त्रिशूल व्यायाम | 27 Oct 2025

चर्चा में क्यों?

भारत ने पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा पर बड़े स्तर पर तीनों सेनाओं का संयुक्त अभ्यास 'त्रिशूल' प्रारंभ किया है। 

  • यह अभ्यास सर क्रीक क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच किसी भी उकसावे या विरोध का सामना करने तथा रक्षा तैयारियों को सुदृढ़ करने में भारत की तत्परता को रेखांकित करता है।

 मुख्य बिंदु

  • अभ्यास के बारे में:  
    • यह अभ्यास 30 अक्तूबर से 10 नवंबर 2025 तक निर्धारित है, जिसमें सेना, नौसेना और वायु सेना की बड़े पैमाने पर भागीदारी शामिल है। 
      • इसका उद्देश्य परिचालन तत्परता, संयुक्त समन्वय और बहु-क्षेत्र युद्ध कौशल को बढ़ाना है।
    • इस अभ्यास का कोड नाम "त्रिशूल" है, जबकि आंतरिक रूप से इसे "महागुर्जर" कहा जाता है। 
    • यह अभ्यास जैसलमेर (राजस्थान) से सर क्रीक (गुजरात) तक फैले थार रेगिस्तान को कवर करेगा।
  • उद्देश्य: 
    • मुख्य लक्ष्य सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच संयुक्त संचालन का परीक्षण और सुधार करना है, जिसमें भूमि, समुद्र, वायु और साइबर क्षेत्र शामिल हैं।
    • अभ्यास में एकीकृत संचालन, डीप-स्ट्राइक मिशन, अम्फीबियस युद्ध और बहु-क्षेत्र युद्ध तैयारियों पर विशेष जोर दिया जाएगा।
    • यह अभ्यास विभिन्न कमांडों के बीच समन्वय बढ़ाने और नवीनतम स्वदेशी हथियार प्रणालियों को वास्तविक युद्ध परिस्थितियों में परखने का भी लक्ष्य रखता है।
  • भागीदारी:
    • सेना ने 20,000 से अधिक सैनिक तैनात किये हैं, जिन्हें T-90S और अर्जुन टैंक, हॉवित्ज़र, सशस्त्र हेलीकॉप्टर और मिसाइल प्रणाली का समर्थन प्राप्त है।
    • वायुसेना (IAF) उच्च-गति वाले “महागुर्जर” संचालन कर रही है, जिसमें राफेल और सुखोई-30MKI फाइटर जेट, परिवहन और ईंधन भरण विमान (IL-78), AEW&C प्रणाली तथा UAVs तैनात हैं।
    • नौसेना ने सौराष्ट्र और गुजरात तटों पर फ्रिगेट और विध्वंसक पोत तैनात किये हैं, ताकि अम्फीबियस और समुद्री युद्ध अभ्यास किया जा सके।
  • एयरमैन को नोटिस (NOTAM)
    • भारतीय वायु सेना (IAF) ने अभ्यास के दौरान राजस्थान और गुजरात के बड़े हिस्सों में नागरिक उड़ानों को प्रतिबंधित करने के लिये एयरमैन को नोटिस (NOTAM) जारी किया है, जबकि पाकिस्तान ने 28–29 अक्तूबर 2025 के आसपास अपने केंद्रीय और दक्षिणी वायु क्षेत्र में समान रूप से हवाई मार्गों पर प्रतिबंध लगाया है, सम्भवत: अपने सैन्य अभ्यास या हथियार परीक्षण के कारण।