मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा प्रमुख परियोजनाओं को मंज़ूरी | 20 Aug 2025

चर्चा में क्यों?

मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने भोपाल ज़िले की बैरसिया तहसील के बांदीखेड़ी गाँव में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्लस्टर की स्थापना सहित विभिन्न प्रमुख परियोजनाओं को मंज़ूरी दी।

मुख्य बिंदु

प्रमुख परियोजनाओं के बारे में: 

  • इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्लस्टर (EMC):
    • परिचय: भारत सरकार की EMC 2.0 परियोजना के तहत भोपाल ज़िले के बैरसिया तहसील के बांदीखेड़ी गाँव में एक नया इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्लस्टर स्थापित किया जाएगा।

    • EMC 2.0 योजना का लक्ष्य एक मज़बूत इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम विकसित करना, अवसंरचना प्रदान करना तथा परियोजनाओं और साझा सुविधाओं के लिये वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है।

    • उद्देश्य: यह क्लस्टर इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिज़ाइन और मैन्युफैक्चरिंग (ESDM) क्षेत्र को प्रोत्साहित करेगा, जिसमें विश्व-स्तरीय अवसंरचना और कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC) शामिल होंगे।
    • प्रभाव: यह पहल डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं का समर्थन करती है, जिसका उद्देश्य निवेश बढ़ाना, रोज़गार सृजन करना, राजस्व में वृद्धि करना, उद्यमशीलता एवं नवाचार को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।
  • नए आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और वेलनेस सेंटर:
    • स्थिति: ये नर्मदापुरम, मुरैना, बालाघाट, शाहडोल और सागर सहित विभिन्न स्थानों पर स्थापित किये जाएंगे। 
      • प्रत्येक महाविद्यालय में 100-बेड अस्पताल, छात्रावास, आवासीय क्वार्टर और फार्मेसी भवन होंगे।
    • वित्तपोषण: राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत 350 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है (प्रत्येक महाविद्यालय के लिये 70 करोड़ रुपए, जिसमें केंद्र और राज्य के बीच 60:40 की वित्तीय साझेदारी होगी)।
    • उद्देश्य: राज्य के विभिन्न मंडलों में आयुर्वेद आधारित स्वास्थ्य देखभाल और वेलनेस उद्योग को सशक्त बनाना। 
  • एंडोक्राइनोलॉजी विभाग:
    • मधुमेह और गैर-संक्रामक रोगों के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, सरकार ने गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC), भोपाल में पहला समर्पित एंडोक्राइनोलॉजी विभाग स्थापित करने की स्वीकृति दी है। 
  • 'गीता भवन' योजना:
    • उद्देश्य: शहरी स्थानीय निकायों में सुसज्जित अध्ययन केंद्र स्थापित कर पठन, सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना।
    • लक्ष्य एवं वित्तपोषण: वर्ष 2030 तक प्रत्येक ज़िले में एक 'गीता भवन' स्थापित करने का लक्ष्य, जिसमें निर्माण, विस्तार और रख-रखाव के लिये राज्य सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
  • जनजातीय छात्रावासों के लिये छात्रवृत्ति में वृद्धि:
    • जनजातीय छात्रावासों में मेस सुविधाओं के लिये छात्रवृत्ति की अवधि 10 महीने से बढ़ाकर 12 महीने कर दी गई है, जिसमें उपस्थिति के आधार पर लड़कों के लिये 1,650 रुपए प्रति माह और लड़कियों के लिये 1,700 रुपए प्रति माह की राशि दी जाएगी।