छत्तीसगढ़ में Ni-Cu-PGE भंडार की खोज | 07 Aug 2025

चर्चा में क्यों?

छत्तीसगढ़ के महासमुंद ज़िले में निकल, ताँबा और प्लैटिनम समूह तत्त्वों (Ni-Cu-PGE) का एक महत्त्वपूर्ण भंडार खोजा गया है।

मुख्य बिंदु

  • खोज के बारे में: 
    • डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड (DGML) को छत्तीसगढ़ में भालूकोना-जमनीडीह ब्लॉक के लिये 30 वर्ग किमी का कंपोजिट लाइसेंस प्रदान किया गया, जिससे अन्वेषण और खनन की अनुमति मिल गई।
    • माफिक-अल्ट्रामैफिक चट्टान संरचनाओं के भीतर 700 मीटर विस्तृत खनिज क्षेत्र की पहचान की गई है।
    • भू-भौतिकीय सर्वेक्षणों से 300 मीटर गहराई तक सल्फाइड खनिज की उपस्थिति का पता चलता है, जो पर्याप्त संसाधन क्षमता का संकेत देता है।
  • अन्वेषण प्रक्रिया:
    • भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने इस क्षेत्र में G4-स्तरीय अन्वेषण किया था और निकल, क्रोमियम तथा PGE के संकेतों की पहचान की है। 
    • इन निष्कर्षों की बाद में छत्तीसगढ़ भूविज्ञान एवं खनिज निदेशालय (DGM) द्वारा पुष्टि की गई, जिसके पश्चात् इस खंड की ई-नीलामी करवाई गई।
  • महत्त्व
    • इस महत्त्वपूर्ण खनिजों की खोज से आत्मनिर्भर भारत पहल को विशेष रूप से आगे बढ़ाने, प्रमुख संसाधनों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने तथा महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में सतत् विकास के लिये भारत के रणनीतिक लक्ष्यों को समर्थन मिलेगा।
    • निकल और PGE जैसे खनिजों की खोज हरित तथा उच्च तकनीक प्रौद्योगिकियों की ओर वैश्विक प्रवृत्ति के अनुरूप है, जो भविष्य के नवाचार एवं औद्योगिक विकास के लिये आवश्यक सामग्री प्रदान करती है।
  • छत्तीसगढ़ की खनिज नीलामी
    • राज्य सरकार द्वारा अब तक ग्रेफाइट, निकल, क्रोमियम, PGEs, लिथियम, ग्लॉकोनाइट, फॉस्फोराइट, ग्रेफाइट-वैनाडियम जैसे महत्त्वपूर्ण खनिजों वाले 51 खनिज खंडों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है।
    • इसके अतिरिक्त, केंद्रीय खनन मंत्रालय के अधीन छह टिन ब्लॉक नीलामी की प्रतीक्षा में हैं।
    • छत्तीसगढ़ भूविज्ञान एवं खनिज निदेशालय (DGM) ने शैक्षणिक, अनुसंधान और उद्योग संस्थानों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने के लिये एक महत्त्वपूर्ण खनिज प्रकोष्ठ (Critical Mineral Cell) की स्थापना की है।
    • इस पहल का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना और महत्त्वपूर्ण खनिजों के अन्वेषण को सुव्यवस्थित करना है।
  • प्लैटिनम समूह तत्त्व (PGEs)
    • PGE छह धातु तत्त्वों का एक समूह है- प्लैटिनम (Pt), पैलेडियम (Pd), रोडियम (Rh), रूथेनियम (Ru), ऑस्मियम (Os) और इरिडियम (Ir)। 
    • ये तत्त्व आम तौर पर खनिज निक्षेपों में एक साथ पाए जाते हैं तथा अक्सर मैफिक और अल्ट्रामैफिक चट्टानों में पाए जाने वाले निकल तथा ताँबे के निक्षेपों के साथ या उनके उप-उत्पादों के रूप में जुड़े होते हैं।
    • प्रमुख Ni-Cu-PGE भंडार दक्षिण अफ्रीका, रूस और कनाडा जैसे स्थानों में खनन किये जाते हैं।
    • महत्त्व
      • Ni-Cu-PGE भंडार वैश्विक स्तर पर अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि ये उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के लिये अनिवार्य हैं।
      • निकल का उपयोग स्टेनलेस स्टील और उच्च-शक्ति मिश्रधातुओं के निर्माण में होता है।
      • विद्युत अवसंरचना के लिये ताँबा महत्त्वपूर्ण है।
      • उत्प्रेरक कन्वर्टर्स (वाहनों में प्रदूषण नियंत्रण के लिये), इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा उपकरण और आभूषणों के निर्माण में PGE अपरिहार्य हैं।
      • इनका सामरिक महत्त्व बढ़ता ही जा रहा है, क्योंकि ये इलेक्ट्रिक वाहन बैटरियों और नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में भी मूलभूत घटक हैं।