झारखंड में डिजिटल हैबिटेशन मैपिंग | 27 Nov 2025

चर्चा में क्यों?

झारखंड ने स्कूल अवसंरचना में सुधार, शैक्षिक पहुँच की निगरानी तथा आवासीय-क्षेत्र स्तर के अंतरालों की पहचान करके छात्रों के स्कूल छोड़ने की दर को कम करने हेतु डिजिटल हैबिटेशन मैपिंग (DHM) लागू किया है।

मुख्य बिंदु 

  • डिजिटल हैबिटेशन मैपिंग के बारे में:
    • यह एक राज्यव्यापी पहल है, जिसका उद्देश्य प्रत्येक आवासीय-क्षेत्र के स्कूलों, परिवहन नेटवर्क तथा आवश्यक सार्वजनिक उपयोगिताओं तक पहुँच का व्यवस्थित रूप से मूल्यांकन करना है।
    • यह सार्वभौमिक प्राथमिक साक्षरता, समावेशी स्कूली शिक्षा और वास्तविक समय के साक्ष्य के आधार पर शैक्षिक संसाधनों के समान वितरण को बढ़ावा देकर नई शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों का समर्थन करता है। 
  •  प्रमुख विशेषताएँ:
    •  DHM, GIS-आधारित वास्तविक-समय दृश्यांकन उपकरणों का उपयोग करके आवास-समूहों (habitation clusters) तथा निकटतम विद्यालय तक छात्रों द्वारा तय की जाने वाली दूरी का मानचित्रण करता है।
    • यह प्लेटफॉर्म UDISE+ के साथ एकीकृत है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि योजना और निर्णय लेने में सटीक, प्रमाणित तथा नियमित रूप से अद्यतन स्कूल-स्तरीय जानकारी पर विश्वास किया जा सके।
  • योजना और लक्षित क्षेत्र:
    • DHM से प्राप्त जानकारी से नए विद्यालयों की स्थापना, छात्रावास सुविधाओं के विस्तार, परिवहन-सहायता के उन्नयन तथा वर्तमान शैक्षिक अवसंरचना को उन्नत करने के संबंध में डेटा-आधारित निर्णय लेने में सहायता मिलती है।
    • यह प्रणाली शिक्षकों का मार्गदर्शन करके और शौचालय, सुरक्षित पेयजल, विद्युत् तथा डिजिटल अवसंरचना जैसी आवश्यक सुविधाओं का प्रावधान सुनिश्चित करके सूक्ष्म नियोजन (micro-planning) को सुदृढ़ करती है।
    • यह पहल विशेष रूप से दूरस्थ ग्रामीण तथा अनुसूचित जनजाति-प्रधान आवासों पर ध्यान देती है जहाँ अव्यवस्थित आबादी तथा दुर्गम भू-आकृतियाँ नियमित विद्यालय उपस्थिति में बाधा उत्पन्न करती हैं और स्कूल छोड़ने की दर को बढ़ाती हैं।