नमस्ते दिवस | 17 Jul 2025

चर्चा में क्यों?

‘नेशनल एक्शन फॉर मेकनाइज़्ड सैनीटेशन इकोसिस्टम (NAMASTE) दिवस(16 जुलाई) के अवसर पर, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने लखनऊ में कचरा बीनने वालों के लिये हेल्पलाइन (14473) का उद्घाटन किया, साथ ही सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों (SSWs) तथा कचरा बीनने वालों को PPE किट एवं आयुष्मान कार्ड वितरित किये।

मुख्य बिंदु 

नमस्ते योजना के बारे में: 

  • नमस्ते योजना सरकार द्वारा एक मानव-केंद्रित पहल है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी सफाई कर्मचारी को सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई जैसे खतरनाक मैनुअल काम में शामिल न होना पड़े।
    • इस योजना का उद्देश्य सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों (SSWs) की कार्य स्थितियों में सुधार लाना तथा विभिन्न सहायता उपायों के माध्यम से उनके कल्याण को बढ़ावा देना है।
  • कार्यान्वयन और अवधि: 
  • सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों (SSWs) के लिये प्रमुख अधिकार: 
    • यह योजना SSWs के लिये उनकी सुरक्षा, कल्याण और स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न अधिकार प्रदान करती है:
      • डिजिटल प्रोफाइलिंग के माध्यम से कर्मियों की पहचान की जा रही है।
      • कार्य के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) किट का प्रावधान।
      • आवश्यक सुरक्षा उपकरणों और संसाधनों तक पहुँच सुनिश्चित करना।
      • श्रमिकों की सुरक्षा और कौशल बढ़ाने के लिये प्रशिक्षण प्रदान करना।
      • SSWs के लिये व्यापक स्वास्थ्य बीमा सुनिश्चित करना
    • इस योजना का उद्देश्य सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों (SSW) के लिये आजीविका के अवसर भी सृजित करना है:
      • जिसके तहत स्वच्छता से संबंधित वाहन और मशीनें रियायती दरों पर उपलब्ध कराई जा रही हैं तथा SSWs को क्षमता निर्माण पहलों द्वारा अपने स्वयं के स्वच्छता व्यवसाय शुरू करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है।

मैनुअल स्कैवेंजिंग:

  • मैनुअल स्कैवेंजिंग (Manual Scavenging) या हाथ से मैला ढोने को "सार्वजनिक सड़कों और सूखे शौचालयों से मानव मल को हटाने, सेप्टिक टैंक, नालियों एवं सीवर की सफाई" के रूप में परिभाषित किया गया है।
  • भारत ने PEMSR अधिनियम, 2013 के तहत इस प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो मैनुअल स्कैवेंजिंग को एक "अमानवीय प्रथा" मानता है और इसका उद्देश्य मैनुअल स्कैवेंजरों द्वारा सहन किये गए ऐतिहासिक अन्यायों को दूर करना है।
  • सरकारी पहल और योजनाएँ: