अहिल्या लोक परियोजना | 22 Dec 2025
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश सरकार ने महेश्वर में नर्मदा नदी के तट पर एक प्रमुख सांस्कृतिक एवं विरासत परियोजना ‘अहिल्या लोक’ की घोषणा की।
मुख्य बिंदु
- परियोजना का उद्देश्य: 'अहिल्या लोक' का विकास अहिल्याबाई होलकर की विरासत को सम्मानित करने और महेश्वर में पर्यटन तथा सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ करने के लिये किया जा रहा है।
- स्थान एवं स्थल: यह परियोजना महेश्वर में नर्मदा नदी के किनारे स्थापित की जाएगी।
- निवेश: परियोजना की अनुमानित लागत 110 करोड़ रुपये है।
- सांस्कृतिक एवं शिल्प क्षेत्र: एक हाट बाज़ार, जिसमें सजीव बुनाई प्रदर्शन तथा शिल्पकार क्षेत्र शामिल होंगे, महेश्वर की पारंपरिक हस्तशिल्प कला को प्रोत्साहित करेंगे।
- आगंतुकों के लिये सुविधाएँ: परिसर में सुसज्जित उद्यान, नदी-तट पथ, सार्वजनिक सहभागिता क्षेत्र तथा चयनित अनुभव विकसित किये जाएंगे, जिनका उद्देश्य पर्यटन और आगंतुक सहभागिता को बढ़ाना है।
- अहिल्याबाई होलकर:
- अहिल्याबाई होल्कर (1725–1795) मालवा की होल्कर वंश की प्रसिद्ध शासक थीं, जिन्होंने नर्मदा नदी के तट पर स्थित महेश्वर को राजधानी बनाकर शासन किया।
- सांस्कृतिक संरक्षण में भूमिका: उन्होंने संपूर्ण भारत में प्रमुख मंदिरों और घाटों का संरक्षण एवं पुनरुद्धार किया, जिनमें काशी विश्वनाथ, सोमनाथ, द्वारका तथा रामेश्वरम शामिल हैं, जिससे राष्ट्रीय सांस्कृतिक एकीकरण को बढ़ावा मिला।
- राष्ट्रीय स्मरणोत्सव:
- हाल ही में अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती 31 मई, 2025 को राष्ट्रीय स्तर पर मनाई गई।
