कृषि एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र | 28 Mar 2024

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

केंद्रीय कृषि मंत्री ने हाल ही में नई दिल्ली के कृषि भवन में कृषि एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (Krishi Integrated Command and Control Centre- ICCC) का उद्घाटन किया जो कृषि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।

कृषि एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र (ICCC) क्या है?

  • परिचय:
    • ICCC कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में स्थित एक अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी-आधारित केंद्र है जिसे भारत मौसम विज्ञान विभाग के माध्यम से मौसम डेटा, डिजिटल फसल सर्वेक्षण से फसल डेटा, कृषि मैपर से किसान और खेत से संबंधित डेटा (जियो-फेंसिंग और भूमि की जियो-टैगिंग के लिये एक ऐप); कृषि सांख्यिकी के लिये एकीकृत पोर्टल से बाज़ार आसूचना जानकारी तथा सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण से उपज अनुमान डेटा जैसे कई सूचना प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों एवं प्लेटफाॅर्मों का उपयोग करके सूचित निर्णय लेने में सहायता के लिये अभिकल्पित किया गया है।
    • यह कृषि डेटा एकत्र करने और संसाधित करने के लिये कृत्रिम मेधा, रिमोट सेंसिंग तथा  भौगोलिक सूचना प्रणाली जैसी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करेगा।
    • ICCC फसल की पैदावार, उत्पादन, सूखे की स्थिति, सस्यन प्रतिरूप (Cropping Pattern), प्रासंगिक रुझान, आउटलेर और प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (KPI) के संबंध में जानकारी प्रदान करता है।
      • यह कृषि योजनाओं, कार्यक्रमों, परियोजनाओं और पहलों पर अंतर्दृष्टि, अलर्ट तथा फीडबैक भी प्रदान करता है। 
    • इसमें मानचित्र, समयरेखा और ड्रिल-डाउन दृश्य शामिल हैं जो कृषि निर्णय समर्थन प्रणाली (DSS) के माध्यम से एक व्यापक मैक्रो चित्र पेश करता है।
    • यह एकीकृत विज़ुअलाइज़ेशन त्वरित और कुशल निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करता है तथा भविष्य में इसे PM-किसान चैटबॉट के साथ जोड़ा जा सकता है। 
  • व्यावहारिक अनुप्रयोग:
    • किसान सलाह: 
      • ICCC GIS-आधारित मृदा कार्बन मैपिंग और मृदा स्वास्थ्य कार्ड डेटा के विज़ुअलाइज़ेशन की अनुमति देता है, जिससे किसानों के लिये उपयुक्त फसलों के साथ उनकी जल एवं उर्वरक आवश्यकताओं के बारे में अनुकूलित सलाह तैयार की जा सकती है।
    • अनावृष्टि कार्रवाई: 
      • ICCC उपज डेटा को मौसम और वर्षा की जानकारी के साथ जोड़ता है, जिससे विशिष्ट क्षेत्रों में उपज में परिवर्तन के प्रति सक्रिय निर्णय लेने में सुविधा होती है।
    • फसल विविधीकरण:
      • धान के लिये फसल विविधीकरण मैपिंग और क्षेत्र परिवर्तनशीलता का विश्लेषण विविध फसल की संभावना वाले क्षेत्रों की पहचान करने में सहायता करता है, जिससे किसानों को उपयुक्त सलाह मिलती है।
    • फार्म डेटा रिपोज़िटरी:
      • कृषि निर्णय सहायता प्रणाली (K-DSS) एक कृषि डेटा भंडार के रूप में कार्य करती है, जो साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने और किसानों के लिये अनुकूलित सलाह तैयार करने में सहायता करती है।
    • उपज का सत्यापन:
      • ICCC सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करते हुए, एक प्लॉट के लिये सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण (GCES) एप्लीकेशन के माध्यम से उत्पन्न डेटा के साथ कृषि मैपर के माध्यम से प्राप्त उपज डेटा को मान्य करता है।
  • आगे बढ़ने का रास्ता:
    • ICCC किसान ई-मित्र और PM-किसान लाभार्थियों के लिये विकसित चैटबॉट जैसे ऐप के माध्यम से व्यक्तिगत किसान-स्तरीय सलाह तैयार करने हेतु एक पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित कर सकता है।
      • मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्रणाली एक किसान की पहचान उनके मोबाइल नंबर या आधार के माध्यम से करेगी, इसे भूमि रिकॉर्ड से उनके क्षेत्र की जानकारी, पूर्व की फसल बुआई की जानकारी एवं IMD से मौसम डेटा के साथ मिलान कर कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद के लिये भाषिनी मंच का उपयोग करके स्थानीय भाषा में एक अनुकूलित सलाह तैयार करेगी।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. जलवायु-अनुकूल कृषि (क्लाइमेट-स्मार्ट एग्रीकल्चर) के लिये भारत की तैयारी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. भारत में ‘जलवायु-स्मार्ट ग्राम (क्लाइमेट-स्मार्ट विलेज)’ दृष्टिकोण, अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान कार्यक्रम-जलवायु परिवर्तन, कृषि एवं खाद्य सुरक्षा (सी.सी.ए.एफ.एस.) द्वारा संचालित परियोजना का एक भाग है। 
  2. सी.सी.ए.एफ.एस. परियोजना, अंतर्राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान हेतु परामर्शदात्री समूह (सी.जी.आई.ए.आर.) के अधीन संचालित किया जाता है, जिसका मुख्यालय फ्राँस में है।  
  3. भारत में स्थित अंतर्राष्ट्रीय अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान (आई.सी.आर.आई.एस.ए.टी.), सी.जी.आई.ए.आर. के अनुसंधान केंद्रों में से एक है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

(a) केवल 1 और 2            
(b)  केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3

उत्तर:(d)


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)

राष्ट्रव्यापी 'मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना' (साॅइल हेल्थ कार्ड स्कीम) का उद्देश्य है।

  1. सिंचित कृषियोग्य क्षेत्र का विस्तार करना।
  2. मृदा गुणवत्ता के आधार पर किसानों को दिये जाने वाले ऋण की मात्रा का आकलन करने में बैंकों को समर्थ बनाना।
  3. कृषि भूमि में उर्वरकों के अति-उपयोग को रोकना।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)