Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 26 अगस्त, 2020 | 26 Aug 2020

फास्‍टैग

सरकार ने पूरे देश के राजमार्गों पर टोल प्‍लाजा पर किसी भी छूट के लिये फास्‍टैग अनिवार्य कर दिया है। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और राष्‍ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा सुनिश्‍चित करने के लिये यह निर्णय किया गया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वैध फास्‍टैग वाले वाहनों को 24 घंटे के अंदर वापसी यात्रा करने पर छूट और अन्‍य रियायतें देने के लिये राष्‍ट्रीय राजमार्ग शुल्‍क नियम, 2008 में संशोधन किया है। मंत्रालय ने बताया कि इस संशोधन के बाद छूट स्‍वत: मिलेगी और 24 घंटे के अंदर वापसी यात्रा करने वाले वाहनों के लिये पूर्व जानकारी देना जरूरी नहीं होगा। फास्ट टैग एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) कार्ड होता है जिसे वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। वाहनों को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन कार्ड के रूप में एक रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग (Radio Frequency Tag) जारी किया जाता है। प्रत्येक टोल प्लाज़ा पर एक RFID रीडर लगा होता है जो एक सेंसर के रूप में कार्य करता है और रेडियो फ्रीक्वेंसी द्वारा कार्ड की वैधता एवं धनराशि की जाँच करता है। यदि कार्ड में धनराशि उपलब्ध है तो टोल शुल्क का भुगतान स्वतः ही कार्ड से हो जाता है और वाहन टोल पर बिना रुके वहाँ से गुज़र जाता है।

मुक्त बाज़ार परिचालन

भारतीय रिजर्व बैंक मुक्त बाज़ार परिचालन (Open Market Operations-OMO) के जरिए कुल 20,000 करोड़ रुपये मूल्य की सरकारी प्रतिभूतियों की साथ-साथ खरीद-बिक्री करेगा। OMO का परिचालन दो चरण में किया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि नीलामी 2 चरणों में 27 अगस्त और 3 सितंबर को आयोजित की जाएगी। RBI 27 अगस्त को आयोजित किये जाने वाले OMO के अंतर्गत वर्ष 2024 से वर्ष 2032 के बीच परिपक्व होने वाली लंबी अवधि की सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदेगा। वहीं केंद्रीय बैंक इस वर्ष अक्टूबर और नवंबर में परिपक्व हो रही प्रतिभूतियों की बिक्री करेगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि वह तरलता और बाजार स्थितियों पर लगातार नज़र बनाए रखेगा और पूँजी बाजार के व्‍यवस्थित कामकाज को सुनिश्चित करने के लिये उचित उपाय भी करेगा। सरकारी प्रतिभूतियों की एक ही समय खरीद-बिक्री कार्यक्रम में लंबी परिपक्‍वता अवधि वाली सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद और समान मूल्‍य वाली लघु-अवधि की प्रतिभूतियाँ शामिल होंगी।

अफ्रीका महाद्वीप पोलियो मुक्त घोषित

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) ने बताया है कि अफ्रीका महाद्वीप के अंतिम देश नाइजीरिया के पोलियो मुक्त देश घोषित होने के बाद 25 अगस्त 2020 को पूरा अफ्रीका महाद्वीप वाइल्ड पोलियो से मुक्त हो गया। अफ्रीकी देश नाइजीरिया में ही पोलियो वायरस शेष था। पिछले चार वर्षों से यहाँ पोलियो का एक भी मामला नहीं आया है। WHO ने वर्ष 1988 में वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल शुरू की थी, तब से लेकर अब तक लगभग पूरी दुनिया से पोलियो को खत्म किया जा चुका है। अफ्रीका में आखिरी बार पोलियो का मामला वर्ष 2016 में नाइजीरिया में आया था। अफ्रीका महाद्वीप को पोलियो वायरस से मुक्त घोषित किये जाने के बाद केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही ऐसे देश होंगे जहाँ पोलियो वायरस सक्रिय अवस्था में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि यह दूसरी बार है जब अफ्रीका में किसी वायरस को खत्म किया गया है। चार दशक पूर्व अफ्रीका महाद्वीप में चेचक को पूरी तरह से समाप्त किया गया था।

अफ्स्पा

गृह मंत्रालय ने सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम 1958 (Armed Forces Special Powers Act-AFSPA) की धारा 3 के तहत प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए छह माह की अवधि के लिये असम को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया है। यह अवधि 28 अगस्त से प्रभावी होगी। सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (AFSPA) 1958 में एक अध्यादेश के माध्यम से लाया गया था तथा तीन माह के भीतर ही इसे कानूनी जामा पहना दिया गया था। वर्ष 1958 और इसके बाद पूर्वोत्तर भारत: भारत में संविधान लागू होने के बाद से ही पूर्वोत्तर राज्यों में बढ़ रहे अलगाववाद, हिंसा और विदेशी आक्रमणों से प्रतिरक्षा के लिये मणिपुर और असम में 1958 में AFSPA लागू किया गया था। इसे 1972 में कुछ संशोधनों के बाद असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिज़ोरम और नगालैंड सहित समस्त पूर्वोत्तर भारत में लागू किया गया था। AFSPA के तहत केंद्र सरकार राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर किसी राज्य या क्षेत्र को अशांत घोषित कर वहाँ केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करती है। विभिन्न धार्मिक, नस्लीय, भाषायी, क्षेत्रीय समूहों, जातियों, समुदायों के बीच मतभेद या विवादों के चलते राज्य या केंद्र सरकार किसी क्षेत्र को अशांत घोषित करती है।