सीमांत किसानों के लिये वार्षिक 30,000 रुपये का प्रावधान किया गया है।
- धार्मिक पर्यटन विकास:
- राज्य ने खाटूश्यामजी मंदिर और पुंछरी का लोठा जैसे स्थलों के लिये बजटीय आवंटन किया है, जो प्रधानमंत्री मोदी के सांस्कृतिक विरासत पुनर्जीवन दृष्टिकोण के अनुरूप है।
- आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये इस परियोजना के अंतर्गत भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़े स्थलों का विकास किया जा रहा है।
नोट:
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में, कृषि और संबद्ध क्षेत्र का राजस्थान के सकल राज्य मूल्य संवर्द्धन (GSVA) में योगदान 26.72% रहा, जो 2011-12 में 28.56% था।
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में, कृषि और संबद्ध क्षेत्र में फसलों का हिस्सा 44.53%, पशुधन का 48.58%, वानिकी तथा लॉगिंग का योगदान 6.40% एवं मत्स्य पालन का योगदान लगभग 0.49% रहा।
