Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 10जनवरी, 2024 | 10 Jan 2024

लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये पुरस्कार, 2023 

लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार, 2023 के लिये योजना तथा वेब-पोर्टल हाल ही में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (Department of Administrative Reforms & Public Grievances) द्वारा लॉन्च किया गया था।

  • व्यक्तिगत लाभार्थियों को लक्षित करके तथा कार्यान्वयन में परिपूर्ण दृष्टिकोण को नियोजित करके ज़िला कलेक्टर के प्रदर्शन को उजागर करने के लिये पुरस्कार योजना को पुनर्गठित किया गया है।
  • इसका उद्देश्य दो श्रेणियों के तहत सिविल सेवकों के योगदान को मान्यता देना है जिनमें 12 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में ज़िलों के समग्र विकास के लिये 10 पुरस्कार तथा केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों तथा विभिन्न राज्यों एवं ज़िलों में नवाचारों के लिये 6 पुरस्कार शामिल हैं।
  • इस योजना का लक्ष्य रचनात्मक प्रतिस्पर्द्धा, नवाचार, प्रतिकृति तथा सर्वोत्तम प्रथाओं की स्थापना को बढ़ावा देना है।
  • यह केवल मात्रात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने के बजाय सुशासन, गुणात्मक उपलब्धियों और अंतिम मील कनेक्टिविटी को बढ़ाने को के लिये प्राथमिकता देता है।

और पढ़ें…ज़िला कलेक्टर की भूमिका के पुनर्निर्धारण की आवश्यकता

भारत-म्याँमार मुक्त संचरण व्यवस्था समाप्त होने की संभावना

भारत सरकार म्याँमार के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर मुक्त संचरण व्यवस्था (Free Movement Regime) को समाप्त करने और संपूर्ण क्षेत्र में एक व्यापक स्मार्ट बाड़ लगाने की व्यवस्था शुरू करने की योजना बना रही है।

  • 2018 में लागू की गई मुक्त संचरण व्यवस्था (Free Movement Regime- FMR), भारत-म्याँमार सीमा के दोनों ओर रहने वाले लोगों को बिना वीज़ा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किमी. तक जाने की अनुमति देती है।
    • वे एक साल की वैधता वाला बॉर्डर पास दिखाकर सीमा पार कर सकते हैं और दो सप्ताह तक यहाँ रह सकते हैं।
  • भारत और म्याँमार के बीच 1,643 किलोमीटर (मिज़ोरम 510 किलोमीटर, मणिपुर 398 किलोमीटर, अरुणाचल प्रदेश 520 किलोमीटर व नगालैंड 215 किलोमीटर) की सीमा है तथा दोनों तरफ के लोगों के बीच घनिष्ठ संबंध है।

और पढ़ें: भारत-म्याँमार संबंध

तेलंगाना में बाढ़ से पुरापाषाणकालीन औजारों का पता चला

तेलंगाना के मुलुगु ज़िले में हाल ही में आई बाढ़ से पुरापाषाणकालीन क्वार्टज़ाइट औजारों की एक नई खोज हुई है। औजार एवं कुल्हाड़ियाँ जलधारा के रेतीले तल में पाई गईं जो बाढ़ के बाद सूख गया था।

  • ये कुल्हाड़ियाँ मुलुगु ज़िले के गुर्रेवुला और भूपतिपुरम गाँवों के बीच की धारा में पाई गईं।
    • जीवाश्म विज्ञानियों के अनुसार, पत्थर की कुल्हाड़ी प्रारंभिक या निम्न पुरापाषाण काल की है और लगभग 30 लाख वर्ष पुरानी है।
  • पुरापाषाण युग लगभग 33 लाख वर्ष ईसा पूर्व का है, जिसकी अवधि 10,000 वर्ष है। पुरापाषाण काल के शिकारी संग्रहकर्त्ता लकड़ी काटने तथा जीविका के लिये जानवरों का शिकार करने हेतु भारी क्वार्टज़ाइट और बड़े औजारों का उपयोग करते थे।
  • इसके अलावा, वर्ष 1863 में ईस्ट इंडिया कंपनी की भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम ने मद्रास (वर्तमान चेन्नई) के निकट अत्तिरमपक्कम में एक पुरापाषाण स्थल की खोज की।
    • तब से पुरापाषाण संस्कृति को मद्रास हस्त-कुल्हाड़ी उद्योग या मद्रासियन संस्कृति का नाम दिया गया है।

2023 रिकॉर्ड स्तर पर सबसे गर्म वर्ष

2023 रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वर्ष माना गया है, जो वैश्विक जलवायु प्रतिरूप और अत्यधिक मौसम की घटनाओं के लिये महत्त्वपूर्ण निहितार्थ के साथ 2016 के रिकॉर्ड को पार कर गया है।

  • 2023, 1850-1900 पूर्व-औद्योगिक स्तर के औसत से लगभग 1.48°C अधिक गर्म था।
    • लगभग 50% दिन समान आधार रेखा से 1.5°C से अधिक गर्म थे।
  • 2023 में रिकॉर्ड तापमान के कारण बड़े पैमाने पर गर्मी, बाढ़, सूखा और जंगल की आग लगी
  • 2023 में अल-नीनो की शुरुआत ने तापमान को बढ़ाने में भूमिका निभाई।
    • अल-नीनो एक प्राकृतिक मौसमी घटना है जो पूर्वी प्रशांत महासागर में सतह के जल को गर्म करती है, जो उच्च वैश्विक तापमान बढ़ाने में योगदान देती है। 

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