उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना SAP में वृद्धि | 30 Oct 2025

चर्चा में क्यों?

गन्ना किसानों को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से, उत्तर प्रदेश सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिये गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य (SAP) में प्रति क्विंटल 30 रुपए की वृद्धि की घोषणा की है।

मुख्य बिंदु

  • सामान्य गन्ने के लिये SAP को 360 रुपए से बढ़ाकर 390 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि जल्दी पकने वाली किस्मों के लिये SAP अब 400 रुपए प्रति क्विंटल है, जो वर्ष 2017 के बाद से 30 रुपए की उच्चतम वृद्धि है।
  • प्रभाव: गन्ने की कीमतों में वृद्धि से उत्तर प्रदेश के लगभग 46 लाख किसानों को 3,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होने की संभवना है।
  • इससे राज्य के गन्ना कृषक समुदाय को सहायता मिलेगी, जहाँ गन्ने की खेती का क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर हो गया है।
  • अन्य उपाय: राज्य सरकार ने बंद मिलों को पुनर्जीवित किया है , नई मिलें स्थापित की हैं तथा मौजूदा मिलों की पेराई क्षमता का विस्तार किया है, जिससे चीनी उत्पादन और इथेनॉल उत्पादन में वृद्धि हुई है।
  • दो चीनी मिलों में संपीड़ित बायोगैस (CBG) संयंत्र भी स्थापित किये गए हैं, जिससे इस क्षेत्र में वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।
  • स्मार्ट गन्ना किसान प्रणाली के तहत रकबा पंजीकरण, कैलेंडरिंग और पर्ची जारी करने जैसी प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण किया गया है, जिससे बिचौलियों को हटाकर किसानों को सीधे लाभ मिल रहा है।

गन्ना (Sugarcane):

  • भौगोलिक स्थितियाँ:
    • तापमान: 21-27°C के बीच, उष्ण और आर्द्र जलवायु।
    • वर्षा: लगभग 75-100 सेमी.
    • मृदा का प्रकार: गहरी, समृद्ध दोमट मिट्टी।
  • शीर्ष उत्पादक राज्य: 
    • उत्तर प्रदेश गन्ने का शीर्ष उत्पादक राज्य है लेकिन 122 सक्रिय चीनी मिलों के साथ यह भारत में महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है।
  • उचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP): 
    • यह चीनी मिलों द्वारा किसानों को दिया जाने वाले न्यूनतम मूल्य है।
    • इसका निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा, राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के परामर्श से,  कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर किया जाता है।
    • राज्य परामर्शित मूल्य (SAP): 
    • जबकि SAP केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है, राज्य सरकारें अपना स्वयं का SAP निर्धारित कर सकती हैं, जिसे चीनी मिलों द्वारा किसानों को भुगतान करना होगा यदि यह FRP से अधिक है।