31वाँ विश्व ओज़ोन दिवस | 17 Sep 2025

चर्चा में क्यों? 

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) ने 16 सितंबर, 2025 को नई दिल्ली में 31वें विश्व ओज़ोन दिवस का आयोजन किया।

मुख्य बिंदु

  • विश्व ओज़ोन दिवस के बारे में: 
    • यह दिवस प्रत्येक वर्ष 16 सितंबर को मनाया जाता है। यह वर्ष 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करने का स्मृति दिवस है, जो एक महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संधि है और इसका उद्देश्य ओज़ोन क्षयकारी पदार्थों (ODS) के उत्पादन एवं उपभोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना है।
    • वर्ष 2025 का विषय, 'विज्ञान से वैश्विक कार्रवाई तक' (From Science to Global Action), पृथ्वी और उसके भविष्य की रक्षा के लिये नीति निर्माण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में वैज्ञानिक खोज की शक्ति पर ज़ोर देता है।

ओज़ोन

  • पृथ्वी की सतह से 10–40 किमी. ऊँचाई पर समतापमंडल (stratosphere) में स्थित ओज़ोन परत हमें हानिकारक UV विकिरण से बचाती है।
  • इस सुरक्षात्मक परत को स्ट्रैटोस्फेरिक ओज़ोन या अच्छा ओज़ोन कहा जाता है। यह नेत्र रोग (मोतियाबिंद), त्वचा कैंसर जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से बचाती है और कृषि, वानिकी तथा समुद्री जीवन की सुरक्षा करती है।
  • अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने कार्रवाई की आवश्यकता को पहचानते हुए वर्ष 1985 में वियना कन्वेंशन और वर्ष 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पारित किये।
  • हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFCs) को मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में शामिल करने से किगाली समझौता हुआ, जिसे भारत ने सितंबर 2021 में अनुमोदित किया।

क्षोभमंडलीय ओज़ोन

  • क्षोभमंडलीय या जमीनी स्तर का ओज़ोन, जिसे खराब ओज़ोन भी कहा जाता है, एक अल्पकालिक जलवायु प्रदूषक है, जो वायुमंडल में केवल कुछ घंटों से लेकर कुछ सप्ताह तक ही रहता है। 
  • इसका कोई प्रत्यक्ष उत्सर्जन स्रोत नहीं है, बल्कि यह एक यौगिक है जो वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (Volatile Organic Compounds- VOC) के साथ सूर्य के प्रकाश और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOX), जो बड़े पैमाने पर मानव गतिविधियों के कारण उत्सर्जित होते हैं, की परस्पर क्रिया से बनता है, इसमें मीथेन भी शामिल है।