मध्य प्रदेश द्वारा टीबी मुक्त भारत प्रयासों को प्रोत्साहन | 19 Dec 2025
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मध्य प्रदेश के सांसदों के साथ टीबी मुक्त भारत अभियान को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से एक विशेष बैठक आयोजित की, जिसमें स्थानीय स्तर पर टीबी उन्मूलन प्रयासों को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाने में सांसदों की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया गया।
मुख्य बिंदु
- उद्देश्य: निर्वाचित प्रतिनिधियों और स्थानीय हितधारकों को सक्रिय रूप से शामिल करके सामुदायिक कार्रवाई को संगठित करना, जागरूकता बढ़ाना और भारत के टीबी उन्मूलन मिशन को गति प्रदान करना।
- टीबी का परिचय: तपेदिक (टीबी) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु से होने वाला संक्रामक रोग है। भारत का लक्ष्य टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत वर्ष 2025 तक टीबी का पूर्ण उन्मूलन करना है।
- राष्ट्रीय प्रगति: भारत ने टीबी नियंत्रण में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है, जिसमें वर्ष 2015 और 2024 के बीच टीबी मामलों में 21% की कमी और 90% उपचार सफलता दर शामिल है, जो वैश्विक औसत से अधिक है।
- सहायता उपकरण: टीबी रोगियों के लिये निक्षय पोषण योजना के तहत उन्नत निदान तकनीकें (जैसे AI-सक्षम चेस्ट एक्स-रे) और पोषण संबंधी सहायता पर विशेष ध्यान दिया गया है।
- सांसदों की प्रतिबद्धताएँ: सांसदों ने निक्षय शिविरों को बढ़ावा देने, निक्षय मित्रों और स्वयंसेवकों को शामिल करने तथा ज़िला स्तर पर टीबी सेवाओं को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया।
- जन आंदोलन: देश में 2 लाख से अधिक माय भारत स्वयंसेवक, 6.7 लाख निक्षय मित्र और 30,000 से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधि मिशन-मोड में टीबी मुक्त भारत अभियान का समर्थन कर रहे हैं।